लोक गीत और नृत्य से गुलजार छुट्टी की शाम
उत्तराखंड महोत्सव : तीसरे दिन उत्तराखंड के साथ महाराष्ट्र, असोम और राजस्थान के कलाकारों ने दी प्रस्तुति, परिवार संग लोगों ने उठाया रंगारंग कार्यक्रमों का लुत्फ।
लखनऊ, जेएनएन । लोक गीत और नृत्य से रविवार की शाम गुलजार रही। परिवार संग लोगों ने रंगारंग कार्यक्रमों का लुत्फ उठाया। साथ ही स्टॉलों पर खरीदारी भी की। उत्तराखंड महोत्सव के तीसरे दिन उत्तराखंड के साथ ही महाराष्ट्र और असोम के कलाकारों ने प्रस्तुति दी। आयोजन पं. गोविंद बल्लभ पंत सांस्कृतिक उपवन (गोमती तट) पर चल रहा है।
काफव किड्स प्रतियोगिता में अंशुलिका त्यागी ने प्रथम, दिव्यांश सिंह ने द्वितीय और पर्णिका ने तृतीय स्थान हासिल किया। सलाद प्रतियोगिता में सुनीता बिष्ट प्रथम, रीना आर्या द्वितीय और चांदनी गुप्ता तृतीय स्थान पर रहीं। चित्रकला प्रतियोगिता में जज सीता नेगी और पुष्पा वैष्णव द्वारा दीपा पटवाल को विजेता घोषित किया गया। वहीं शिवांगी भारद्वाज दूसरे, वरदान तीसरे और अक्षिता आर्या चौथे स्थान पर रहीं। एआरटीओ रितु सिंह ने विजेताओं को पुरस्कार वितरण के साथ यातायात नियमों के बारे में भी बताया।
नृत्यधाम कला केंद्र के निशि तिवारी के निर्देशन में 'गणेश वंदना एक दन्ताय वक्र तुण्डाय...Ó की प्रस्तुति से सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत हुई। युगल नृत्य सूफी कथक मुरसीद खेले होली... में कलाकार सपना, पियुष और संगीतांजलि गु्रप द्वारा हरियाणा के प्रसिद्ध घूमर नृत्य की प्रस्तुति आकर्षक रही। लोक गायिका हरितिमा पंत ने कुमाऊं का प्रसिद्ध गीत हिट कमू नै जानों, मिलना जौहर, आई रे चैत बैसाखा... ने दर्शकों को पहाड़ की याद दिला दी। महाराष्ट्र का लावणी और असोम का बीहू नृत्य भी खास रहा। उत्तराखंड महापरिषद रंगमंडल के कलाकारों ने गढवाल का प्रसिद्ध थडिय़ा नृत्य वीराला फूलै फुलि गै मेरा भाना ग्वीराला... की प्रस्तुति दी।