UP Civic Election 2022: उड़न दस्ते पकड़ेंगे निकाय चुनाव की गड़बड़ियां, दो लाख से अधिक की नकदी हो जाएगी जब्त
UP Urban Body Election 2022 उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की तैयारियां शुरु हो गई हैं। निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों में उड़न दस्ते गठित करने के निर्देश दिए हैं। वहीं दो लाख से अधिक नकदी बगैर अभिलेखों के मिली तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। UP Urban Body Election 2022 नगरीय निकाय चुनाव में उड़न दस्ते गड़बड़ी करने वाले प्रत्याशियों पर पैनी नजर रखेंगे। प्रत्याशी मतदाताओं को नकद, शराब या अन्य गिफ्ट देकर प्रभावित न कर सकें इस पर उड़न दस्ते विशेष ध्यान रखेंगे। बगैर जरूरी अभिलेखों के दो लाख रुपये से अधिक नकदी ले जाते मिली तो उसे जब्त कर लिया जाएगा।
निर्वाचन आयोग ने दिए सभी जिलों में उड़न दस्ते गठित करने के निर्देश
- राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों में इन्हें गठित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है।
- इस बार 760 नगरीय निकायों का चुनाव होना है। आयोग ने सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में अधिकतम व्यय सीमा की निगरानी के लिए समिति गठित की है।
- आयोग ने अब पर्यवेक्षण एवं निगरानी के लिए उड़न दस्ते गठित करने के निर्देश दिए हैं। इसमें कार्यकारी मजिस्ट्रेट और एक पुलिस अधिकारी रहेंगे।
- इसके अलावा तीन-चार सशस्त्र पुलिस कर्मी भी रहेंगे। उड़न दस्ता की पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। इसलिए उड़न दस्ते में वीडियो कैमरा व वीडियो ग्राफर भी रहेगा।
- प्रत्येक कार्रवाई की सीडी की एक प्रति जिला स्तरीय समिति व एक प्रति संबंधित व्यक्ति को दी जाएगी।
- आयोग के विशेष कार्याधिकारी एसके सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह उड़न दस्ते चुनाव चिह्न आवंटन के दिन से काम करना शुरू कर देंगे।
- यह दस्ता यह देखेगा कि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए उनके बीच रुपये, शराब या फिर कोई अन्य वस्तु का वितरण तो नहीं हो रहा है।
- इन्हें जब्त भी यह उड़न दस्ता करेगा। प्रत्येक जिलाधिकारी अपने यहां निकायवार एक या एक से अधिक निगरानी टीम भी गठित कर सकते हैं।
- निगरानी टीम चेक पोस्ट भी बनाएगी जो अपने क्षेत्र में भारी मात्रा में लाई जा रही नकदी, अवैध शराब या कोई अन्य संदेहास्पद वस्तु या शस्त्रों की आवाजाही पर निगरानी रखेगी।
जिलों में खुलेंगे नियंत्रण कक्ष
नगरीय निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद प्रत्येक जिले में व्यय सीमा संबंधी शिकायतों को प्राप्त करने के लिए नियंत्रण कक्ष खोले जाएंगे। इसमें एक वरिष्ठ अधिकारी प्रभारी के रूप में तैनात होंगे और उनके साथ दो या तीन अधिकारी व कर्मचारी भी लगाए जाएंगे। निर्वाचन व्यय से संबंधित शिकायतें यहां प्राप्त की जाएंगी।