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UP में उफनाईं नदियों का पानी घरों में घुसा, हजारों बेघर लोग पलायन के लिए मजबूर

बांध से पानी छोड़े जाने के कारण प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरा बिंदु के आसपास पहुंच गया है तो कुछ नदियां उससे ऊपर बहकर उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में तबाही मचा रही हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 09:58 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 09:58 PM (IST)
UP में उफनाईं नदियों का पानी घरों में घुसा, हजारों बेघर लोग पलायन के लिए मजबूर
UP में उफनाईं नदियों का पानी घरों में घुसा, हजारों बेघर लोग पलायन के लिए मजबूर

लखनऊ, जेएनएन। बांध से पानी छोड़े जाने के कारण प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरा बिंदु के आसपास पहुंच गया है तो कुछ नदियां उससे ऊपर बहकर उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में तबाही मचा रही हैं। हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। निचले इलाकों में हजारों घरों में पानी घुस गया है। लोग पलायन कर रहे हैं। नाव तक चल रही है, जबकि एनडीआरएफ की टीमें लोगों को राहत शिविर व सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। वहीं रविवार को प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर बारिश तो कहीं पर बूंदाबांदी हुई।

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संगम नगरी प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी से खतरे की निशान की ओर बढ़ रहा है। हजारों घरों में पानी भर जाने से लोग बाढ़ राहत शिविरों और रिश्तेदारों के यहां शरण ले रहे हैं। दारागंज, छोटा बघाड़ा, चांदपुर सलोरी, सलोरी, शिवकुटी, तेलियरगंज, मेहदौरी, रसूलाबाद, बेली गांव, बेली कछार, राजापुर, नेवादा, गौसनगर, करैलाबाग, नैनी, झूंसी और फाफामऊ में कछारी इलाकों में पानी भर गया है। निचले इलाकों में नाव चलने लगी हैैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में रह रहे लोग जरूरत का सामान लेने के लिए नाव से बाहर आ रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में लगी हैं। पानी जिस तेजी से बढ़ रहा है, उससे आशंका है कि सोमवार शाम तक जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाएगा। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 31 शिविर बनाए गए हैं। बाढ़ की स्थिति यह है कि रविवार शाम को फाफामऊ में गंगा और नैनी में यमुना अब खतरे के निशान से 77 सेंटीमीटर दूर हैं।

पूर्वांचल के जिलों में गंगा विकराल रूप धारण कर रही है। वहीं सहायक नदियां भी उफन गईं। वाराणसी में गंगा का पानी तटवर्ती इलाके में प्रवेश कर गया। वरुणा व गोमती नदी का पानी भी रिहायशी इलाके में घुस गया है। लोग छतों पर शरण लिए हुए हैं। एनडीआरएफ के जवानों ने राहत कार्य शुरू कर दिया है। बलिया में रविवार की सुबह से जहां गंगा का रौद्र रूप सामने आने लगा वहीं गाजीपुर और मीरजापुर में भी जल-स्तर खतरे के निशान को पार गया। बलिया के केहरपुर में स्कूल, पानी टंकी, स्वास्थ्य केंद्र और दर्जन भर रिहायशी मकान गंगा की तेज धाराओं में समा गए। तटवर्ती इलाकों के लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में घर-बार छोड़कर पलायन कर रहे हैं। यहां गंगा खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही हैं। गाजीपुर में गंगा नदी चेतावनी बिन्दु से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है। मीरजापुर और भदोली में भी हालात विकट हैं। पश्चिमी उप्र के विभिन्न जिलों में रविवार को बारिश तो कहीं-कहीं पर बूंदाबांदी हुई। बादल छाये रहे।


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