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Flood Warning in UP: बार‍िश और नेपाली नद‍ियों से आ रहे पानी ने बढ़ाई च‍िंता, बाढ़ की आशंका से ग्रामीण सहमें

बहराइच में नेपाली नदियों से आने वाले पानी को बैराजों से छोड़े जाने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार की सुबह तीनों बैराजों से दो लाख 15 हजार 384 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जलस्तर स्थिर होने के बावजूद कुछ गांवों में कटान जारी है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 18 Jun 2021 03:52 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jun 2021 03:52 PM (IST)
बहराइच में बैराजों से छोड़ा गया 2.15 लाख क्यूसेक पानी, जलस्तर स्थिर होने के बावजूद कटान जारी।

लखनऊ, जेएनएन। बारिश, बैराज और नेपाली नद‍ियों से आ रहे पानी से कई ज‍िलों में बाढ़ की आशंका बनी हुई है। शारदा व घाघरा नदियों के जलस्‍तर बढ़ने से सीतापुर, गोंडा, अंबेडकरनगर और बाराबंकी के कई इलाकों में मुश्‍क‍िलें बढ़ने लगी हैं। जलस्तर स्थिर होने के बावजूद कुछ गांवों में कटान जारी है। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सभी जगहों पर प्रशासन ने तैयार‍ियां शुरू कर दी हैं। राजस्व कर्मचारियों की टीम कटान प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कर रही हैं। सीतापुर में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए लखनऊ की डोगरा रेजिमेंट के जवानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर तैयारियों का हाल जाना। हालांक‍ि अभी कई ज‍िलों में नद‍ियां खतरे के न‍िशान से नीचे हैं। 

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बहराइच में नेपाली नदियों से आने वाले पानी को बैराजों से छोड़े जाने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार की सुबह तीनों बैराजों से दो लाख 15 हजार 384 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सुबह से घाघरा का जलस्तर स्थिर है। जलस्तर स्थिर होने से घाघरा के तटवर्ती गांवों में बाढ़ की संभावना कुछ समय के लिए कम हुई है लेकिन दोबारा पानी छोड़े जाने के बाद से आगामी कुछ घंटों में जलस्तर बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। जलस्तर स्थिर होने के बावजूद कुछ गांवों में कटान जारी है। जलस्तर में उतार-चढ़ाव के साथ तहसील प्रशासन भी हरकत में आ गया है। कैसरगंज तहसील के मंझारा तौंकली ग्राम पंचायत के ग्यारह सौ रेती, भिरगूपुरवा व हरिजनबस्ती गांव में घाघरा ने कटान शुरू कर दिया है। गांव निवासी श्यामनरायन का मकान धारा में समाहित हो गया जबकि तटवर्ती किसानों की 12 बीघे कृषि योग्य भूमि धारा में समाहित हो गई। प्रभावित क्षेत्र के वाशिंदे सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर रहे हैं।

एसडीएम कैसरगंज महेश कुमार कैथल ने बताया कि कटान प्रभावित गांवों का जायजा लिया गया है। कटान पीड़ितों को तिरपाल व खाद्यान्न मुहैया कराया गया है। राजस्व कर्मचारियों की टीम कटान प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कर रही हैं। महसी तहसील के तिकुरी ग्राम पंचायत पर भी घाघरा की क्रूर लहरों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। कृषि योग्य भूमि को निगलते हुए घाघरा ग्रामीणों के आशियानों की ओर बढ़ रही है। जलस्तर में उतार-चढ़ाव के बाद भीषण बाढ़ व कटान की आशंका से तटवर्ती ग्रामीण सहमें हुए हैं। शुक्रवार की सुबह आठ बजे एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर लाल निशान 106.07 मीटर के सापेक्ष 105.626 मीटर रिकॉर्ड किया गया। यहां घाघरा लाल निशान से महज 44 मीटर नीचे बह रही है। सरयू ड्रेनेज खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता शोभित कुशवाहा ने बताया कि शुक्रवार की सुबह आठ बजे शारदा बैराज से 39 हजार 365, गिरिजापुरी बैराज से एक लाख 59 हजार 570 व सरयू बैराज से 16 हजार 419 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस तरह तीनो बैराजों से कुल दो लाख 15 हजार 384 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। 

बहराइच की नदियों का जलस्तर

  • नदी बैराज लाल निशान जलस्तर
  • घाघरा गिरजापुरी 136.80 135.65
  • घाघरा एल्गिन ब्रिज 106.07 105.626
  • घाघरा घूरदेवी 112.135 110.530
  • सरयू गोपिया 133.55 132.10
  • शारदा शारदा 135.49 134.65
  • नोट : (जलस्तर मीटर में है)

चेतावनी बिंदु से 81 सेंटी मीटर ऊपर बह रही राप्‍ती

बलरामपुर : राप्ती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नदी चेतावनी बिंदु 103.620 मीटर से ऊपर 81 सेंटीमीटर (104.430) पर बह रही है। नदी का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव के लोगों में बाढ़ की आशंका सताने लगी है। साथ ही पहाड़ी नालों में उफान आ गया है। गौरा चौराहा-तुलसीपुर मार्ग पर दतरंगवा, भुसैलवा व सिंघवापुर डिप पर पानी का बहाव तेज होने से आवागमन में परेशानी हो रही है। लोग जान जोखिम में डालकर डिप पार कर रहे हैं। शुक्रवार सुबह से रूक-रूक कर बारिश होने से मौसम सुहाना हो गया है।

कटान की आशंका से सुरक्षित स्‍थानों की तलाश में ग्रामीण

गाेंडा : शुक्रवार की भोर हल्की फुहारें पड़ी। इसके बाद बादल छा गए। विभिन्न इलाकों में बारिश भी हुई। बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में इजाफा हो रहा है। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 48 व अयोध्या में सरयू नदी 70 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। घाघरा नदी में 2.15 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है। तरबगंज तहसील के ऐलीपरसौली में कटान की आशंका से ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन शुरू कर दिया है। डीएम मार्कण्डेय शाही ने कर्नलगंज व तरबगंज एसडीएम को निगरानी के निर्देश दिए हैं।

बढ़ रहा जलस्तर, मुश्किल में ग्रामीण

सीतापुर में बारिश व बैराजों से छोड़ा गया पानी रेउसा ब्लाक के बाढ़ प्रभावित गांवों के ग्रामीणों की मुश्किल बढा रहा है। शारदा व घाघरा नदियों के बढ़ते जलस्तर ने फौजदारपुरवा, कोनीपुरवा, परमेश्वरपुरवा, जटपुरवा आदि गांवों के निवासियों की नींद गायब कर दी है। शुक्रवार को भी नदियों के पानी मे बढ़ोतरी दर्ज की गई। नदी का पानी गांव फौजदार पुरवा व कोनीपुरवा के समीप पहुंच गया है। पानी कम न हुआ तो दो दिन में घाघरा का पानी गांव में घुस जाएगा। वहीं बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए लखनऊ की डोगरा रेजिमेंट के जवानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर तैयारियों का हाल जाना। प्रशासनिक अमला भी अलर्ट हो गया है।

अयोध्या में सरयू के जलस्तर में वृद्धि का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। गुरुवार को सायं पांच बजे जलस्तर 92 मीटर तक पहुंचने के बाद स्थिर हो गया, किंतु शुक्रवार की सुबह से पुन: जलस्तर में वृद्धि शुरू हुई। अपराह्न दो बजे तक जलस्तर 92.060 मीटर रिकार्ड किया गया। जलस्तर में अभी भी वृद्धि जारी है। हालांकि यह वृद्धि आधे सेंटीमीटर प्रति घंटे की भी दर से कम है। इसके बावजूद सरयू का तेवर तटवर्ती लोगों में दहशत पैदा करने लगा है। फिलहाल जलस्तर लालनिशान से अभी भी 66 सेंटीमीटर नीचे है।

अंबेडकरनगर के टाण्डा में घाघरा नदी का जलस्तर गुरुवार सुबह से शुक्रवार सुबह तक नौ सेंटीमीटर बढ़ा है। इस समय घाघरा का जलस्तर खतरे के लाल निशान 92. 730 मीटर से 64 सेंटीमीटर नीचे 92. 06 मीटर पर है। इसके साथ ही शुक्रवार को 30 एमएम बरसात दर्ज की गई। वहीं बाराबंकी में सरयू (घाघरा) नदी का जल स्तर खतरे के निशान 106.070 मीटर के सापेक्ष शुक्रवार को दोपहर दो बजे 105.656 मीटर रहा। खतरे के निशान से आधा मीटर ऊपर जल स्तर होने पर तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी पहुंचने लगेगा।


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