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उत्तर प्रदेश बारिश और बाढ़ का कहर, दस लोगों की मौत, कई गांवों का संपर्क कट गया

लगातार हो रही बारिश के साथ ही बैराजों से नदियों में छोड़े जा रहे पानी से विभिन्न इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 09:44 AM (IST)Updated: Thu, 22 Aug 2019 11:53 AM (IST)
उत्तर प्रदेश बारिश और बाढ़ का कहर, दस लोगों की मौत, कई गांवों का संपर्क कट गया
उत्तर प्रदेश बारिश और बाढ़ का कहर, दस लोगों की मौत, कई गांवों का संपर्क कट गया

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में इन दिनों लगातार हो रही बारिश के साथ ही बैराजों से नदियों में छोड़े जा रहे पानी से विभिन्न इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैैं। बुधवार को कुछ प्रमुख नदियों के जलस्तर पर कमी दर्ज की गई, लेकिन कुछ जिलों में बाढ़ का पानी तबाही मचा रहा है।

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बस्ती में सरयू नदी में उफान से कई गांवों का संपर्क कट गया है जबकि आगरा व मथुरा में यमुना नदी का पानी तटवर्ती क्षेत्रों में घुसने से लोगों में दहशत है। बुधवार को भी प्रदेश के विभिन्न जिलों में रुक-रुककर बारिश हुई। मकान गिरे, वज्रपात हुआ, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई।

लखनऊ व आसपास के कई जिलों में बुधवार को बारिश कहर बनकर टूटी। अमेठी में मकान ढहने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं, रायबरेली में अलग-अलग स्थानों पर मकान व छप्पर ढहने से तीन, अयोध्या में एक बच्चे की जान चली गई जबकि इसी जिले में बिजली गिरने से चार बच्चे झुलसे। बलरामपुर में बिजली गिरने से एक जबकि गोंडा में तीन लोग मारे गए। बुधवार को अवध में नदियां उफान पर आ गई हैं। बहराइच में नेपाल के पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से घाघरा का जलस्तर एक बार फिर बढऩे लगा है। महसी व कैसरगंज तहसील क्षेत्र के 20 गांवों पर बाढ़ का खतरा है। बाराबंकी में घाघरा नदी लाल निशान पार कर गई है। उधर, गिरिजा व बनबसा बैराजों से पानी छोड़े जाने से सीतापुर-लखीमपुर के गांजर क्षेत्र में करीब एक सैकड़ा गांवों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। अयोध्या में सरयू लाल निशान के करीब है।

कानपुर में बुधवार सुबह से रुक-रुककर हुई। हमीरपुर और फतेहपुर में मकान की दीवार गिरने से उसके मलबे में दबकर दो वृद्ध महिलाओं की मौत हो गई। कन्नौज में गंगा का जलस्तर चेतावनी ङ्क्षबदु से एक मीटर दूर है। फर्रुखाबाद गंगा का जलस्तर 136.65 मीटर पर स्थिर है। रामगंगा का जलस्तर घटा है। हमीरपुर और उरई में यमुना और बेतवा का जलस्तर बढ़ रहा है। इटावा में बुधवार को चंबल व यमुना नदी का जलस्तर काफी कम हो गया, लेकिन खतरा बिंदु के आसपास रहा। चित्रकूट में यमुना का जलस्तर बुधवार को घट गया। इससे तटवर्ती इलाकों में राहत महसूस की गई। बस्ती में सरयू नदी में उफान और पानी का विस्तार होने से दर्जन भर से अधिक गांवों का बस्ती मुख्यालय से संपर्क कट गया है।

बिजनौर से गंगा में डिस्चार्ज हुए पानी का असर बुधवार सुबह से ही कासगंज जिले में दिखाई देने लगा। दोपहर होते-होते तो तटवर्ती गांवों में बाढ़ से दहशत फैल गई। कई गांवों में पानी घुस गया। ग्रामीण अपने-अपने घर खाली कर सुरक्षित ठिकानों की ओर जाने लगे। उधर, यमुना में भी जलस्तर निरंतर बढ़ रहा है। मथुरा जिले के शेरगढ़ और नौहझील क्षेत्र में जलस्तर में बढ़ोतरी की आशंका को देखते हुए तटवर्ती क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। चंबल नदी में जलस्तर निरंतर कम होने से प्रभावित इलाकों में राहत महसूस की जा रही है। अलीगढ़ में गंगा, यमुना उफान पर हैैं।

संपर्क मार्गों पर पानी भरने से लोग परेशान हैैं। टप्पल क्षेत्र में यमुना का पानी गांव रामगढ़ी, अमरगढ़ी, शेरपुर, महाराजगढ़ आदि गांवों में पहुंच गया। हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। हरिद्वार और बिजनौर बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर स्थित खादर क्षेत्र के गांवों में जल स्तर बढ़ गया है। गंगा नदी का पानी घरों में पानी घुस आया। हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई। मेरठ के हस्तिनापुर क्षेत्र में खादर के कई गांवों में पानी भर गया है। दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढऩे से मेरठ में रेल यातायात रूट प्रभावित हुआ। मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत व बुलंदशहर से दिल्ली रूट की दर्जनों ट्रेनें बुधवार को रद करनी पड़ीं। कई का रूट बदला गया। 


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