मौसम की मार से खतरे के निशान पर गंगा, तेजी से बढ़ रही बेतवा-यमुना
पिछले कई दिनों से कभी रिमझिम तो कभी झमाझम हो रही बारिश से कच्चे घरों व जर्जर मकानों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है।
लखनऊ (जेएनएन)। पिछले कई दिनों से बादलों की आवाजाही के बीच कभी बारिश कभी उमस परेशान कर रही है। रिमझिम के बीच झमाझम बारिश से घिरों के गिरने का सिलसिला शुरू है। नदियों में बढ़ता पानी तबाही मचाने लगा है। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू है।
उन्नाव, फर्रुखाबाद, कानपुर, फतेहपुर, कन्नौज में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान पर या करीब पहुंच गया है। कटरी और उससे सटे सैकड़ों गांवों को बाढ़ ने अपनी जद में ले लिया। यमुना और बेतवा नदियों के जल स्तर में सात से आठ सेमी प्रति घंटे की दर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। अरिंद नदी कन्नौज में उफना गई है। हालांकि इस बीच घाघरा नदी में उफनाता जलस्तर घटने लगा है।
कानपुर-उन्नाव में खतरे पर गंगा
उन्नाव में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। कटरी और उससे सटे तकरीबन 500 गांवों को बाढ़ ने अपनी जद में ले लिया। वहीं दो युवकों की बाढ़ के पानी में डूब कर मौत हो गई। फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब 137.00 मीटर पर स्थिर है। नरौरा बांध से 200483 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर खतरे के ऊपर 137.50 मीटर पर स्थिर है।
कन्नौज में बारिश के चलते अरिंद नदी उफना गई है। फतेहपुर में गंगा का जलस्तर बढऩे से बाढ़ के हालात बने हुए हैं। हमीरपुर में यमुना व बेतवा नदियों के जल स्तर में सात से आठ सेमी प्रति घंटे की दर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कानपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 113 मीटर को छू जाने की वजह से ख्योरा कटरी समेत कई गांवों में पानी घुस गया है और लोग पलायन कर रहे हैं। डेढ़ सौ से अधिक परिवारों ने गंगा बैराज पर बनाए गए रात शिविर में शरण ली है।
बारिश की घटनाएं ले रहीं जान
कानपुर देहात में रात अशोक नगर अकबरपुर में कच्चे कमरे की छत ढहने से एक बुजुर्ग की मलबे में दबकर मौत हो गई। वहीं औरैया जिले के ग्राम बिलावा में कच्चा घर गिरने से मलबे में दबकर वृद्धा की जान चली गई। फर्रुखाबाद में बाढ़ के पानी में नहाने के दौरान डूबने से मजदूर की मौत हो गई।
बांदा, फर्रुखाबाद, कन्नौज में रविवार को हल्की बारिश हुई। चित्रकूट व इटावा में धूप निकलने से उमस रही। जालौन में बदली छाई रहने से मौसम सुहावना रहा।
पूर्वांचल में कभी धीमी कभी तेज बारिश
पूर्वांचल में कभी-कभी बारिश तेज होती है तो कभी चार पांच घंटे तक एक बूंद भी नहीं गिरती। रविवार सुबह धूप तो खिली मगर धूप में तेजी कम रही। कहीं कहीं धूप निकली तो कहीं मामूली बूंदाबांदी भी दर्ज की गई मगर तेज बारिश की सूरत नहीं बन सकी। लगातार हो रही बरसात के बाद गर्मी से राहत तो मिली मगर उमस का स्तर फिर भी बरकरार रहा। जिससे लोग धूप निकलने पर पसीना पसीना भी होते रहे। दूसरी ओर पूर्वांचल में घाघरा का रुख घटाव की ओर होने के बाद भी कटान जारी है। जिससे आजमगढ़, बलिया और मऊ जिले के तटवर्ती इलाकों में चिंता बढ़ गई है जबकि वाराणसी में गंगा जलस्तर फिर से बढऩे लगा है।
पूर्वांचल में हादसे
शनिवार देर रात सोनभद्र में कोन स्थित पुलिस चौकी क्षेत्र चांची कला गांव के टोला कोल्हुआनार में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक ही परिवार के चार लोग झुलस गए। विश्वनाथ बैगा के कच्चे मकान पर आकाशीय बिजली गिरने से घर में खाना खाने समय ही चपेट आने से सुनीता (35) वर्ष पत्नी विश्वनाथ बैगा व उनके तीन बच्चे अमित कुमार (12) वर्ष पूजा कुमारी (8)वर्ष सुमित कुमार (6) वर्ष झुलस गये। आनन -फानन घर वाले ने घायलों को कोन अस्पताल में भर्ती कराये। डॉक्टर ने बताया कि सभी का स्थिति सुधार में है। चन्दौली में शनिवार रात तेज बारिश से इकौना गांव में कच्चा मकान हुआ धराशायी हो गया। मलबे में परिवार के तीन लोग दब गए। ग्रामीणों ने दमखम दिखाया, रेस्क्यू के बाद तीनों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।