अब ड्रोन की निगरानी में रहेंगी यूपी की पांच जेल, इन हाई सिक्योरिटी कारागार में रखे जाएंगे कुख्यात
उत्तर प्रदेश की पांच जेलों को हाई सिक्योरिटी जेल बनाने का काम लगातार तेजी पकड़ रहा है। इस कड़ी में कारागार मुख्यालय ने लखनऊ आजमगढ़ चित्रकूट बरेली व गौतमबुद्धनगर की जेलों की निगरानी अब ड्रोन कैमरे से शुरू की है। सभी जेलों में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश की पांच जेलों को हाई सिक्योरिटी जेल बनाने का काम लगातार तेजी पकड़ रहा है। इस कड़ी में कारागार मुख्यालय ने लखनऊ, आजमगढ़, चित्रकूट, बरेली व गौतमबुद्धनगर की जेलों की निगरानी अब ड्रोन कैमरे से शुरू की है। सभी जेलों में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जहां लैपटाप के जरिये सभी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जाएगी।
डीजी जेल आनन्द कुमार का कहना है कि इन जेलों को हाई सिक्योरिटी जेल में तब्दील करने के लिए अन्य अत्याधुनिक उपकरण भी लगवाए जा रहे हैं। जल्द इस लक्ष्य को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इन जेलों के हाई सिक्योरिटी जेलों में तब्दील होने के बाद प्रदेश की जेलों में बंद माफिया व कुख्यात अपराधियों को कड़े पहरे में रखा जाएगा।
डीजी जेल आनन्द कुमार ने बताया कि जिला कारागार लखनऊ, आजमगढ़, चित्रकूट, बरेली व गौतमबुद्धनगर को उच्च सुरक्षा कारागार में तब्दील करने का प्रस्ताव शासन ने मंजूर किया था, जिसके तहत इन जेलों में उच्च सुरक्षा वाले एकल कक्ष, बैगेज स्कैनर, फुल बाडी स्कैनर, अत्याधुनिक सुरक्षा वाले मुलाकात घर व अन्य आधुनिक उपकरणों से लैस करने का काम चल रहा है।
इसी कड़ी में अब इन पांचों जेलों में रोजाना ड्रोन कैमरा भी उड़ान भरेगा। कारागारों की संवेदनशीलता का परीक्षण निरंतर किया जाएगा। इन कैमरों से सुरक्षा की दृष्टि से हासिल संवेदनशील फुटेज को तत्काल परीक्षण के लिए कारागार मुख्यालय भी भेजा जाएगा। ड्रोन कैमरे को संचालित करने, उसे कंट्रोल करने और उसकी फीड को लाइव देखने के लिए लैपटाप की व्यवस्था भी की गई है। यह फीड संरक्षित भी की जाएगी।
डीजी ने बताया कि ड्रोन कैमरों के संचालन के लिए हर कारागार के दो-दो जेल वार्डर को लखनऊ में तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। प्रशिक्षण हासिल कर चुके जेल वार्डर अब अन्य जेल वार्डर को प्रशिक्षित करेंगे। मंगलवार को पांचों जेलों में ड्रोन कैमरों ने उड़ान भी भरी। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों चित्रकूट जेल में दो अपराधियों की हत्या करने के बाद कुख्यात अंशु दीक्षित पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। इस घटना के बाद जेलों की आंतरिक सुरक्षा को लेकर फिर बड़े सवाल खड़े हुए थे।
जौनपुर जेल में बंदी की मौत के बाद उपद्रव की घटना भी हुई थी। इनके दृष्टिगत ही पांच जेलों को उच्च सुरक्षा कारागार में तब्दील करने का काम तेज किया गया है। दूसरी ओर बांदा जेल में माफिया मुख्तार अंसारी की निगरानी के लिए भी जेल में ड्रोन कैमरे का इंतजाम किया गया था। बांदा जेल में सीसीटीवी कैमरे व अन्य सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ाए गए हैं।