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अनुदान घोटाले में चार महिलाओं संग पाच बंदी

जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में मिला 47 लाख का घपला, आरोपितों के पास से बड़ी मात्र में फर्जी दस्तावेज बरामद, महिला और पुरुष अधिवक्ता कर रहे थे जालसाजी, खरीदी जमीन

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Aug 2018 09:33 AM (IST)Updated: Sat, 25 Aug 2018 09:33 AM (IST)
अनुदान घोटाले में चार महिलाओं संग पाच बंदी
अनुदान घोटाले में चार महिलाओं संग पाच बंदी

लखनऊ (जागरण संवाददाता)। समाज कल्याण व जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में घोटाला करने के आरोपितों को महानगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एएसपी ट्रास गोमती हरेंद्र कुमार के मुताबिक आरोपितों में चार महिला समेत पाच लोग शामिल हैं। इनमें महिला व पुरुष अधिवक्ता भी हैं, जो पिछले चार साल से जालसाजी कर रहे थे। अब तक की पड़ताल में पुलिस ने 46 लाख 70 हजार रुपये का घोटाला उजागर किया है।

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इंस्पेक्टर महानगर विकास कुमार पाडेय ने बताया कि गिरोह का मास्टर माइंड श्याम विहार कॉलोनी, मड़ियाव निवासी अधिवक्ता बोधराम है। बोधराम ने राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में सेंध लगाई थी और फर्जी ढंग से करीब 47 लाख रुपये हासिल कर लिए थे। गिरोह में उसके साथ महिला अधिवक्ता जानकीपुरम सेक्टर एच निवासी आयशा भी शामिल थी। आरोपितों में मडिाया, बल सिंहपुर सीतापुर निवासी अंबुज की पत्‍‌नी सुमन, महमूदाबाद सीतापुर निवासी राम किशुन की पत्‍‌नी कौशल्या एवं रामपुर कला, सीतापुर निवासी इंद्र मोहन की प8ी कुसमा भी शामिल हैं।

आरोपित बोधराम ने विभिन्न बैंकों में अलग-अलग लोगों के नाम 128 खाते खुलवाए थे। इन बैंक खातों में बोधराम ही गारंटर बनकर रुपयों का भुगतान कराता था। जमीन की रजिस्ट्री करवाई थी। दो मूल बैनामा पत्र भी बरामद किया है। यह था मामला

2018-19 में शादी अनुदान के लिए आए 202 आवेदनों में 10 फीसद की जाच की गई तो अधिकाश मामले गड़बड़ पाए गए। जाच में पता चला कि कई सुहागन महिलाओं ने अनुदान पाने के लिए खुद को विधवा बताया था। यही नहीं एक ही फोटो अलग-अलग नाम से कई आवेदन में इस्तेमाल किए गए थे। दरअसल, विधवा की बेटी की शादी के लिए सरकार की तरफ से 20 हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है। इस लाभ को लेने के लिए बोधराम ने अपात्रों का नाम इस्तेमाल कर सरकार को करोड़ों की चपत लगाई।

प्राथमिक विद्यालय की फर्जी मार्कशीट भी मिली

इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपित ने प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पाच की फर्जी मार्कशीट तैयार कर रखी थी। खास बात यह है कि अंक पत्र में किसी का नाम अंकित नहीं था। यही नहीं बोधराम के पास से विभिन्न विभागों के करीब 32 मुहर, चार बिना भरे हुए जाति प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, निर्वाचन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड भी मिले हैं। बोधराम के नाम का छह ड्राइविंग लाइसेंस भी बरामद किया गया है। तीन मोबाइल फोन और सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष के पासपोर्ट साइज फोटो बरामद किए गए हैं। इन योजनाओं को लगाया चूना

सीओ महानगर संतोष कुमार सिंह के मुताबिक आरोपितों ने विभाग की ओर से संचालित विधवा पेंशन योजना, विवाह योजना एवं समाज कल्याण योजना समेत अन्य में फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपात्र लाभार्थियों के नाम करोड़ों का गबन किया है। फर्जी नाम से बनाए गए दस्तावेज ज्यादातर श्याम विहार कॉलोनी व फैजुल्लागंज के पते से बने हैं। कर्मचारियों की संलिप्तता उजागर

पूरे प्रकरण में जाली दस्तावेज सदर तहसील से आगे बढ़ाए गए थे। ऐसे में सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता उजागर हुई है। विभाग के कर्मचारियों की भूमिका के बारे में भी पुलिस पड़ताल कर रही है। यही नहीं कुछ लेखपालों के खिलाफ भी जालसाजी में सहयोग के आरोप में कार्रवाई की आशका जताई जा रही है। यह खबर दैनिक जागरण में 21 अगस्त के अंक में प्रकाशित हो चुकी है।


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