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फर्जी पुलिसकर्मी महिलाओं के साथ मिलकर करते थे हनी ट्रैप, सर्विलांस टीम ने लखनऊ में पांच को दबोचा

पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि वह साथी महिलाओं के जरिए इंटरनेट मीडिया से अथवा आसपास के लोगों को चिन्हित कर उन्हें फोन कराते थे। इसके बाद युवतियां लोगों को मीठी बातों में फंसाकर मिलने के लिए बुलाती थीं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 07:30 AM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 07:30 AM (IST)
फर्जी पुलिसकर्मी महिलाओं के साथ मिलकर करते थे हनी ट्रैप, सर्विलांस टीम ने लखनऊ में पांच को दबोचा
दो दारोगा और एक सिपाही की वर्दी बरामद, ब्लैकमेल कर युवक से कर रहे थे वसूली।

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में हनी ट्रैप के एक और गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। इस गिरोह में फर्जी पुलिसकर्मी भी शामिल थे, जो महिलाओं के साथ मिलकर लोगों को ब्लैकमेल करते थे और उनसे मोटी रकम वसूलते थे। हजरतगंज पुलिस और डीसीपी मध्य की सर्विलांस टीम ने दो महिलाओं समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से दो दारोगा और एक सिपाही की वर्दी भी बरामद की गई है।

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एडीसीपी मध्य चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि डीसीपी मध्य सोमेन वर्मा से मिलकर एक युवक ने शिकायत की थी। युवक का आरोप था कि कुछ पुलिसकर्मी उसे लगातार ब्लैकमेल कर रहे हैं और अब तक काफी रुपये वसूल चुके हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी मध्य ने सर्विलांस टीम को इसकी छानबीन के निर्देश दिए। पीड़ित युवक ने पुलिस को बताया कि रुपये लेने के लिए गिरोह में शामिल पुलिसकर्मी और दो युवतियां उसे स्कूटर इंडिया चौराहे पर बुला रही हैं। पुलिस टीम पीड़ित को साथ लेकर स्कूटर इंडिया चौराहे पर पहुंची। इस दौरान युवक ने एक कार की तरफ इशारा करते हुए बताया कि गाड़ी में बैठे पुलिसकर्मी और दोनों युवतियां उसे काफी समय से ब्लैकमेल कर रहे हैं।

पुलिस टीम ने घेराबंदी कर कार सवार तीन युवकों समेत पांचों को हिरासत में ले लिया। इस दौरान दो युवक दारोगा और एक युवक सिपाही की वर्दी में भी थे। पहले तो उन्होंने अदब में लेने की कोशिश की, लेकिन बाद में वह शांत हो गए। पुलिस आरोपित देवपुर पारा निवासी अजीजुल हसन, छोटा बरहा निवासी पंकज गुप्ता और ओम नगर निवासी अतुल सक्सेना और दोनों युवतियों को कोतवाली लेकर आई। पूछताछ में पता चला कि तीनों युवक फर्जी पुलिस वाले हैं। आरोपितों ने बताया कि वह साथी महिलाओं के जरिए इंटरनेट मीडिया से अथवा आसपास के लोगों को चिन्हित कर उन्हें फोन कराते थे। इसके बाद युवतियां लोगों को मीठी बातों में फंसाकर मिलने के लिए बुलाती थीं।

एकांत स्थान पर गाड़ी में मिलने आए युवकों का युवतियां कपड़े उतार देती थीं और तभी पुलिस की वर्दी में तीनों आरोपित वहां आ जाते थे। इसके बाद फर्जी पुलिसकर्मी झांसे में लेकर बुलाए गए लोगों का वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करते थे और मोटी रकम वसूलते थे। यही नहीं अगर कोई व्यक्ति विरोध करता था तो उसे एयर गन दिखाकर धमकाते थे और वीडियो वायरल करने की बात कहते थे। पुलिस का कहना है कि गिरोह ने कई लोगों के साथ वसूली की है। आरोपितों के अन्य साथियों के बारे में पता लगाया जा रहा है।


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