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केजीएमयू से जुड़ेगा फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज, कई और कॉलेजों भी जल्‍द होंगे शाम‍िल

केजीएमयू में कार्यपरिषद की बैठक आज खैराबाद नर्सिंग कॉलेज में बीएससी नर्सिंग की 40 सीटों पर होगा फैसला।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 13 Jan 2020 08:00 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 12:07 AM (IST)
केजीएमयू से जुड़ेगा फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज, कई और कॉलेजों भी जल्‍द होंगे शाम‍िल
केजीएमयू से जुड़ेगा फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज, कई और कॉलेजों भी जल्‍द होंगे शाम‍िल

लखनऊ, जेएनएन। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) से अब फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज भी जुड़ेगा। कॉलेज का निरीक्षण कर इसे हरी झंडी दे दी गई है। मंगलवार को कार्यपरिषद की बैठक में संबद्धता पर मुहर लगेगी। केजीएमयू में मंगलवार को कार्यपरिषद की बैठक है। इसमें फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज की यूनिवर्सिटी से संबद्धता पर मुहर लगेगी। इसके अलावा खैराबाद नर्सिंग कॉलेज को 40 बीएससी नर्सिंग सीट की संबद्धता देने पर भी मंथन होगा। साथ ही डॉ. विनय गुप्ता, डॉ. अनिल गुप्ता, डॉ. जमाल मसूद के विभागाध्यक्ष, डॉ. नर्सिंग वर्मा को डीन स्टूडेंट वेलफेयर पद पर सहमति दी जाएगी।

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बस्ती समेत नए कॉलेज जुड़ेंगे

केजीएमयू से अयोध्या, बस्ती, सहारनपुर, शाहजहांपुर और नोएडा कॉलेज भी जुड़ेंगे। अभी इन कॉलेजों के आवेदन लंबित हैं। निरीक्षण के बाद संबद्धता पर फैसला लिया जाएगा।

परीक्षा-डिग्री केजीएमयू की

संबद्ध मेडिकल कॉलेज की वार्षिक परीक्षा केजीएमयू द्वारा कराई जाएगी। डिग्री भी चिकित्सा विश्वविद्यालय जारी करेगा। परीक्षाएं तय शेड्यूल पर सभी की साथ में होंगी।

छह कॉलेज और तीन संस्थान संबद्ध

केजीएमयू से अभी छह मेडिकल कॉलेज व तीन संस्थान संबद्ध हैं। इनमें लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, कमांड हॉस्पिटल और सीतापुर आई हॉस्पिटल इंस्टीट्यूट शामिल हैं। वहीं, प्रयागराज, बांदा, जालौन, कन्नौज, आजमगढ़ व ग्रेटर नोएडा मेडिकल कॉलेज संबद्ध हैं। यूनिवर्सिटी में वर्षभर में 1466 डिग्रियां बांटी जाती हैं।

कार्यपरिषद पर उठे सवाल

कार्यपरिषद में 15 मसले सदस्यों को जारी किए गए हैं। शेष अदर्स में रखे गए हैं। वहीं, कई शिक्षकों ने कार्यपरिषद पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि महत्वपूर्ण व विवादित मसले अदर्स में रखकर आनन-फानन फैसले कराए जाते हैं। इस पर चर्चा भी सही से नहीं हो पाती है। वहीं, 14 जनवरी को कुलपति के कार्यकाल के सिर्फ तीन माह बचे हैं। ऐसे में फैसलों की समीक्षा की जानी चाहिए।

केजीएमयू केे प्रवक्‍ता डॉ. सुधीर कुमार ने बताया क‍ि कार्यकाल समाप्त होने के तीन माह पहले बड़े और फाइनेंशियल फैसले नहीं लिए जा सकते। इसके लिए राजभवन की अनुमति ली जाती है। वीसी साहब ने 14 अप्रैल को चार्ज लिया था। ऐसे में 14 जनवरी को कार्यपरिषद की बैठक वैध है।


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