धागा व बटन कारोबारी के मकान में लगी आग-विस्फोट, मंगाए गए दस वाटर टैंक-एक घंटे में पाया काबू Ayodhya News
अयोध्या के कोतवाली नगर क्षेत्र के खीर गली का मामला है। धागा व बटन का कारोबारी ने घर में ही बना रखा था स्टोर। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट को माना जा रहा है।
अयोध्या, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के अयोध्या की संकरी गली में बने धागा व बटन कारोबारी के मकान में रविवार को भीषण आग लग गई। लपटों ने देखते ही देखते मकान को अपनी चपेट में ले लिया। अंदर मौजूद लोग किसी तरह भागते हुए बाहर भागे। धुआं और लपटों को देख लोगों ने पुलिस और अग्निशमन दस्ता को सूचना दी। तभी अचानक हुए विस्फोट से लोग सहम गए। मकान में धागा व बटन का गोदाम बना रखा था। संकरी गलियों के कारण घटनास्थल तक अग्निशमन वाहन नहीं पहुंच सका। पानी के दस टैंकर मंगावाए गए। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। हादसे में लाखों के नुकसान की आशंका है।
ये है पूरा मामला
मामला कोतवाली नगर क्षेत्र के खीर गली का है। यहां धागा व बटन का कारोबार करने वाले शकील का मकान है। उन्होंने घर में ही स्टोर बना रखा है। रविवार को अचानक आग लग गई। मकान में मौजूद शकील के परिवारजन बाहर निकल आए। आग की लपटों को देख स्थानीय निवासियों ने सूचना पुलिस व अग्निशमन दस्ते को दी। अग्निशमन दस्ता मौके पर पहुंचा, लेकिन मकान संकरी गली में होने की वजह से अग्निशमन वाहन अंदर नहीं जा सका। अग्निशमन कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए दस हौज पाइप को एक-दूसरे में जोड़कर मकान तक पहुंचाया और बचाव कार्य शुरू किया। शकील के पड़ोसियों को भी उनके मकान से बाहर निकाल लिया गया। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट को माना जा रहा है।
विस्फोट से सहमे लोग
वहीं, हादसे के दौरान अचानक विस्फोट हुआ, लेकिन धमाका किस चीज से हुआ यह स्पष्ट नहीं है। मकान से तीन सिलेंडर भी बाहर निकाले गए। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आग की लपटों में मकान जलकर राख हो चुका था। सूचना पाकर एसएसपी आशीष तिवारी, एसपी सिटी विजयपाल सिहं, सीओ सिटी अरविंद चौरसिया, मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजकिशोर राय व कोतवाल नितीश श्रीवास्तव सहित पूराकलंदर, अयोध्या की पुलिस भी मौके पर पहुंचे। हादसे में लाखों के नुकसान की आशंका है।
डायवर्ट करना पड़ा यातायात, मंगाए गए दस टैंकर
सीओ सिटी ने बताया कि बचाव कार्य के दौरान चौक, कसाबबाड़ा, फतेहगंज से खीरगली की ओर यातायात बंद करना पड़ा। इसके बाद बचाव कार्य को तेजी से मुक्कमल किया गया। पानी के दस टैंकर लगाने पड़े। टैंकर गली में नहीं पहुंच सके, ऐसी परिस्थितियों में हौज पाइप को एक-दूसरे में जोड़ कर घटनास्थल तक पहुंचाना पड़ा। हादसे में कुछ मवेशियों की मौत हो गई। हादसे में हुए नुकसान का आकलन पीडि़त की ओर से अभी प्रस्तुत नहीं किया गया है।