शादी बरात में बिजली चोरी करने पर खैर नहीं, मैरिज हॉल संचालकों पर दर्ज होगा मुकदमा Lucknow News
सामुदायिक केंद्र व्यवस्थापक व लान मालिक के खिलाफ दर्ज होगा चोरी का मुकदमा।
लखनऊ, जेएनएन। शादी बरात व अन्य आयोजनों में अगर बिजली चोरी करते हुए पकड़े गए तो बख्शा नहीं जाएगा। फिर चाहे गरीब बेटी की शादी हो या फिर बड़े घर के शहजादे की। बिजली विभाग स्थानीय जनप्रतिनिधि की भी नहीं सुनेगा। अगर स्थानीय अभियंताओं ने दिमाग लगाया और वरिष्ठों को पता चला तो उनसे जुर्माने की राशि ली जाएगी। कुल मिलाकर बिजली चोरी करना शुभ कार्य में बड़ा बाधक बन सकता है। मध्यांचल एमडी ने पूरी सहालग भर अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
अक्टूबर 2019 से राजधानी में अलग-अलग तिथियों में सहालग चल रही है। जांच में सामने आया है कि जितनी शहर में शादियां व अन्य आयोजन होते हैं, उससे कही कम लोग बिजली विभाग से रसीद कटवाते हैं। इससे बिजली विभाग को राजस्व हानि हो रही है। इसी क्रम में अधीक्षण अभियंताओं को अपने सर्किलों में अभी से कार्य योजना बनानी शुरू कर दी हैं। सामुदायिक केंद्र में अगर बिजली चोरी पकड़ी जाती है तो इसके लिए सीधे स्थानीय अवर अभियंता व जिम्मेदार होंगे।
कुछ इस तरह है कनेक्शन का लोड
किलोवॉट रशीद चालान
20 6,382 1,150
30 8525 1,650
40 9768 2150
50 11,010 2,650
नोट : चालान की राशि एसबीआइ में जमा करना होगा। इसके अलावा री कनेक्शन और डिस कनेक्शन की राशि एक हजार रुपये उक्त राशि में जुड़ी हुई है। बिजली विभाग से रशीद कटवानी पड़ेगी।
रात में नहीं घूमती विजिलेंस
बिजली विभाग में विजिलेंस टीम है, जरूर लेकिन दिन में ही घूमती है। अगर अक्टूबर 2019 से शुरू होने जा रही सहालग की अभी से विजिलेंस रूपरेखा बना लें, तो स्थितियां नियंत्रित हो सकती हैं।
जनप्रतिनिधि की रहती हैं दखलंदाजी
शुभ कार्यों में आयोजनकर्ता भले खाने पीने व सजावट में लाखों रुपये खर्च कर दें, लेकिन चंद हजार रुपये का बिजली कनेक्शन लेने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि से मिलकर शाम को कटिया से पंडाल रोशन कर रहे हैं। इससे बिजली विभाग को लाखों रुपये की चपत लग रही है।