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Coronavirus in UP: यूपी में बढ़ी और सख्ती, अब सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर पांच सौ रुपया जुर्माना

उत्तर प्रदेश में अब मास्क नहीं पहनने व फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने के साथ ही सार्वजनिक जगह पर थूकने पर जुर्माना लिया जाएगा। प्रदेश में कोरोना महामारी अधिनियम-2020 में आठवां संशोधन किया गया है। अब इसके तहत अब बिना मास्क पकड़े जाने पर 1000 रुपया जुर्माना लगेगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 05:16 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 08:16 AM (IST)
Coronavirus in UP: यूपी में बढ़ी और सख्ती, अब सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर पांच सौ रुपया जुर्माना
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के विकराल रूप को देखते हुए यूपी सरकार

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले देखकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने महामारी अधिनियम-2020 में बड़ा संशोधन किया है। प्रदेश में किसी के भी बिना मास्क के मिलने पर एक हजार और सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर पांच सौ रुपया जुर्माना लगाया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश में अब मास्क नहीं पहनने व शारीरिक दूरी का पालन नहीं करने के साथ ही सार्वजनिक जगह पर थूकने पर जुर्माना लिया जाएगा। प्रदेश में कोरोना महामारी अधिनियम-2020 में आठवां संशोधन किया गया है। अब इसके तहत अब बिना मास्क पकड़े जाने पर 1000 रुपया जुर्माना लगेगा। वहीं दोबारा बिना मास्क के पाए जाने पर 10 हजार रुपए भरना होगा। इतना ही नहीं अब तो सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर 500 रुपया का जुर्माना भरना पड़ेगा।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के विकराल रूप को देखते हुए यूपी सरकार ने मंगलवार को कोरोना महामारी अधिनियम-2020 में एक बार फिर संशोधन किया है। यह इस अधिनियम में आठवां संशोधन है। नए संशोधन के तहत अब बिना मुंह ढके निकलने पर जुर्माने की राशि तय कर दी गई है। घर के बाहर बिना मास्क, गमछा, स्कार्फ के निकलने पर 1000 रुपया जुर्माने का प्रावधान किया गया है। दोबारा बिना मास्क के पाए जाने पर 10000 रुपया का जुर्माना देना होगा। देवरिया में सोमवार को बिना मास्क दो बार पकड़े गए दो लोगों ने 10-10 हजार रुपया का जुर्माना दिया। यही नहीं अब तो सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर भी बड़ी सख्ती की गई है।

सार्वजनिक स्थान पर किसी के भी थूकते पाए जाने पर 500 रुपया का जुर्माना लगेगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने महामारी अधिनियम में संशोधन कर जुर्माना राशि शामिल की है। इसमें यह भी साफ किया गया है कि सभी मामलों में जुर्माना लगाने की शक्ति, संबंधित न्यायालय या कार्यपालक मजिस्ट्रेट या ऐसे पुलिस अधिकारी, जो चालान करने वाले पुलिस अधिकारी की श्रेणी से ऊपर का हो लेकिन निरीक्षक की श्रेणी से नीचे का न हो, में निहित होगी। 


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