दिवंगत होमगर्डों के आश्रितों को मिले तीन-तीन लाख, छलक पड़ीं आंखें
मुख्यालय में आयोजित समारोह में होमगार्ड मंत्री अनिल राजभर ने आश्रितों को हर संभव मदद का दिया भरोसा।
लखनऊ, जेएनएन। मुख्य अतिथि होमगार्ड मंत्री अनिल राजभर से चेक लेते समय दिवंगत होमगार्डों की पत्नियां फफक पड़ीं। इस पर मंत्री ने उन्हें ढांढस बंधाते हुए कहा कि आपके जीवनसाथी की मौत ड्यूटी करते समय हुई है। पूरा विभाग आपके साथ है। हम आपकी हर तरह की मदद करेंगे। आप हमारे परिवार का हिस्सा हैं। कुल दस दिवंगत जवानों के आश्रितों को आर्थिक मदद दी गई।
होमगार्ड मुख्यालय में आयोजित इस समारोह में दिवंगत पति हरिनाम सिंह का नाम बुलाए जाते ही मल्लावां हरदोई निवासी मानश्री फफक पड़ीं। मंच पर कंपकपाते हाथों से चेक लिया और मंत्री तथा डीजी को हाथ जोड़कर धन्यवाद दिया। मानश्री ने बताया कि तीन जनवरी 2017 को उनके पति ड्यूटी कर साइकिल से घर लौट रहे थे। रास्ते में ट्रक की टक्कर से उनकी मौत हो गई।
वहीं, कन्नौज में मार्च 2016 में ट्रक की टक्कर से मृत होमगार्ड अमर सिंह की पत्नी का कहना था कि साहब, बड़ा बेटा पिछले साल मृतक आश्रित भर्ती में दौड़ में नहीं आ पाया था। अब छोटे बेटे की भर्ती करा दो। वह नौकरी करना चाहता है। इस दौरान मेरठ के सरूरपुर निवासी दिवंगत होमगार्ड रोहित कुमार की पत्नी बबिता, गाजीपुर के रमेश यादव की पत्नी संगीता, मुजफ्फरनगर में ड्यूटी के दौरान दिवंगत हुए रमेश यादव की पत्नी संगीता, स्व. विनोद की पत्नी राम दुलारी, विक्रम सिंह की पत्नी इंद्रावती, घनश्याम की पत्नी आशा देवी, निरभान सिंह की पत्नी अनीता, राधेश्याम सिंह की पत्नी कलावती को तीन-तीन लाख रुपये का चेक देकर आर्थिक मदद की गई।
चिकित्सा प्रतिपूर्ति के साथ ही मेधावी बच्चों को मदद
इस अवसर पर दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में प्रथम स्थान पाने वाले होमगार्डों गंगा प्रसाद तिवारी, मनोज सोनी, मन बहादुर एवं सुनीता कश्यप के बच्चों को आर्थिक सहायता देकर उत्साहवर्धन किया गया। वहीं, चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए होरी लाल, श्याम बिहारी, शीला गुप्ता, सुबेदार सिंह, दिग्विजय सिंह, राम कुमार वर्मा, सत्येंद्र सिंह, इंद्रपाल, कामता प्रसाद यादव, ब्रजेश सिंह, लवकुश, राजकुमार गुप्ता, हरीश कुमार, विष्णु दत्त तिवारी, राम किशोर, मो. इब्राहिम एवं मंजूलता रस्तोगी को आर्थिक मदद दी गई।