वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूपी के टैक्स कलेक्शन को सराहा, कहा- पांच वर्षों में छह गुना हुए आयकर रिटर्न
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पिछले पांच वर्षों में आयकर विभाग के उत्तर प्रदेश पूर्व प्रभाग में आयकर रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में लगभग छह गुणा बढ़ी है। उत्तर प्रदेश में कर संग्रह बढ़ा है।
लखनऊ, जेएनएन। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि पिछले पांच वर्षों में आयकर विभाग के उत्तर प्रदेश पूर्व प्रभाग में आयकर रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में लगभग छह गुणा बढ़ी है। उत्तर प्रदेश में कर संग्रह बढ़ा है। प्रदेश में तेजी से विकसित की जा रही अवस्थापना परियोजनाएं और जनकल्याण के कार्यक्रम इसकी गवाही दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों में रुकावट न आए, इसलिए केंद्र सरकार ने उप्र को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के तौर पर मार्च में दी जाने वाली 8528 करोड़ रुपये की किस्त अभी दे दी है।
राजधानी लखनऊ के रामतीर्थ मार्ग पर आयकर विभाग के नवनिर्मित कार्यालय 'प्रत्यक्ष कर भवन' का शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उद्घाटन करने के बाद सीतारमण ने बताया कि उत्तर प्रदेश पूर्व प्रभाग में वर्ष 2016 में 3.8 लाख आयकर रिटर्न फाइल हुए थे जबकि 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में यह संख्या बढ़कर 21.83 लाख पहुंच गई थी। वर्ष 2020-21 के दौरान आयकर रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में 1.63 लाख (आठ प्रतिशत) की वृद्धि हुई। यह उत्तर प्रदेश के इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों और उनके फलस्वरूप प्राप्त होने वाले राजस्व संग्रह की संभावनाओं की ओर इशारा करता है। कर संग्रह में वृद्धि केंद्र और राज्य की साझा कोशिशों का नतीजा है। वित्त मंत्रालय का यह प्रयास है कि करदाताओं को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मिलें और नियमों का सरलीकरण हो। उन्होंने आयकर अधिकारियों से कहा कि जैसे मधुमक्खी डंक मारे बिना फूलों से रस लेकर शहद बनाती है, वैसे ही आप लोग कर का संग्रह करें।
तेजी से विकसित हो रहा उत्तर प्रदेश : सीतारमण ने जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के लोकार्पण, कोरोना काल में राज्य सरकार की ओर से 435 लाख टन खाद्यान्न की खरीद और किसानों को इसके एवज में 79 हजार करोड़ रुपये के भुगतान, 30 हजार ग्राम पंचायतों में हर घर में जल से नल, प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 42 लाख आवासों के निर्माण, 59 जिलों में मेडिकल कालेजों की स्थापना, हर गांव-घर में बिजली, 90 लाख वृद्धों, विधवाओं, निराश्रित महिलाओं और दिव्यांगों को पेंशन आदि का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में यह सब इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि प्रदेश में कर संग्रह बढ़ा है, राज्य की आमदनी बढ़ी है।
काम को लटकाए रखने की प्रवृत्ति पर तंज : काम को टालने और लटकाए रखने की विभागीय अधिकारियों की प्रवृत्ति पर भी उन्होंने तंज किया। यह कहते हुए की आज उद्घाटित हुए भवन के लिए 2002 में जमीन खरीदी गई थी और इसका निर्माण कार्य 15 साल बाद वर्ष 2017 में शुरू हुआ। इस 15 साल का कोई हिसाब नहीं है। इस दौरान आयकर विभाग के कार्यालय किराये के भवनों में चलते रहे। यदि यह भवन पहले बन जाता तो हमारे अधिकारियों को काम करने के लिए एक बेहतर वातावरण मिल जाता। यह भी कहा कि अब केंद्र और राज्य इस मन:स्थिति से उबर गए हैं और दोनों जगह तेजी से काम हो रहा है।
साढ़े चार वर्षों में दोगुने से ज्यादा हुआ उत्तर प्रदेश का राजस्व : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से पिछले साढ़े चार वर्षों में उत्तर प्रदेश का राजस्व दोगुने से ज्यादा हो गया है। राजस्व बढ़ाने के लिए हमने प्रवर्तन की कार्रवाई की बजाय संवाद का सहारा लिया और इसके सकारात्मक परिणाम मिले। टैक्स की जटिल प्रक्रिया और इंस्पेक्टर राज की वजह से उद्यमी-व्यापारी भयभीत रहते थे और टैक्स देने से बचते थे। केंद्र सरकार ने नियमों का सरलीकरण कर सराहनीय पहल की है। वहीं राज्य सरकार ने व्यापारियों को जागरूक और प्रशिक्षित किया। इससे कर चोरी की प्रवृत्ति पर अंकुश लगा है। इस प्रक्रिया को हम आगे बढ़ाएंगे तो प्रदेश में राजस्व संग्रह बढ़ने की संभावना बनेगी।
अगले महीने प्रधानमंत्री गंगा एक्सप्रेसवे का करेंगे शिलान्यास : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि फरवरी 2018 में हुई यूपी इन्वेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे जिनमें से तीन लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को जमीन पर उतारा जा चुका है। कोरोना काल में ही प्रदेश को 66000 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि डिफेंस कॉरिडोर में ही 50000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। प्रदेश के दो पिछड़े क्षेत्रों पूर्वांचल और बुंदेलखंड को एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के जरिए बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान की जा रही है। प्रयागराज से मेरठ को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेसवे के लिए 86 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण हो चुका है। अगले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करेंगे। समारोह में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, विधि मंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष जेबी महापात्रा, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष अजीत कुमार भी उपस्थित थे।
भवन की वास्तुकला में बसती है उसकी आत्मा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरित भवन के तौर पर बनाये गए प्रत्यक्ष कर भवन की सोलर पैसिव डिजाइन और इसमें वर्षा जल संचयन तकनीकी के इस्तेमाल समेत अन्य विशेषताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि किसी भवन की वास्तुकला में उसकी आत्मा बसती है। इसका प्रभाव हमारी कार्यशैली पर पड़ता है। इससे पहले प्रधान एवं मुख्य आयकर आयुक्त (उप्र पूर्व) आशीष वर्मा ने बताया कि 86,483 वर्ग फीट क्षेत्रफल में बनाये गए इस सात मंजिला भवन को एनबीसीसी ने 85.4 करोड़ रुपये की लागत से बनाया है। कई विशेषताओं को समेटे हुए है। भवन की सात मंजिलों का कुल निर्मित क्षेत्रफल 1.3 लाख वर्ग फीट है। इसमें दो बेसमेंट (कार पार्किंग और रिकार्ड रूम) बनाए गए हैं। इस भवन में 150 अधिकारियों और 350 कर्मचारियों के बैठने की क्षमता है।
नवंबर अंत तक तीन करोड़ रिटर्न हो जाएंगे फाइल : समारोह में केंद्र सरकार के राजस्व सचिव तरण बजाज ने बताया कि नवंबर के अंत तक देश में तीन करोड़ आयकर रिटर्न फाइल हो जाएंगे। उन्होंने आयकर विभाग के अधिकारियों से कहा कि अगले चार महीने में वे कर संग्रह के लिए दोगुने प्रयास करें। यह भी कहा कि आयकर उत्तर प्रदेश पूर्व प्रभाग को राजस्व लक्ष्य प्राप्त करने के लिए और मेहनत करनी होगी। उन्होंने बताया कि बेंगलुरु में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का शिलान्यास अगले माह होगा। आयकर विभाग के अधिकारियों से उन्होंने ऐसे सभी भवनों की सूची तैयार करने के लिए कहा जिनके लिए जमीन तो मिल चुकी है लेकिन निर्माण नहीं शुरू हो सका है।