उत्तर प्रदेश में निजी पालीटेक्निक संस्थानों पर कसेगा शिकंजा, अब नहीं ले सकेंगे मनमानी फीस
उत्तर प्रदेश में निजी पालीटेक्निक संस्थानों पर योगी सरकार का शिकंजा कसेगा। अब निजी संस्थान विद्यार्थियों से मनमानी फीस नहीं वसूल पाएंगे। फीस का ब्योरा कालेज की वेबसाइट पर उपलब्ध कराना होगा। सभी संस्थानों के इस संबंध में जानकारी दे दी गई है।
लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। तकनीकी शिक्षा के नाम पर मनमानी फीस वसूली करने वाली प्राइवेट आइटीआइ पर शिकंजा लगाने की कवायद पूरी हो गई है। ग्रेडिंग और संस्थान की सुविधाओं के आधार पर संस्थाओं की फीस का निर्धारण कर लिया गया है। सितंबर से शुरू होने वाले नए सत्र से न केवल उन्हें प्रवेश से पहले विभाग के वेबपोर्टल पर विद्यार्थियों का पंजीयन करना होगा, बल्कि निर्धारित फीस ही लेनी होगी। प्रदेश की 2856 संस्थानों के तीन लाख से अधिक विद्यार्थियों को फायदा होगा। अब विद्यार्थी समाज कल्याण विभाग की ओर से मिलने वाली शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए भी आवेदन कर सकेंगे।
पालीटेक्निक इंजीनियरिंग, मेडिकल और मैनेजमेंट की भांति अब व्यावसायिक परीक्षा परिषद की प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से ही प्राइवेट आइटीआइ में भी प्रवेश होंगे। इसके साथ ही महानिदेशालय प्रशिक्षण एवं सेवायोजन भारत सरकार की ओर से फीस का निर्धारण भी कर दिया गया है। लखनऊ की 40 समेत प्रदेश की सभी 2856 प्राइवेट संस्थनों की ओर से ली जाने वाली मनमानी फीस पर शिकंजा लगाने के लिए अगले तीन साल के लिए फीस में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
पहले अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर से वर्ष 2014 में प्राइवेट आइटीआइ संस्थाओं की फीस का निर्धारण किया गया था। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने निजी आइटीआइ की एक वर्ष के कोर्स के लिए जो फीस निर्धारित थी वह बहुत कम थी। प्राइवेट आइटीआइ वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से कई बार धरना प्रदर्शन किया गया। सरकार ने तीन साल पहले गैर तकनीकी कोर्स की फीस 15,400 वार्षिक और तकनीकी कोर्स की फीस 18,000 रुपये प्रतिवर्ष निर्धारित की थील प्राइवेट आइटीआइ वेलफेयर एसोसिएशन के मंडल महामंत्री राजेंद्र द्विवेदी ने बताया कि इस वर्ष गैर तकनीकी कोर्स की फीस 21,200 वार्षिक और तकनीकी कोर्स की फीस 26,000 रुपये प्रतिवर्ष कर दी है। भारत सरकार ने पूरे देश में यह फीस निर्धारित की है। अभी प्रदेश सरकार की ओर से नई फीस का आदेश जारी होने का इंतजार है।
सभी निजी संस्थाओं की फीस का निर्धारण कर दिया गया है। नए सत्र से इसे लागू कर दिया जाएगा। निर्धारित फीस से अधिक फीस लेने पर सख्त कार्रवाई होगी। -राजेंद्र प्रसाद, संयुक्त निदेशक, व्यावसायिक शिक्षा परिषद