DR Sugestions on Coronavirus: दिल का रखें खास ख्याल, 20 फीसद लोगों में हृदय रोग की आशंका
कई बार कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद रक्तचाप की समस्या उभरती है जिससे ब्लड प्रेशर के अचानक बढऩे या घटने जैसी दिक्कतें होती हैं। संक्रमण शरीर में इंफ्लेमेशन को ट्रिगर करता है जिससे दिल की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं।
लखनऊ, जेएनएन। गंभीर कोरोना संक्रमण से छुटकारा पाने के बाद दिल पर जरूर नजर रखें। कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद लोगों में दिल की परेशानी हो सकती है। संजय गांधी पीजीआइ के हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. सुदीप कुमार के मुताबिक, देखा गया है कि कोरोना से ठीक होने वाले 10 से 20 फीसद लोगों में दिल की परेशानी की आशंका रहती है। खासकर ऐसे मरीज जिन्हें गंभीर संक्रमण के कारण भर्ती होना पड़ता है। 80 फीसद लोग घर पर ठीक हो जाते हैं। इनमें दिल की बीमारी की आशंका काफी कम होती है। संक्रमित होने के बाद फेफड़ों में संक्रमण और निमोनिया की वजह से सांस फूलने और सांस लेने में दिक्कत की समस्या होती है, लेकिन ठीक होने के बाद सांस फूलने और सीने में दर्द की समस्या हृदय रोग से जुड़ी भी हो सकती है। देखने में आया है कि कोविड के बाद पहले जो हेल्दी थे उनमें भी परेशानी हो हुई। रिकवर होने वाले कई मरीजों में बाद में हृदय से जुड़ी दिक्कतें हो रही हैं।
क्यों होती है दिल की परेशानी
कई बार ठीक होने के बाद रक्तचाप की समस्या उभरती है, जिससे ब्लड प्रेशर के अचानक बढऩे या घटने जैसी दिक्कतें होती हैं। संक्रमण शरीर में इंफ्लेमेशन को ट्रिगर करता है, जिससे दिल की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं, साथ ही धड़कन की गति भी प्रभावित होती है। इससे खून का थक्का जमने आदि की समस्या हो जाती है। प्रो. सुदीप कुमार ने कहा कि दरअसल कोरोना से हृदय की मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं। हार्ट में इंफ्लेमेशन बढऩे से ऐसा होता है। इससे हार्ट फेलियर, ब्लड प्रेशर की दिक्कत और धड़कन की गति तेज या धीमी होने लगती है। इसके अलावा फेफड़ों में खून के थक्के जमने की वजह से हार्ट पर बुरा असर पड़ता है।
नियमित रूप से कार्डियक स्क्रीनिंग करवाएं
मरीजों में हाइपरटेंशन और घबराहट महसूस होने से लेकर हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, स्ट्रोक और पल्मोनरी एम्बोलिज्म जैसी गंभीर दिक्कतें भी देखने को मिल रही हैं।
ये परेशानी हो तो बरतें सावधानी
चक्कर आना, सिर घूमना, सिर में दर्द रहना, घबराहट महसूस होना, हाइपरटेंशन, उल्टी आना, पसीना आना, सांस फूलना, चेस्ट पेन जैसी हल्की-फुल्की दिक्कत भी महसूस हो तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें। बीमारी का अगर शुरुआत में ही पता चल जाए और इलाज समय पर शुरू हो जाए तो मरीज को आगे चलकर बेहतर जीवन जीने में मदद मिलती है।
दिल का ऐसे रखें ख्याल
- डाक्टरों ने ब्लड थिनर और दूसरी दवाएं जो भी लिखी हों, जितने वक्त के लिए लिखी हों उन्हें जरूर लें।
- अगर आप धूमपान करते हैं या आपको शराब पीने की आदत है तो कोविड के बाद तुरंत आदत छोड़ दें।
- खाने-पीने का विशेष ख्याल रखें। फल, हरी सब्जियां खूब खाएं और घर का खाना ही खाएं। पानी खूब पीएं।
- गंभीर कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज होने के दो हफ्ते बाद अपने डाक्टर के पास फॉलोअप चेकअप के लिए जरूर जाएं। जरूरत हो तो ईसीजी, ईको कार्डियोग्राम डाक्टर की सलाह पर जरूर करवाएं।