मंदिर के लिए अनशन करने वाले परमहंसदास ने पिया जूस, तोगडिय़ा पहुंचे मिलने
संजय गांधी पीजीआइ के आइसीयू में भर्ती महंत परमहंस दास से मिलने पहुंचे हिंदू नेता डॉ.प्रवीण तोगडिय़ा को महंत से मिलने नहीं दिया गया।
लखनऊ(जेएनएन)। संजय गांधी पीजीआइ के पोस्ट ऑफ आइसीयू में भर्ती महंत परमहंस दास से मिलने पहुंचे अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के नेता डॉ.प्रवीण तोगडिय़ा को महंत से मिलने नहीं दिया गया। तोगडिय़ा ने आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन एक डॉक्टर को मरीज से मिलने नहीं दे रहा है। मंगलवार को दोपहर लगभग 12.17 मिनट पर तोगडिय़ा पीजीआइ पहुंचे। संस्थान परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। अस्पताल परिसर में स्थित निदेशक कार्यालय प्रवेश द्वार से उन्हें अंदर लाया गया जहां पर निदेशक प्रो.राकेश कपूर, इंडोक्राइनोलाजिस्ट प्रो.सुशील गुप्ता, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भरत सिंह सहित कई अधिकारियों ने उन्हेंं रिसीव कर कक्ष में बैठाया। बंद कमरे में पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे।
महंत से नहीं मिल सके तोगडिय़ा
लगभग 12.56 पर तोगडिय़ा सहित कई अधिकारी कमरे से बाहर निकले। तोगडिय़ा सीधे निकास द्वार से बाहर निकले जहां उन्होंने कहा कि हमें महंतजी से नहीं मिलने दिया गया। मैं खुद कैंसर का डॉक्टर हूं लेकिन मुझे भी मरीज से नहीं मिलने दिया गया। हमने प्रार्थना की कि महंत के दर्शन करने दें लेकिन नहीं करने दिया। अब हम झगड़ा तो नहीं कर सकते हैं। संसद में राम मंदिर के कानून की बात करने वाले आज परमहंस राम मंदिर की बात करने के कारण इनके गुनहगार हो गए हैं। उन्हें जबरन घसीट कर लाया गया। बताया गया कि महंत की हालत क्रिटिकल है। लेकिन हम तो इन डॉक्टरों से भी सीनियर हैं। ऐसे में हम भी उन्हें देख लेते।
महंत ने इलाज लेना किया शुरू
मंहत परमहंस दास अब तक केवल मुंह से पानी ले रहे थे जिससे सुधार नहीं हो रहा था। देर रात निदेशक डॉ. कपूर और जिला प्रसासन द्वारा काफी समझाने के बाद वह इलाज लेने को राजी हो गए हैं। ड्रिप के जरिए उन्हें दवाएं दी जा रही है जिससे हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। सुबह 11 बजे के करीब डॉ. कपूर फिर मंहत के पास गए और उन्होंने जूस पिला कर ओरल फीड शुरू कराया।
संक्रमण का खतरा देख तोगड़िया को रोका
निदेशक एसजीपीजीआइ प्रो.राकेश कपूर ने कहा कि पोस्ट ऑफ आइसीयू में महंत के अलावा 15 मरीज भर्ती है जिसमें कई लोग वेंटीलेटर पर हैं। प्रवीणभाई आइसीयू में जाते तो इनके साथ लोगों की भीड़ भी जाती जिससे बाकी मरीजों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता। इसके अलावा उनके वहां जाने से महंत जी में भी संक्रमण होने की आशंका रहती है। प्रवीण जो को मंहत जी के बारे में सारी जानकारी दी गयी और वह संतुष्ट होकर गए। मंहत जी स्थिति में सुधार हो रहा है।