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लाॅकडाउन में बेकार हो गई पान की फसल, अब किसानों को मिलेगा अनुदान

लॉकडाउन के दौरान बंद रहीं दुकानें खेतों में सड़ गई पान की फसल सरकार देगी किसानों को अनुदान।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 05:40 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 08:21 AM (IST)
लाॅकडाउन में बेकार हो गई पान की फसल, अब किसानों को मिलेगा अनुदान

लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। पान का नाम आते ही जिस खुशबू आैर स्वाद का एहसास होता है उसका अंदाजा तो इसके शौकीन ही लगा सकते हैं। पूजा पाठ और अन्य शुभ कार्य में काम आने वाला पान भले ही खास हो, लेकिन पान किसानों की स्थिति अन्य किसानों के मुकाबले ज्यादा खराब है। लाॅकडाउन में पान की दुकान व मंडी बंद होने से पान सड़कर बेकार हो गया। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग पान किसानों काे राहत देने के लिए अनुदान देने की तैयारी कर रही है।

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राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर अनुदान की सीमा को 1500 से घटाकर 1000 वर्ग मीटर कर दिया गया है। अनुदान के लिए खेती की सीमा अधिक होने से छोटे किसानों अनुदान नहीं मिल पाता था। उद्यान विभाग ने सीमा घटाकर एक हजार वर्ग मीटर करके छोटे पान किसानों को राहत देने का निर्णय लिया है। प्रदेश में राजधानी समेत महोबा, उन्नाव,रायबरेली, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर, भदोही व सोनभद्र समेत प्रदेश के 21 जिलों 700 हेक्टेयर क्षेत्र में पान की खेती होती है। अमेरिका, पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत कई देशों में 25 लाख डॉलर से अधिक पान का निर्यात हर वर्ष होता है। देश में 15 राज्यों में 55 हजार हेक्टेयर में पान की खेती होती है।  

ब्राह्मण समाज भी उगा रहे पान

राष्ट्रीय पान किसान यूनियन के महासचिव छोटेलाल चौरसिया की ओर उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग से मांगी गई सूचना के आधार पर राजधानी में छह पिछड़े वर्ग को अनुदान मिला है जबिक सीतापुर में 22 किसानों को मिले अनुदान में पांच ब्राह्मण भी पान उगा रहे हैं जबिक चौरसिया समाज के मात्र तीन किसानों को अनुदान दिया गया। उनका आरोप है कि गुणवत्ता युक्त पान किसान योजना और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत चौरसिया समाज के न होने पर अन्य जाति को अनुदान देने का प्रावधान है। पान किसानों की संख्या में भले ही कमी हो रही हो लेकिन, पान के व्यवसाय से लाखों पर परिवार जुड़े हैं। एक हजार वर्ग मीटर में पान बरेजे के निर्माण के लिए 50,453 रुपये निर्धारित किया गया है। इसके लिए किसानों को वेबसाइट uphorticulture.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा।

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के  निदेशक डॉ.एसबी शर्मा ने बताया कि पान की खेती को बढ़ावा देने और उनकी माली हालत में सुधार के लिए यह निर्णय लिया गया है। अनुदान के इच्छुक किसान ऑलाइन पंजीयन करा सकते हैं। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर अनुदान दिया जाएगा।


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