गन्ना सुरक्षण बैठक में किसानों ने मांगा बकाया मूल्य पर ब्याज
नाराज किसानों का कहना था कि सरकार जिस तरह विभाग को डिजिटल करने में जुटी है उसी तरह गन्ना मूल्य तौल होने के बाद बैंक खातों में पहुंच जाना चाहिए।
लखनऊ (जेएनएन)। मुरादाबाद क्षेत्र के पांच जिलों की गन्ना सुरक्षण बैठक में शुक्रवार को बकाया गन्ना मूल्य पर ब्याज देने का मुद्दा छाया रहा। नाराज किसानों का कहना था कि सरकार जिस तरह विभाग को डिजिटल करने में जुटी है उसी तरह गन्ना मूल्य तौल होने के तत्काल बाद ही बैंक खातों में पहुंच जाना चाहिए। गन्ना किसान संस्थान सभागार में आहूत बैठक अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण ढंग से निपटी। किसानों की नाराजगी बकाया भुगतान न होने और घटतौली जैसी समस्या को लेकर थी। चांदपुर व बिलासपुर जैसी कई मिलों में मरम्मत कार्य शुरू न होने का मुद्दा भी जोरशोर से उठा।
मिलों को दंडित करने का प्रावधान हो
किसान नेता हरपाल सिंह ने आरोप लगाया कि समय से किसानों का भुगतान नहीं करने वाली मिलों को दंडित नहीं किया जाता है जबकि ऐसा करने का प्रावधान हो और उन पर सख्ती से अमल किया जाए। गन्ना विभाग के ढुलमुल रवैये पर विजयवीर, राहुल, श्रीपाल व आनंद आदि किसानों ने खरी-खरी सुनाई। बैठक में क्षेत्र की 22 चीनी मिलों के लिए गन्ना क्षेत्रफल आवंटन पर चर्चा की गई। बिजनौर के किसान एचएस परमार ने मंडल मुख्यालयों पर सुरक्षण बैठकें नहीं कराने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया कि गन्ना विभाग और चीनी मिलों की स्थिति चोर-चोर मौसेरे भाई जैसी हो चुकी है। इस पेराई सत्र के लिए गन्ना समर्थन मूल्य तय न करने पर भी किसानों ने गुस्से का इजहार किया।
गन्ना पर्ची पर एक से अधिक बार तौल करने वाले दंडित होंगे
आगामी पेराई सत्र की आपूर्ति नीति में समिति द्वारा जारी गन्ना पर्ची पर एक से अधिक बार तौल करने या कराने वाले को दंडित किया जाएगा। गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि पर्ची जारी करने व निरस्त करने की सूचना किसानों को मोबाइल फोन पर एसएमएस के जरिये प्रदान की जाएगी जिसके माध्यम से किसान अपने गन्ने की तौल करा सकेंगे। उप गन्ना आयुक्त उषा पाल ने बताया कि यदि किसी विशेष परिस्थिति में किसान को अपना क्रय केंद्र परिवर्तन कराना चाहता है तो संबंधित दोनों चीनी मिलों की सहमति के बाद जिला गन्ना अधिकारी द्वारा निर्णय लिया जाएगा। एक से अधिक बार क्रय केंद्र परिवर्तन की अनुमति नहीं दी जाएगी और केंद्र बदलने पर शुल्क भी लगेगा। इस के अलावा गन्ना जलने की स्थिति में पर्ची जारी करने से पूर्व सत्यापन किया जाएगा।