लखनऊ विकास प्राधिकरण से बोले किसान, पहले संशय दूर करेंं...फिर ले जमीन
किसानों का तर्क हैं कि प्राधिकरण जमीन कितने दिन में विकसित करके दे देगा। अगर प्रोजेक्ट विलंब होता है तो खर्चा उनके घर का कौन चलाएगा। बच्चों की शिक्षा बेटी की शादी व रोजमर्रा का जीवन प्रभावित तो नहीं होगा।
लखनऊ, जेएनएन। सुलतानपुर रोड पर 1600 एकड़ जमीन की टाउनशिप को लेकर चल रहा प्रयास रंग लगाने लगा है। डीएम व लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश द्वारा गठित दो सदस्यीय टीम अर्जन की टीम काे लेकर सोमवार से सुलतानपुर रोड स्थित 1600 एकड़ जमीन को लेकर वार्ता किसानों से शुरू कर दी है। पहले पंचायत भवन और फिर किसानों की चौखट पर पहुंचे अफसरों को किसान जमीन तो देना चाहते हैें, लेकिन किसानों के मन में कई सवाल हैं, जिनका लिखित व सक्षम अधिकारी से जवाब चाहते हैं। किसानों का तर्क हैं कि प्राधिकरण जमीन कितने दिन में विकसित करके दे देगा। अगर प्रोजेक्ट विलंब होता है तो खर्चा उनके घर का कौन चलाएगा। बच्चों की शिक्षा, बेटी की शादी व रोजमर्रा का जीवन प्रभावित तो नहीं होगा। क्योंकि जमीन अर्जित होने के बाद न उस पर खेती कर पाएंगे और न उसे बेच पाएंगे।
सुलतानपुर रोड स्थित बक्कास व ढुलारमऊ के किसान अर्जुन सिंह, आलोक कुमार दीक्षित, राम सरन, संदीप, राम लखन, दिलीप कुमार, मनोहर व राधेलाल सहित दर्जनों किसानों ने लविप्रा टीम के समक्ष सवालों की झंडी लगा दी। किसानों का तर्क था कि कई किसान ऐसे हैं, जिनके पास सिर्फ एक बिस्वा या दो बिस्वा जमीन है। ऐसे में एक चौथाई जमीन का पैसा प्राधिकरण उन्हें विकसित जमीन के हिसाब से पहले मुहैया करा दे। इस पर संयुक्त सचिव डीएम कटियार, तहसीलदार स्निग्धता चतुर्वेदी ने पूरी बात सुनने के बाद वरिष्ठों के समक्ष बात रखने की बात कही है।
बसंत कुंज योजना का नहीं बन ले आउट
एक तरफ डीएम व लविप्रा उपाध्यक्ष बसंत कुंज योजना में करीब 550 प्लाटों का पंजीकरण एक जनवरी को खोलने की बात कही थी। वहीं लविप्रा द्वारा संबंधित योजना का ले आउट फाइनल न होने के कारण पंजीकरण खुलने में अभी कई सप्ताह का इंतजार करना पड़ सकता है। सचिव लविप्रा पवन गंगवार ने बताया कि जल्द ही याेजना का पंजीकरण खोला जाएाग। वहीं मोहान रोड योजना की 270 एकड़ प्रोजेक्ट को भी गति नहीं मिल सकी है।