सिग्नल में गड़बड़ी से हुआ रायबरेली में मालदा-नई दिल्ली एक्सप्रेस ट्रेन हादसा, दो निलंबित
हरचंदपुर स्टेशन के असिस्टेंट स्टेशन मास्टर ने ट्रेन को पास होने के लिए ग्रीन सिग्नल तो दे दिया, लेकिन प्वाइंट बदलकर पटरियां नहीं जोड़ी।
लखनऊ (जेएनएन)। पश्चिम बंगाल के मालदा टाउन से चलकर दिल्ली जा रही 14003 Up MaLDa Town -NDLS Exp न्यू फरक्का एक्सप्रेस सुबह करीब छह बजे हादसे का शिकार हो गई। बताया जा रहा है कि हरचंदपुर स्टेशन के असिस्टेंट स्टेशन मास्टर ने ट्रेन को पास होने के लिए ग्रीन सिग्नल तो दे दिया, लेकिन प्वाइंट बदलकर पटरियां नहीं जोड़ी। जिससे ट्रेन हादसे का शिकार हो गई। रेलवे ने हरचंदपुर के इलेक्ट्रिकल सिग्नल मेंटेनर (ईएसएम) व सिग्नल इंस्पेक्टर (एसआई) को सस्पेंड कर दिया है। बताया जा रहा है कि अाज सुबह 8 बजे के बाद दु्र्घटनाग्रस्त ट्रैक पर 26 घंटे बाद ट्रेन संचालन बहाल हो गया है।
बताते चलें कि अाज सुबह रायबरेली के हरचंदपुर रेलवे स्टेशन के पास Train No: 14003 Up (MaLDa Town -NDLS Exp) फरक्का एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। डीअारएम ने बताया है कि हादसे में तीन बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई। हादसे में 40 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। सभी का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। सुबह लगभग 6.11 बजे हरचंदपुर में लूप लाइन पर न्यू फरक्का एक्सप्रेस की नौ बोगियां डीरेल हो गई। इनमें छह बोगियां पूरी तरह से रेलवे ट्रैक से बाहर हो गई और महिला व दिव्यांग बाेगी पलट गई। इसी बोगी के लोग सबसे ज्यादा हताहत हुए।
हादसे में बिहार के मुंगेर जिले के लक्ष्मीपुर निवासी रसिक लाल मांझी के दो बच्चों सौगंध (8) और दिनेश (5) की मौत हो गई। रसिक, उसकी पत्नी अनीता और दो साल का मासूम राहुल हादसे में घायल हो गए। ये सभी माल बोगी में बैठे थे। बिहार के खड़गपुर, मुंगेर निवासी मोहन की एक साल की बेटी व मोना, पत्नी सुनीता की भी हादसे में जान चली गई। मोहन का मासूम बेटा रवि (6) अपनी एक साल की बहन सोना का इलाज जिला अस्पताल में करा रहा है। कुल सात लाेगों के मरने की सूचना है।
जिला अस्पताल में छह डेड बाडी अभी तक आयीं हैं। 36 से ज्यादा घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया है। पूरा स्वास्थ्य महकमा घायलों के इलाज में लगा है। प्राइवेट हास्पिटल के सर्जन व चिकित्सक भी जिला अस्पताल में डटे हुए हैं। हादसा कैसे हुअा अभी यह पता नहीं चला है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने बताया कि दुर्घटनास्थल पर नजर रखने के लिए ड्रोन व लांग रेंज कैमरा का इस्तेमाल किया जा रहा है।