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यूपी में फर्जी शिक्षकों पर हाथ डालने से परहेज कर रहे बीएसए, आइजी एसटीएफ ने बताई हकीकत

बेसिक शिक्षा विभाग की शिक्षक भर्तियों में हुईं अनियमितताओं की शिकायतों की जांच में वर्ष 2020 में अब तक उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में 24 शिक्षक फर्जी तरीके से नियुक्त पाये गए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 09:58 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 09:59 AM (IST)
यूपी में फर्जी शिक्षकों पर हाथ डालने से परहेज कर रहे बीएसए, आइजी एसटीएफ ने बताई हकीकत
यूपी में फर्जी शिक्षकों पर हाथ डालने से परहेज कर रहे बीएसए, आइजी एसटीएफ ने बताई हकीकत

लखनऊ, जेएनएन। एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फर्जी और कूटरचित अभिलेखों के आधार पर परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराकर उनकी सेवा समाप्त करने के सख्त निर्देश दे चुके हैं और उधर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐसे शिक्षकों पर हाथ डालने से परहेज कर रहे हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने में विलंब कर रहे हैं और वे ऐसे शिक्षकों को अतिरिक्त समय दे रहे हैं।

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पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ अमिताभ यश ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार को बीती चार जून को पत्र भेजकर बताया है कि बेसिक शिक्षा विभाग की शिक्षक भर्तियों में हुईं अनियमितताओं की शिकायतों की जांच में वर्ष 2020 में अब तक उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में 24 शिक्षक फर्जी तरीके से नियुक्त पाये गए हैं। इनमें से 12 शिक्षकों ने किसी दूसरे व्यक्ति के शैक्षिक अभिलेखों के आधार पर नौकरी पाई है। वहीं 10 शिक्षक कूटरचित अंकपत्रों के आधार पर शिक्षक बनने में कामयाब हुए हैं।

इसके साथ ही दो और शिक्षक फर्जी स्थानांतरण आदेश के आधार पर शिक्षक की नौकरी हथियाने में सफल हुए हैं। इनमें से एक शिक्षक को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। चार अन्य शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जारी कर दिया है। जांच में फर्जी तरीके से नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के बारे में एसटीएफ की ओर से संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजे गए थे। की गई कार्रवाई से एसटीएफ को अवगत कराने के लिए भी कहा गया था।

महानिरीक्षक एसटीएफ ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को लिखा है कि कई बार पत्राचार के बावजूद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने में विलंब कर रहे हैं और वे ऐसे शिक्षकों को अतिरिक्त समय दे रहे हैं। इससे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने और उन्हें मिटाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने ऐसे शिक्षकों के खिलाफ तत्परता से एफआइआर दर्ज कराने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देने का भी अनुरोध किया है। इस सिलसिले में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने मंगलवार को इन 13 जिलों के बीएसए को तत्काल फर्जी शिक्षकों के खिलाफ अपेक्षित कानूनी कार्यवाही कर इसकी सूचना एसटीएफ, शासन व उनके कार्यालय को देने का निर्देश दिया है।

किस जिले के कितने शिक्षक मिले फर्जी : एसटीएफ की जांच में श्रावस्ती में चार, बलरामपुर, महाराजगंज व सीतापुर में तीन-तीन, गोरखपुर व देवरिया में दो-दो तथा हरदोई, गोंडा, बाराबंकी, उन्नाव, फर्रुखाबाद, प्रतापगढ़ व संत कबीर नगर में एक-एक शिक्षक फर्जी पाये गए हैं।

गृह और शिक्षा विभाग की बैठक में शिकंजा कसने की तैयारी : फर्जी शिक्षकों के खिलाफ शिकंजा कसने के मकसद से मंगलवार को गृह और शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में तय हुआ कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियों की एसआइटी और एसटीएफ की ओर से की गई जांच को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कार्रवाई में तेजी लायी जाए। बेसिक शिक्षा विभाग फर्जी चिन्हित किये गए शिक्षकों के दस्तावेजों का ऑनलाइन सत्यापन तेजी से कराए। इस सिलसिले में अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा की ओर से सभी जिलाधिकारियों को हाल ही में पत्र भेजा जा चुका है। तय हुआ कि गृह विभाग की ओर से भी ऐसे मामलों की नियमित निगरानी के लिए सभी डीएम को निर्देश जारी कर दिये जाएं।

नई बर्खास्तगी के आदेशों का इंतजार : निदेशक बेसिक शिक्षा डॉ.सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने सोमवार को सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये थे कि फर्जी तरीके से शिक्षक नियुक्त होने वाले उन लोगों के खिलाफ तत्काल बर्खास्तगी की कार्रवाई कर जिन्हेंं चिन्हित किए जाने के बावजूद अब तक उनकी सेवा समाप्त नहीं की गई है। मंगलवार को पूर्व में बर्खास्त किये गए शिक्षकों की सेवा समाप्ति के आदेशों की प्रतियां तो बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय पहुंचीं मगर नयी बर्खास्तगी के ज्यादातर मामलों का इंतजार होता रहा। विभाग के अधिकारियों का कहना था कि बर्खास्तगी का आदेश जारी करने से पहले औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं जिससे कि ऐसे शिक्षक कोर्ट से राहत न पा सकें।


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