Fake Recruitment: लखनऊ में Income Tax विभाग में फर्जी भर्ती की जांच करेगी क्राइम ब्रांच, रडार पर बड़े अफसर
Fake Recruitment Case in Income Tax Department लखनऊ में आयकर विभाग कार्यालय में फर्जी नियुक्ति के मामले में प्रियंका मिश्रा के गिरफ्तार होने के बाद जांच तेज हो गई है। फर्जीवाड़े की मुख्य आरोपित प्रियंका मिश्रा के खाते में सात माह में 50 लाख रुपये का लेनदेन किया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। Fake Recruitment Case in Income Tax Department: कम समय में ही अमीर बनने की चाहत में जेल पहुंची कथित सहायक आयुक्त इनकम टैक्स प्रियंका मिश्रा पर अब पुलिस का शिकंजा कस गया है। युवाओं को इनकम टैक्स विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर दस-दस लाख रुपया वसूल करने वाली प्रियंका के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में प्रियंका के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
प्रियंका को गिरफ्तार करने के बाद अब इस मामले को क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है। माना जा रहा है कि इस फर्जीवाड़ा में प्रियंका की मदद करने वाले कई अफसर भी क्राइम ब्रांच की रडार पर रहेंगे।
लखनऊ में इनकम टैक्स विभाग में नौकरी में फर्जीवाड़ा की जांच अब क्राइम ब्रांच को सौंपी गई। इस घोटाले में कुछ बड़े अफसरों की भूमिका की जांच हो रही है। क्राइम ब्रांच की टीम प्रियंका मिश्रा को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
इतना ही नहीं हरियाणा के निजी संस्थान में इंजीनियर के पद पर कार्यरत प्रियंका के पति से भी पूछताछ होगी। प्रियंका के पति को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया। इसके साथ ही फर्जी इंटरव्यू देने आए अभ्यर्थियों को बुलाया गया है। फिलहाल तो आयकर विभाग के कई बड़े अफसर छुट्टी पर गए हैं। बड़े अफसरों का कार्यालय शुक्रवार को दिनभर बंद रहा।
जांच ने गति पकड़ी, प्रियंका के खाते से बड़ा लेन-देन
लखनऊ में आयकर विभाग कार्यालय में फर्जी नियुक्ति के मामले में प्रियंका मिश्रा के गिरफ्तार होने के बाद जांच तेज हो गई है। जांच में पता चला है कि फर्जीवाड़े की मुख्य आरोपित प्रियंका मिश्रा के खाते में सात माह में 50 लाख रुपये का लेनदेन किया गया है। यहरुपये किसने और किस मद में दिए थे, इसके बारे में आरोपित के घरवाले कोई जानकारी नहीं दे पाए हैं। इस लेनदेन की रकम के कागजात नहीं मिले हैं। जांच एजेंसियां वर्ष 2018 से अब तक के लेनदेन का ब्योरा जुटा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि प्रियंका कुल कितने बैंक खाते संचालित कर रही थी।
खुद को बताती थी डिप्टी कमिश्नर
प्रियंका मिश्रा लोगों के पूछने पर खुद को इनकम टैक्स विभाग का डिप्टी कमिश्नर बताती थी। इसके साथ ही दावा करती थी कि उसके उसके दिल्ली में आयकर विभाग के अधिकारियों से संपर्क हैं। वह किसी की भी नौकरी लगवा सकती थी। उसके इसी झांसे में कई नौजवान आ गए थे। इनको उसने लखनऊ के इनकम टैक्स आफिस की कैंटीन में फर्जी नियुक्ति पत्र पकड़ाकर लाखों रुपया वसूला था।
संविदा पर नौकरी के दौरान अधिकारियों से बढ़ाई करीबी
प्रियंका ने पुलिस को बताया कि उसने दिल्ली के साथ लखनऊ में आयकर विभाग में संविदा पर नौकरी की थी। इस दौरान उसने विभाग के बड़े अधिकारियों से करीबी बना ली थी। उनके काम करने के तौर तरीकों को सीखने के साथ-साथ नाम और डिटेल की भी जानकारी ली थी।
बीटेक ने इंजीनियर की नौकर छोड़ किया फर्जीवाडा
इनकम टैक्स आफिस लखनऊ से पुलिस की गिरफ्त में आने वाली प्रियंका मिश्रा ने बीटेक किया है। इंजीनियर की नौकरी को छोड़कर जल्द अमीर बनने की चाहत में वह ठगी करने लगी। इंजीनियर की नौकरी छोड़कर वह इनकम टैक्स विभाग में संविदा में काम करती थी और अधिकारियों का डाटा कलेक्ट करती थी। शातिर दिमाग वाली प्रियंका 10 लाख रुपये के बदले में नौकरी लगवाने का झांसा देकर लोगों को फंसाती थी।
क्राइम ब्रांच की रडार पर इनकम टैक्स के अधिकारी और कर्मी
प्रियंका के फर्जीवाड़ा की जांच संभाल चुकी क्राइम ब्रांच की टीम पता लगा रही है कि प्रियंका मिश्रा के कहने दफ्तर के भीतर अभ्यर्थियों को किसने बुलाया था। लखनऊ में आयकर निरीक्षक की भर्ती निकली थी या अभ्यर्थियों को झांसे में लिया गया था। जांच एजेंसियां प्रियंका की काल डिटेल भी निकलवा रही हैं। इसके जरिये जानकारी की जा रही है कि वह किन लोगों के संपर्क में थी। प्रियंका की फोन पर आयकर भवन के किन कर्मचारियों से बात होती थी। माना जा रहा है कि जिन कर्मचारियों की प्रियंका से फोन पर बात हुई थी, उन्हें पुलिस पूछताछ के लिए बुलाएगी। इसके बाद संलिप्त कर्मियों की भूमिका उजागर होगी।
लखनऊ में मंगलवार को आयकर विभाग के दफ्तर में प्रियंका मिश्रा को फर्जी नियुक्ति पत्र बांटते पकड़ा गया था। सात अभ्यर्थी भी भवन में मौजूद थे, जो नौकरी की आस में आए थे। हजरतगंज कोतवाली में आयकर के पीआरओ की तहरीर पर प्रियंका मिश्रा समेत अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने प्रियंका जैन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
दिल्ली में भी किया था फर्जीवाड़ा
प्रियंका मिश्रा से पूछताछ में पुलिस की जांच में एक के बाद एक खुलासे भी हो रहे हैं। नोएडा में 2016-17 में संविदा पर कार्यरत रहते हुए प्रियंका मिश्रा ने आइएएस की परीक्षा पास होने की घोषणा की थी और उस दौरान प्रियंका मिश्रा ने इनकम टैक्स विभाग के कर्मचारियों में मिठाई भी बांटी थी। उसी वर्ष प्रियंका ने मौका देखकर कुछ बेरोजगार युवकों को नोएडा में नौकरी दी और उनसे लाखों रुपये ऐंठ लिये थे। डीसीपी मध्य अपर्णा कौशिक और उनकी टीम के कड़ी पूछताछ में सामने आया कि वह बेरोजगारों को अपने जाल में फंसाने के लिए मित्रों, रिश्तेदारों को माध्यम बनाती रही है। बेरोजगार युवकों से रुपये ऐंठने के बाद उसे विभिन्न खातों में रखा करती थी और इसकी जानकारी सिर्फ प्रियंका मिश्रा को ही होती थी।