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एचपीसीएल में काम कर रहे थे फर्जी पूर्व सैनिक, आर्मी इंटेलिजेंस ने दो को दबोचा-दो फरार

फर्जी डिस्चार्ज बुक बनाकर हासिल की थी सुरक्षा गार्ड की नौकरी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 May 2018 10:16 AM (IST)Updated: Sat, 12 May 2018 10:50 AM (IST)
एचपीसीएल में काम कर रहे थे फर्जी पूर्व सैनिक, आर्मी इंटेलिजेंस ने दो को दबोचा-दो फरार

लखनऊ[जागरण संवाददाता]। सेना से सेवानिवृत्त होने का फर्जी दस्तावेज बनाकर चार जालसाज सरोजनीनगर स्थित हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) में गार्ड की नौकरी कर रहे थे। आर्मी इंटेलिजेंस की मदद से पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि दो अब भी फरार हैं। बताया जा रहा है कि फर्जी डिस्चार्ज बुक बनाकर पूर्व सैनिक के नाम पर बड़ा खेल किया गया है।

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सेना के कर्नल (सेवानिवृत्त) शिव नारायण तिवारी की सुरक्षा गार्ड एजेंसी को महानिदेशालय रिक्रूटमेंट के इम्पैनल में शामिल किया गया था। इसी आधार पर उनको दो साल के लिए एचपीसीएल में अपने सुरक्षा गार्ड तैनात करने के निर्देश दिए गए थे। एचपीसीएल में पूर्व सैनिकों की तैनाती को प्राथमिकता दी जाती है। कर्नल शिव नारायण तिवारी की एजेंसी को एक जून 2016 से 31 मई 2018 तक काम करने का जिम्मा दिया गया। हर दो साल में नई एजेंसी को काम दिया जाता है। जबकि यहा तैनात पूर्व सैनिकों में कोई बदलाव नहीं किया जाता है। इस बीच आर्मी इंटेलिजेंस को पता चला कि एचपीसीएल में चार पूर्व सैनिकों की डिस्चार्ज बुक फर्जी है। यह डिस्चार्ज बुक पूर्व में पकड़े जा चुके मिलन थापा गिरोह ने ही तैयार किए थे।

सूचना मिलने के बाद आर्मी इंटेलिजेंस ने कर्नल शिव नारायण तिवारी से संपर्क किया। इस पर कर्नल तिवारी ने सभी पूर्व सैनिकों से उनकी डिस्चार्ज बुक का सत्यापन कराने के आदेश दिए। आदेश मिलते ही सुरक्षा गार्ड अशोक कुमार सिंह, राजेश कुमार सिंह और भूपेश सिंह ने नौकरी छोड़ दी। कई दिनों से उनकी तलाश की जा रही थी। सरोजनीनगर पुलिस की मदद से आर्मी इंटेलिजेंस ने रायबरेली निवासी अशोक सिंह और उन्नाव निवासी राजेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

उसने बताया कि भरतपुर निवासी जगदीश से उसने 2009 में यह फर्जी डिस्चार्ज बुक बनवाई थी। जबकि उनके साथ उन्नाव का रहने वाला भूपेश भी गार्ड की नौकरी करता था। पुलिस दोनो वाछितों की तलाश कर रही है।


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