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पीएम मोदी की तस्वीर लगाकर चला रहे थे फर्जी कॉल सेंटर, चार गिरफ्तार

इस वेबसाइट में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत लोगों को विभिन्न बैंकों के ग्राहक सेवा केंद्र की फ्रेंचाइजी दिलाने का झांसा दिया जाता था।

By Amal ChowdhuryEdited By: Published: Tue, 19 Dec 2017 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 19 Dec 2017 09:08 AM (IST)
पीएम मोदी की तस्वीर लगाकर चला रहे थे फर्जी कॉल सेंटर, चार गिरफ्तार
पीएम मोदी की तस्वीर लगाकर चला रहे थे फर्जी कॉल सेंटर, चार गिरफ्तार

लखनऊ (जागरण संवाददाता)। साइबर क्राइम सेल ने छत्तीसगढ़ पुलिस की मदद से लखनऊ के गोमतीनगर थाने के पीछे चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का राजफाश कर चार युवकों को गिरफ्तार किया है। सीओ हजरतगंज और साइबर सेल के नोडल प्रभारी अभय कुमार मिश्र के मुताबिक आरोपितों ने फर्जी कॉल सेंटर में नौकरी पर कई लड़कियों को भी रखा था।

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आरोपितों ने बताया है कि वह उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के अन्य प्रदेशों में लोगों को फोन कर ग्राहक सेवा केंद्र (मिनी बैंक) की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर ठगते थे। साइबर सेल के प्रभारी अरुण कुमार सिंह के मुताबिक छत्तीसगढ़ के थाना रामानुज नगर में आरोपितों के खिलाफ ठगी समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज थी।

पुलिस की गिरफ्त में पकड़े गए आरोपी।

छत्तीसगढ़ पुलिस की महिला दारोगा चित्रलेखा ने साइबर सेल से इस मामले में मदद मांगी थी। पड़ताल के दौरान पुलिस ने गोमतीनगर थाने के पीछे चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया। आरोपितों ने वेबसाइट बनाने वाली एक मशहूर कंपनी से विन टू विन नाम की फर्जी वेबसाइट बनवाई थी।

इस वेबसाइट में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत लोगों को विभिन्न बैंकों के ग्राहक सेवा केंद्र की फ्रेंचाइजी दिलाने का झांसा दिया जाता था। आरोपितों ने बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, कनार्टक, दिल्ली एवं मध्य प्रदेश समेत अन्य प्रदेशों के लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है।

शहर बदलकर करते थे ठगी: आरोपितों ने बताया कि वह पिछले तीन माह से गोमतीनगर में फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। इसके पूर्व उन्होंने दिल्ली व बेंगलुरु में यह काम किया था। पिछले तीन माह में आरोपितों ने करीब 12 लाख रुपये ठगे थे। आरोपित जिस प्रदेश में कॉल सेंटर खोलते थे, वहां के लागों से ठगी नहीं करते थे ताकि उनके खिलाफ वहां कोई शिकायत न कर सके।

कस्टमर सर्विस सेंटर की वेबसाइट से लेते थे डाटा: आरोपितों ने बताया है कि वह मोबाइल नंबरों का डाटा कस्टमर सर्विस सेंटर सीएससी की वेबसाइट से लेते थे। इसके बाद डाटा के आधार पर कॉल सेंटर में काम करने वाली युवतियों से फोन करवाकर लोगों से पूछते थे कि क्या आप कस्टमर सर्विस प्वाइंट (सीएसपी) होल्डर बनना चाहते हैं। अगर हां तो हमारी वेबसाइट www.wintowin.in पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

इनको किया गिरफ्तार: इंस्पेक्टर साइबर सेल विजयवीर सिरोही के मुताबिक आरोपित प्रतापगढ़ के बवरिहा पहाड़पुर निवासी देवदत्त शुक्ला, इलाहाबाद के सैदाबाद उतराव निवासी सुशील मिश्र, नई दिल्ली के कापासैडा निवासी मनीष चौहान एवं बिहार के जिला वैशाली निवासी गौरव राज को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों के पास से 17 मोबाइल फोन, दो लैपटाप, दो सीपीयू, दो मॉनीटर, एक प्रिंटर, एक स्विफ्ट कार और दो बुलेट समेत अन्य सामान बरामद किए गए हैं।

लोगों की कमाई ठगकर करते थे अय्याशी: पुलिस के मुताबिक आरोपित लोगों की मेहनत की कमाई ठगकर लड़कियों पर रुपये खर्च करते थे। आरोपितों ने दो बुलेट भी खरीदी थी। नाइट पार्टियों में महिला मित्रों पर हजारों खर्च करते थे। पुलिस इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी जांच कर रही है। पड़ताल में सामने आया कि आरोपितों ने एक मकान के बेसमेंट का हिस्सा किराए पर लिया था, जिसमें वह कॉल सेंटर चला रहे थे।

डॉक्टर का बेटा है गौरव: साइबर सेल के पुलिसकर्मियों ने बताया कि विन टू विन वेबसाइट वैशाली, बिहार निवासी गौरव राज ने बनवाया था। गौरव के पिता अरविंद कुमार सिंह होम्योपैथिक के डॉक्टर हैं। आरोपित ने 12वीं के बाद आइटीआइ का कोर्स किया था और घर पर नौकरी करने की बात बोलकर लखनऊ आ गया था। गौरव ने फेसबुक पर अपने नाम के साथ 'मिस्टर परफेक्ट' जोड़ रखा है। उसने एक पोस्ट भी शेयर किया है, जिसमें लिखा है कि 'आप गरीब पैदा हुए इसमें आपकी गलती नहीं, लेकिन अगर आप गरीब ही मर गए तो तो यह आपकी गलती है।'

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बनाई गई थी फर्जीवाड़े की स्क्रिप्ट: कॉल सेंटर में तैनात करीब 12 युवतियों को आरोपितों ने एक स्क्रिप्ट तैयार कर दी थी। स्क्रिप्ट में कॉल कर लोगों से बात करने की लाइनें लिखी गई थीं। झांसे में आकर सीएसपी होल्डर बनने के लिए हामी भरने वाले लोगों से आगे क्या बात करनी है, इसके बारे में लिखकर युवतियों को दिया गया था। कॉलर लड़कियां लोगों से पहले 1500 रुपये रजिस्ट्रेशन चार्ज वेबसाइट के खाते में जमा करने को कहती थी। रुपये जमा होने के 15 दिन बाद सर्विस देने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए कहा जाता था। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह वेबसाइट पर उपलब्ध प्वांइट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन उपलब्ध कराने के नाम पर लोगों से 6500 रुपये ठग लेते थे।

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