किताब से पढ़कर लाएं नागरिक शास्त्र में अच्छे अंक, एक्सपर्ट ने दिए ये गुरुमंत्र
नागरिक शास्त्र में अच्छे अंक लाने के दिए प्रवक्ता अभिषेक सिंह चौहान ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव, जो हम आपको बता रहे हैं।
लखनऊ, जेएनएन। नागरिक शास्त्र कठिन नहीं, बल्कि बहुत आसान विषय है। बस, शर्त यह है कि इस विषय को किसी गाइड के बजाए पाठ्य पुस्तक से तैयार करें। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल व राजनैतिक पार्टियों के बारे में पढ़कर आसानी से अच्छे अंक हासिल किए जा सकते हैं। शनिवार को दैनिक जागरण कार्यालय में प्रवक्ता अभिषेक सिंह चौहान मौजूद रहे। उन्होंने नागरिक शास्त्र में अच्छे अंक लाने के दिए महत्वपूर्ण सुझाव।
प्रश्न- राष्ट्रपति के आपातकालीन अधिकार क्या हैं। (अजय वर्मा, गोंडा)
उत्तर- राष्ट्रपति जल, थल, वायु सेना का प्रमुख होता है। मगर, अब यह सवाल सेलेबस से बाहर है, अब मुख्यमंत्री व राज्यपाल के बारे में पढ़ें। इनकी नियुक्ति कैसे होती है, कौन इनको नियुक्त करता है, ये कैसे कार्य करते हैं।
प्रश्न- नागरिक शास्त्र में इस बार पेपर में क्या-क्या आएगा, विषय कठिन लगता है। (पंकज, हरदोई)
उत्तर- राजनैतिक पार्टी के बारे में ज्यादा पढ़ें। मुख्यमंत्री, राज्यपाल के बारे में पढ़ें। आदिवासी जातियों की समस्या क्या है, भारतीय संविधान के बारे में पढि़ए, विषय आसान हो जाएगा।
प्रश्न- अच्छे अंक लाने के लिए क्या करूं। (अंशु ओझा, गोंडा)
उत्तर- पेपर चेंज हुए हैं। एक नंबर के दस बहुविकल्पीय प्रश्न, पांच नंबर के छह अति लघु उत्तरीय, छह नंबर के चार दीर्घ उत्तरीय और आठ नंबर के दो दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होंगे। सबसे पहले प्रथम सवाल से शुरू करिएगा और अंत में दीर्घ उत्तरीय को हल करें।
प्रश्न- राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की शक्तियां भूल जाता हूं, कैसे याद करूं। (अमरजीत मौर्या, रायबरेली)
उत्तर- कोर्स बदल गया है। अब कोर्स में राष्ट्रपति नहीं हैं। अब सारी शक्तियां प्रधानमंत्री के हाथ में आ गईं हैं। हेडिंग वाइज सारी शक्तियों को याद करिए। दीर्घ लघु उत्तरीय प्रश्नों को पाठ्य पुस्तक से पढि़ए। किताब में विस्तृत रूप से लिखा होता है जबकि गाइड में संक्षिप्त उत्तर होते हैं।
प्रश्न- नागरिक जीवन तैयार नहीं किया है, कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न बताएं। (मनीष, रायबरेली)
उत्तर- प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री के बारे में पढऩा पड़ेगा। छोटे-छोटे प्रश्नों पर ज्यादा ध्यान दीजिए। सवालों को याद करके हेडिंग के साथ लिखने की प्रैक्टिस करिए।
प्रश्न- नागरिक शास्त्र का कोर्स ज्यादा है, कुछ गुरुमंत्र दीजिए। (दिव्यांश, रायबरेली)
उत्तर- कोर्स सीमित है और रुचिकर भी है। भारतीय संविधान के कितने अनुच्छेद हैं, इसमें क्या संशोधन हुए हैं ये सब याद करिए और सभी सवालों को हल करने का प्रयास करिए।
प्रश्न- कितना तैयार करें और कितना न करें। (आसिफ अली, हरदोई)
उत्तर- भारतीय संविधान थोड़ा कठिन है, इसको जरूर तैयार करिए। मनुस्मृति व अर्थशास्त्र के लेखकों के नाम जरूर पूछे जाते हैं। अत: कुछ पुस्तकों के लेखकों के नाम जरूर याद करें।
प्रश्न- जो पिछले साल प्रश्न आए थे, क्या इस बार भी उनके आने की संभावना है। (जायरा, अंबेडकरनगर)
उत्तर- पिछले वर्ष पूछे गए सवाल इस बार भी आ सकते हैं। कई बार सवाल घुमाकर पूछे जाते हैं इसलिए आपको पूरी पुस्तक की जानकारी होनी चाहिए। आरक्षण की अवधारणा तैयार कर लीजिए, इसके आने की संभावना है। इसके अलावा पंचशील सिद्धांत क्या है, कौन-कौन से देश इसको फॉलो करते हैं, उन देशों के नाम लिखिए ये भी सवाल आ सकते हैं।
प्रश्न- बड़े सवाल याद नहीं होते, क्या करूं। (रितेश मिश्रा, लखीमपुर)
उत्तर- दीर्घ उत्तरीय सवालों को याद करने का आसान तरीका है, उनको स्टेप बाई स्टेप याद करिए। जैसे कि शीत युद्ध के बारे में सवाल आता है तो आप उसे ऐसे याद करिए कि शीत युद्ध क्या है, किन-किन देशों के बीच हुआ, इसके क्या प्रभाव हुए आदि।
प्रश्न- कौन से पाठ और प्रश्न महत्वपूर्ण हैं। (जवेरिया एजाज, सीतापुर)
उत्तर- राज्यों के सिद्धांत, इकाइयों के सवाल आने की संभावना है। मताधिकार आदि के बारे में पढि़ए।
प्रश्न- किस पाठ से अधिक से अधिक से सवाल आ सकते हैं। (आकाश जायसवाल, नानपारा बइराइच)
उत्तर- अब एक प्रश्न पत्र हो गया है इसलिए किसी भी पाठ से सवाल आ सकते हैं। शीतयुद्ध, पंचशील सिद्धांत भी महत्वपूर्ण हैं। गाइड के बजाए किताब से पढि़ए। किताब से ज्यादा पढ़ेंगे तो ज्यादा याद रहेगा। हेडिंग वाइज सवालों को याद करके लिखने का अभ्यास करें।
गुरुमंत्र
- सभी प्रश्नों को हल करें।
- बहुविकल्पीय व अति लघु उत्तरीय प्रश्न आपको पूरे नंबर दिलाएंगे।
- दीर्घ लघु उत्तरीय प्रश्न अधिक विस्तार से न लिखें।
- भारतीय संविधान, आरक्षण की अवधारणा, पंचशील सिद्धांत, भारत की विदेश नीति, भारतीय आदिवासियों की समस्याएं अधिक महत्वपूर्ण हैं।
- प्रश्न पत्र हल करने से पहले प्रश्नों से संबंधित दिशा-निर्देश ध्यान से पढ़ें।
प्रमुख बदलाव
- दो पेपर की जगह एक पेपर होगा जोकि 100 नंबर का होगा।
- पेपर में नए प्रश्न दीर्घ लघु उत्तरीय जुड़े हैं। ये प्रश्न चार होंगे, प्रत्येक प्रश्न छह नंबर का होगा।
प्रारूप
बहुविकल्पीय प्रश्न, प्रश्नों की संख्या, अंक, कुल अंक
- बहुविकल्पीय प्रश्न 10 \क्र3 1 = 10
- अति लघु उत्तरीय प्रश्न 10 \क्र3 2 = 10
- लघु उत्तरीय प्रश्न 6 \क्र3 5 = 30
- दीर्घ लघु उत्तरीय प्रश्न 4 \क्र3 6 = 24
- दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 2 \क्र3 8 = 16
कुल प्रश्न, 32 - 100 नंबर