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छात्रों की एकाग्रता ब्रेक कर रही सोशल साइट, पढ़ाई के बाद मोबाइल से रहें दूर

मनोवैज्ञानिक डॉ. पीके खत्री ने छात्रों की पढ़ाई के दरम्यान चुनौती बनीं शारीरिक व मानसिक समस्याओं से उबरने के उपाय बताए, जो दैनिक जागरण आपको बता रहा है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 07:46 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 09:19 AM (IST)
छात्रों की एकाग्रता ब्रेक कर रही सोशल साइट, पढ़ाई के बाद मोबाइल से रहें दूर
छात्रों की एकाग्रता ब्रेक कर रही सोशल साइट, पढ़ाई के बाद मोबाइल से रहें दूर

लखनऊ, जेएनएन। परीक्षा नजदीक है। विद्यार्थी खेल के मैदान से दूर हैं। उनका अधिकतर समय किताबों में बीत रहा है। मगर रिलैक्स फील करने के लिए सोशल साइट का प्रयोग जारी है। यह आदत अनजाने में उनकी मेहनत पर भारी पढ़ रही है। कारण, मोबाइल स्क्रीन की रोशनी आंख पर पड़ती है। इससे आंख और मस्तिष्क का वह क्षेत्र प्रभावित होता है, जहां पर ऑब्जेक्ट का प्रतिबिंब बनता है।

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लिहाजा, ब्रेन के न्यूरांस की कार्यपद्धति में बदलाव आ जाता है। इससे मस्तिष्क की मैसेजिंग व स्टोरेज क्षमता के साथ-साथ एकाग्रता भी भंग होती है। 'दैनिक जागरण' के प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में बुधवार को मनोवैज्ञानिक डॉ. पीके खत्री मौजूद रहे। उन्होंने छात्रों की पढ़ाई के दरम्यान चुनौती बनीं शारीरिक व मानसिक समस्याओं से उबरने के उपाय बताएं। 

प्रश्न : परीक्षा नजदीक आ गई है। मैथ नहीं आती है, काफी टेंशन हो रही है। (राजन, अयोध्या)

उत्तर : मैथ से घबराए नहीं। पहले उसके बेसिक फॉर्मूला समझें। उनकी लिस्ट बना लें। इसके बाद सॉल्व प्रश्न करें, फिर उन्हें बिना देखे हल करें। इच्छाशक्ति में वृद्धि होगी। अनसॉल्व हल करना शुरू करें।

प्रश्न : कक्षा 10 में हूं। बोर्ड परीक्षा को लेकर हमेशा दुविधा बनी रहती है। (अजय, गोंडा)

उत्तर : पहले मॉडल पेपर देखकर परीक्षा को लेकर स्थिति स्पष्ट कर लें। पढ़ाई टाइम टेबल बनाकर करें। व्याप्त असमंजस समाप्त हो जाएगा।

प्रश्न : 12 वीं में हूं। परीक्षा को लेकर घबराहट हो रही है। (अनुराग, नरही)

उत्तर : जो विषय कमजोर हों, उस पर फोकस करो। लगातार कई घंटे न पढ़ें। बीच-बीच में अन्य एक्टीविटी भी करें। आत्मविश्वास मजबूत रखें।

प्रश्न : पढ़ाई के वक्त दिमाग में भारी पन लगता है। क्या करें। (संजय, हरदोई)

उत्तर : लगातार कई घंटे न पढ़ें। बीच में 15-20 मिनट का ब्रेक लें। इस दरम्यान पानी भी पीते रहें। थोड़ी देर गार्डन में टहलें या अभिभावक से बात करें।

प्रश्न : बच्चे टॉप करने की तैयारी करते हैं, वहीं सफलता न मिलने पर हताश हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें कैसे संभालें। (धनंजय कुमार, धौरहरा)

उत्तर : बच्चों को सर्वोच्च अंक के लिए प्रेरित अवश्य करें। मगर, उसे पॉजिटिव-निगेटिव दोनों परिस्थितियों के लिए पहले से अपडेट रखें। ऐसे में मनमुताबिक परिणाम न आने पर बच्चा हतोत्साहित होने के बजाए नया लक्ष्य तय करने पर फोकस करेगा।

प्रश्न : कक्षा 12 में हूं। केमेस्ट्री-फिजिक्स को लेकर अजीब सी घबराहट रहती है। (प्रज्ञा पटेल, अयोध्या)

उत्तर : खुद का आंकलन करें। कमजोरी प्वाइंट आउट करें। जहां पर विषय पर पकड़ कम हो उसके अध्ययन पर जोर दें। तैयारी अच्छी होने पर घबराहट से मुक्ति मिलेगी।

प्रश्न : कक्षा 10 में हूं। पढ़ाई में मन नहीं लगता है। (अजय, देवा)

उत्तर :  इसके लिए जो विषय रुचिकर लगे, उसको पढ़ें। इससे रुझान बढ़ेगा। लगातार पढऩे के बजाए गैप देकर अध्ययन करें। मन लगने लगेगा।

प्रश्न :  परीक्षा के वक्त तनाव मुक्त कैसे रहूं कि कुछ भूले न। (राजेश, बलरामपुर)

उत्तर : यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। इसे एक्जाम फोबिया कहते हैं। परीक्षा सेंटर पर पहले पहुंच जाएं। सामान्य रहने की कोशिश करें। पढ़ा हुआ मन में रिवाइज करें।

प्रश्न : परीक्षा नजदीक आ रही है, सिर दर्द बढ़ रहा है, जैसे लगता है कि दिमाग की नस फूल गई हो। (विशाल, अयोध्या)

उत्तर : इसके दो कारक हो सकते हैं। पहले एक आई साइट चेकअप करा लें। दूसरा लगातार न पढ़ें। निगेटिव बातों से मन दूर रखें।

ऐसे बना सकते शेड्यूल

  • पढ़ाई के लिए सुबह पांच से नौ का समय निर्धारित करें।
  • इसके बाद फ्रेश हों और ब्रेक फास्ट करें।
  • मस्तिष्क को प्रभावित न करने वाला थोड़ी देर एंटरटनेमेंट करें।
  • लंच से पहले दिन में छूटे हुए विषय पढ़ें।
  • लंच के बाद थोड़ी देर आराम करें।
  • शाम को जो सुबह और दिन में पढ़ा है उसको लिखकर प्रैक्टिस करें।
  • रात में सोने से पहले मन में रिवीजन करें। 
  • रात में 11 बजे बिस्तर पर हर हाल में सो जाएं। 

ऐसे बचें एक्जाम फोबिया से

एक्जाम फोबिया दो तरह का होता है। यह विषयवार व ओवर ऑल होता है। विषयवार फोबिया में अपनी पढ़ाई में कमजोरी को प्वाइंट आउट कर दूर करें। वहीं ओवर ऑल फोबिया को दूर करने के लिए पहले परीक्षा केंद्र का भ्रमण करें। स्कूल को अंदर जाकर देख लें। एक बार उस वातावरण से होकर आएंगे, तो परीक्षा के समय घबराहट व प्रश्न भूलने जैसी दिक्कत नहीं रहेगी। 

तनाव दूर, सेहत फिट

# संतुलित आहार 

परीक्षा के दिनों में छात्रों को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए स्वास्थ्य वर्धक आहार करना चाहिए। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी भी जरूर पीना चाहिए इससे दिमाग तर रहता है। ताजा, हल्का और घर का बना खाना एनर्जी लेवल और एकाग्रता बढ़ाता है। फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम, बासी खाना न खाएं। मौसमी फल, दाल, हरी सब्जी, दूध का सेवन करें।  

# मालिश 

मालिश नींद और तनाव दूर करने में मददगार है। पढ़ाई के बीच में सिर और गर्दन की मालिश करने से शरीर का रक्त संचार बढ़ता है और तनाव का स्तर कम होता है। हथेलियों और पैर के तलवों की मालिश से भी मस्तिष्क को राहत मिलती है। 

# पर्याप्त आराम 

लगातार पढऩा और देर रात तक जागना। यह शारीरिक व मानसिक रूप से नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए पांच से छह घंटे की नींद अवश्य लें। इससे एकाग्रता बढ़ती है। 

# बॉडी स्ट्रेच करें

एक ही पोजीशन में देर तक पढऩे से शारीरिक दिक्कत हो सकती है। ऐसे में ब्रेक लेकर बॉडी को स्ट्रेच करें। इससे मसल्स का तनाव कम होता है। पढ़ाई में मन लगता है। 

# ब्रेक है जरूरी 

घंटों लगातार बैठकर न पढ़ें। बीच-बीच में 15-20 मिनट का ब्रेक जरूरी है। इससे तनाव कम रहेगा, और तरोताजा महसूस करेंगे। 

# मनोबल बढ़ाएं 

परीक्षा के वक्त बच्चों को माता-पिता की सपोर्ट की जरूरत होती है। ऐसे में अभिभावक उनका मनोबल बढ़ाएं। सर्वोच्च अंक के लिए प्रेरित करें, प्रेशर न बनाएं। 

# प्राणायाम करें

प्राणायाम में नाक से सांस लेना और छोडऩा शामिल हो। इसमें धीमी, गहरी सांस लेने से रक्तचाप कम करने में भी मदद मिलती है। ब्रेक के दौरान आप कभी भी इसे कर सकते हैं। इससे तनाव भी कम होता है। दिमाग तरोताजा रहता है।


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