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UP Board Answer Copy Checking: परीक्षक एलॉट नहीं कैसे जंचेगी उत्तर पुस्तिकाएं, अब तक केवल 20 फीसद कांपियां हुई चेक

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही नहीं जंच पा रही उत्तर पुस्तिकाएं तो कहीं परीक्षकों की भारी कमी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 06:54 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 06:54 PM (IST)
UP Board Answer Copy Checking: परीक्षक एलॉट नहीं कैसे जंचेगी उत्तर पुस्तिकाएं, अब तक केवल 20 फीसद कांपियां हुई चेक
UP Board Answer Copy Checking: परीक्षक एलॉट नहीं कैसे जंचेगी उत्तर पुस्तिकाएं, अब तक केवल 20 फीसद कांपियां हुई चेक

लखनऊ,जेएनएन। माध्यमिक शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही के कारण अरबी और पाली विषय की उत्तर पुस्तिकाओं के जांचने की प्रक्रिया की अभी तक शुरूआत ही नहीं हुई। यह सब 12वीं के विषय हैं। सचिव माध्यमिक शिक्षा प्रयागराज कार्यालय से बिना परीक्षकों का एलॉटमेंट किए उन विषयों की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने के लिए राजधानी के राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में भेज दी गई हैं। सवाल यह है कि 19 मई से राजधानी के नौ केंद्रों पर मूल्यांकन कार्य चल रहा है। अन्य विषयों की बड़ी संख्यां में उत्तर पुस्तिकाओं की जांच हो चुकी है। पर पाली और अरबी की उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने की अबतक शुरूआत ही नहीं हुई है।

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विषय कॉपियों की संख्या

पॉली 23

अरबी 18

परीक्षकों की कमी के कारण जंच सकीं 20 फीसद कॉपियां

राजकीय बालिका इंटर कॉलेज विकासनगर में मानक के अनुरूप परीक्षक न होने के कारण यहां 10वीं के विज्ञान विषय की अबतक सिर्फ 25 फीसद उत्तर पुस्तिकाएं जांची जा सकी हैं। जानकारी के मुताबिक यहां 10वीं के विज्ञान विषय की करीब 21 हजार कॉपियां हैं। इस संबंध में केंद्र के उपनियंत्रक ने उच्चाधिकारियों को सूचना दी तो कहा गया कि एलॉट परीक्षकों से बात करें। बात की गई तो परीक्षक आने के लिए बीमारी और साधन न चलने का हवाला दे रहे हैं। यहां 220 परीक्षकों को बुलाया गया था। जिसमे से केवल 50 फीसद ही पहुंच रहे हैं। वहीं, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज शाहमीना रोड पर भी 10वीं के विज्ञान विषय के परीक्षकोें की संख्या बहुत कम है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार 

डीआइओएस  डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि जिन विषयों के परीक्षक नहीं हैं उनकी व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही जहां पर परीक्षक नहीं पहुंच रहे हैं। उनका वेतन रोकने और विभागी कार्यवाई की संस्तुति की गई है। परीक्षकों की संख्या पहले से बढ़ी है। अबतक करीब पांच लाख कॉपियां जांची जा चुकी हैं।‘


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