अब DL दिखाने पर ही होगा ई-रिक्शा का पंजीयन
शहर की सड़कों पर दौड़ रहे इन जर्जर रिक्शों पर सफर खतरनाक है। इन ई-रिक्शों का दोबारा पंजीयन नहीं होगा।
लखनऊ, जेएनएन। बिना स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस के ई-रिक्शों का पंजीयन आरटीओ में अब नहीं होगा। अक्सर लर्निग लाइसेंस लेकर ई-रिक्शा मालिक अपने वाहन का पंजीयन आरटीओ में करा लेते हैं और बाद में लाइसेंस को स्थाई नहीं कराते। नतीजतन, बड़ी तादाद में नाबालिग भी ई-रिक्शा चला रहे हैं।
संभागीय परिवहन अधिकारी एके सिंह ने बताया कि इस संबंध में डीलरों को भी बीते माह हुई बैठक में अवगत करा दिया गया है। साथ ही उनसे साफ कहा है कि डिलीवरी देते वक्त ई-रिक्शा चालकों का स्थाई ड्राइविंग लाइसेंस देखकर ही उन्हें वाहन दें। अक्सर लर्नर लाइसेंस दिखाकर चालक गाड़ी ले लेते हैं। अब उनका पंजीयन नहीं किया जाएगा। सभी डीलर गाड़ी देने से पहले लाइसेंस जरूर देखें और उसकी फोटो कॉपी अपने पास सुरक्षित रखें। जर्जर हालत में शहर की सड़कों पर बड़े वाहनों के समानांतर दौड़ रहे तीन वर्ष पुराने ई-रिक्शों का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की प्रक्रिया आगे बढ़ गई है। ऐसे ई-रिक्शों को चिह्न्ति किया जा रहा है, जो अपना समय पूरा कर चुके हैं। इन्हें मार्ग से हटाया जाएगा। अब इनका नवीनीकरण फिर से नहीं किया जाएगा। हजारों की संख्या में शहर की सड़कों पर दौड़ रहे इन जर्जर रिक्शों पर सफर खतरनाक है। इन ई-रिक्शों का दोबारा पंजीयन नहीं होगा।
सुझाव
- सभी ई-रिक्शा वाहनों पर रूट दर्शाए जाएं, जिससे वे मनमाने तरीके से हर सड़क पर न दौड़ सकें
- नए ई-रिक्शा वाहनों पर पंजीयन के वक्त ही रूट दर्ज कराने की बाध्यता हो, जिससे वे दूसरे रूट पर चलते ही पकड़ में आ सकें
- चिह्न्ति किए गए जर्जर ई-रिक्शों को हटाने के बाद नए पंजीयन के वक्त उनके स्थान पर लाए जा रहे वाहनों पर रूट और स्थाई लाइसेंस को जरूरी किया जाना चाहिए
- ई-रिक्शा चालकों के रूटवार डीएल की जांच