Health News: योगी सरकार में यूपी बन रहा हर मर्ज का डाक्टर, मरीजों को प्रदेश में ही सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं देने पर जोर
Health News UP यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं और व्यवस्थाओं को बूस्टर डोज देने में लगी है। मरीजों को प्रदेश में हर बीमारी का इलाज मिले सरकर इसके साथ ही चिकित्सा शिक्षा पर भी फोकस कर रही है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Health News UP यूपी में स्वास्थ्य सेवाएं (Health Services) बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के शुरुआती छह महीने में बूस्टर डोज लगाने का प्रयास किया है। कोरोना महामारी से बेहतर ढंग से मुकाबला कर रहे यूपी को अब हर मर्ज का डाक्टर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकारी चिकित्सा संस्थानों व मेडिकल कालेजों (Medical Colleges In UP) में इलाज की सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं दिलाने पर जोर दिया जा रहा है।
मेडिकल कोर्सेज की बढ़ाई गईं पांच हजार से अधिक सीटें
- मेडिकल की पढ़ाई (Medical Education UP) के लिए प्रदेश के विद्यार्थियों को दूसरे राज्य या विदेश न जाना पड़े इसके लिए पांच हजार से ज्यादा सीटें बढ़ाई गई हैं।
- कोरोना महामारी में सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्य यूपी ने बेहतर प्रबंधन के दम पर संक्रमण को काबू में किया और बचाव के जरूरी उपाय करने में वह सबसे आगे चल रहा है।
- देश में कोरोना से बचाव के लिए सर्वाधिक 38.48 करोड़ टीके लगाए गए हैं। अब तक 16.84 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं।
- 108 एंबुलेंस सेवा के बेडे में 812 नईं एंबुलेंस शामिल हुई हैं। लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
- लोगों को घर के नजदीक ही अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए 100 बेड के तीन संयुक्त चिकित्सालय बनाए गए।
- पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का और निर्माण कराया गया। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाकर इंसेफ्लाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण हासिल किया गया।
- इंसेफ्लाइटिस से होने वाली मौतों में 95 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई। हर रविवार लगाए जा रहे मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में अप्रैल 2022 से लेकर अब तक 10.50 करोड़ मरीजों का उपचार किया गया।
- प्रत्येक सरकारी अस्पताल में लगाए जाने वाले इस मेले में एक छत के नीचे ही जांच व उपचार की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
- मेडिकल की अच्छी व सस्ती शिक्षा विद्यार्थियों को यूपी में ही दिलाने के लिए एमबीबीएस कोर्स की सरकारी मेडिकल कालेजों (Medical Colleges In UP) में 1,838 सीटें और निजी मेडिकल कालेजों में 1,750 सीटें बढ़ाई गई हैं।
- पीजी कोर्सेज की 1,413 सीटें बढ़ाई गई हैं। नर्सिंग कालेजों में सात हजार सीटें और पैरामेडिकल संस्थानों में दो हजार सीटें बढ़ाई गई हैं।
महामारियों से निपटने को खोली जा रही एसीडीसी की शाखा
योगी सरकार के विशेष प्रयासों से प्रदेश में नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की शाखा यूपी में खोली जा रही है। कोरोना महामारी पर प्रभावी नियंत्रण पाने वाले राज्य में अब महामारियों से बचाव के लिए उच्चकोटि का शोध होगा। एकीकृत रोग निगरानी प्रणाली विकसित की जाएगी। आंकड़ों का वैज्ञानिक विश्लेषण करेंगे और महामारी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा। लखनऊ के सरोजनीनगर में जैतीखेड़ा गांव में इसी महीने की छह तारीख को इसका शिलान्यास किया गया। ढाई एकड़ जमीन इसके लिए यूपी सरकार ने दी है।
तेजी से बिछाया जा रहा मेडिकल कालेजों का जाल
प्रदेश में 45 मेडिकल कालेज क्रियाशील हैं और 14 मेडिकल कालेजों (Medical Colleges In UP) का निर्माण कार्य चल रहा है। कुल 59 मेडिकल कालेज अब हो जाएंगे। वहीं बाकी 16 जिलों में जहां एक भी सरकारी या प्राइवेट मेडिकल कालेज नहीं हैं वहां पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर मेडिकल कालेज खोलने के काम में तेजी लाई जा रही है। इस महीने यूपी सरकार के विशेष प्रयासों के बाद छह जिलों में पीपीपी माडल पर मेडिकल कालेज बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा व्यवहार्यता अंतर वित्त पोषण (वीजीएफ) स्कीम के तहत 1,012 करोड़ रुपये देने पर सहमति दे दी है।
इन छह मेडिकल कालेजों (Medical Colleges In UP) के निर्माण पर 1,525 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बाकी धन निजी निवेशक खर्च करेंगे। वहीं महाराजगंज व संभल में निजी निवेशक का चयन हो चुका है और शामली व मऊ में जल्द निजी निवेशक चयनित किए जाएंगे। ऐसे अब तक कुल 65 जिलों में मेडिकल कालेज स्थापित होने का इंतजाम हो चुका है। बाकी 10 जिलों में जल्द खोलने की कोशिश होगी। एक जिला एक मेडिकल कालेज का संकल्प योगी सरकार पूरा करेगी।
राज्य कर्मचारियों के लिए कैशलेस सुविधा की शुरुआत
बीते 21 जुलाई, 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर्मचारियों को हेल्थ कार्ड बांटकर कैशलेस इलाज की सुविधा का शुभारंभ किया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना से राज्य कर्मचारी व पेंशनर्स के साथ-साथ उनके स्वजनों को लाभ दिया जाएगा। 22 लाख परिवारों के कुल 75 लाख लोग इस योजना से लाभान्वित होंगे। प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक के उपचार की सुविधा दी जाएगी।