निवेशकों के रुपये हड़पने वाले आम्रपाली ग्रुप के निदेशकों पर ED का शिकंजा, 11 आरोपितों को नोटिस
आम्रपाली ग्रुप से दूसरी और किन-किन कंपनियों को फंड ट्रांसफर किए गए और उस रकम का निवेश कहां किया गया ईडी इस बात की जानकारी निकाल रहा है।
लखनऊ, जेएनएन। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोएडा में निवेशकों के करोड़ों रुपये हड़पने वाले आम्रपाली ग्रुप के निदेशकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ईडी ने धांधली से जुड़े 11 आरोपितों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब किया है। सूत्रों के अनुसार इनमें कुछ उन कंपनियों के संचालक भी शामिल हैं, जिनमें आम्रपाली ग्रुप ने करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए थे।
ईडी आम्रपाली ग्रुप के संचालकों की बेनामी संपत्तियों का ब्योरा भी जुटा रहा है। खासकर इस बात की भी जांच की जा रही है कि आम्रपाली ग्रुप से दूसरी और किन-किन कंपनियों को फंड ट्रांसफर किए गए और उस रकम का निवेश कहां किया गया। इसी माह ईडी ने 42 हजार से अधिक निवेशकों को मकान का सपना दिखाकर करोड़ों रुपये हड़पने के मामले में आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) के तहत केस दर्ज किया है। आम्रपाली बिल्डर्स ने नोएडा में बहुमंजिला इमारतें बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया था, लेकिन बीच में ही काम को अधूरा छोड़ दिया गया।
आम्रपाली ग्रुप की करीब 46 रजिस्टर्ड कंपनियां हैं। निवेशकों ने नोएडा व दिल्ली में कंपनी संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी के कई मुकदमे दर्ज कराए थे। कई निवेशकों ने अपनी डूबी रकम हासिल करने के लिए कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था। आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी अनिल शर्मा समेत तीन पदाधिकारी जेल में हैं। ईडी ने निवेशकों की ओर से दर्ज कराई गईं एफआइआर को आधार बनाकर अपना केस दर्ज किया है। सूत्रों का कहना है कि निजी कंपनी संचालक दो भाइयों समेत 11 आरोपितों को नोटिस भेजी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पूर्व आम्रपाली ग्रुप की ठगी का शिकार हुए 42 हजार निवेशकों को राहत देते हुए अधूरे निर्माण कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी एनबीसीसी (नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन) को सौंपी है। कोर्ट के निर्देशों के बाद आम्रपाली ग्रुप के संचालकों के खिलाफ फेमा (फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) के तहत भी कार्रवाई की तैयारी है।
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