मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सपा नेता पर ईडी ने कसा शिकंजा, बाइक बोट घोटाले से जुड़े हैं तार, जानिए पूरा मामला
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में समाजवादी पार्टी के एक राज्य सचिव को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है। नोएडा स्थित सपा नेता के घर पर ईडी ने कार्रवाई की। छापेमारी की गई और नेता को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान कुछ संदिग्ध दस्तावेज भी बरामद किए गए। ईडी ने बताया कि अदालत ने सपा नेता को 26 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था।
नई दिल्ली, पीटीआई। बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई लगातार जारी है। सोमवार को ईडी की ओर से जानकारी दी गई कि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में समाजवादी पार्टी के एक राज्य सचिव को गिरफ्तार किया है। ईडी ने बताया कि समाजवादी पार्टी के एक राज्य सचिव के नोएडा स्थित घर पर छापेमारी की गई और उन्हें गिरफ्तार किया गया। छापेमारी के दौरान उनके घर से संदिग्ध दस्तावेज भी मिले हैं।
ईडी ने अपने जारी किए बयान में बताया कि दिनेश कुमार सिंह उर्फ दिनेश सिंह गुज्जर को 21 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने उसे 26 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था। ईडी ने बताया कि छापेमारी के दौरान दिनेश के घर से कई कागजात जब्त किए गए हैं।
दिनेश सिंह गुर्जर ने ऐसे बनाया लोगों को निशाना
यूपी में समाजवादी पार्टी के राज्य सचिव दिनेश सिंह गुर्जर की भूमिका के बारे में बताते हुए ईडी ने कहा कि राजनेता ने अपने नेटवर्क का इस्तेमाल बाइक बोट घोटाले के की आय के लाभार्थियों का पता लगाने के लिए किया। दिनेश ईडी के लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय के अधिकारियों का नाम लेकर आरोपितों को जांच में उनकी चल-अचल संपत्तियों को बचवाने का भी झांसा देता था। इसकी शिकायत मिलने पर ईडी ने जांच शुरू की थी। ईडी ने एक दिन पूर्व में नोएडा स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।
क्या है बाइक बोट घोटाला
दरअसल ओला व उबर की तर्ज पर बाइक टैक्सी चलवाने का झांसा देकर लगभग ढाई लाख निवेशकों को ठगा गया था। नोएडा निवासी बसपा नेता संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम से एक कंपनी बनाई थी और बाइक बोट नाम से मल्टीलेवल मार्केटिंग स्कीम के तहत एक साल में निवेशकों को दो गुना मुनाफा कमाने का झांसा दिया था।
कंपनी ने एक टैक्सी बाइक के लिए लगभग 62 हजार रुपये निवेश करने पर हर माह 9765 रुपये प्रतिमाह की किस्त का भुगतान 12 माह तक किए जाने का झांसा दिया गया था। एक से अधिक बाइक में निवेश करने के लिए अतिरिक्त बोनस का भी प्रलोभन दिया गया था। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य के लोगों ने वर्ष 2016 से वर्ष 2019 के मध्य कंपनी में निवेश किया था। निवेशकों की शिकायत के बाद ये राज खुला। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा कई एफआईआर दर्ज की गई।
निवेशकों के पैसे का किया गलत इस्तेमाल
अब इस मामले में ईडी ने कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार को ईडी ने बताया कि भाटी और अन्य पर 2017 में 'बाइक बीओटी' के नाम से लोगों से निवेश कराने के आरोप लगे हैं। ईडी ने बताया कि योजना के अनुसार, एक ग्राहक 1, 3, 5 या 7 बाइक में निवेश कर सकता है, जिसका रखरखाव और संचालन कंपनी द्वारा किया जाएगा और निवेशकों को मासिक किराया, ईएमआई और बोनस का भुगतान किया जाएगा ईडी ने आरोप लगाया कि इस तरह एकत्र किए गए धन को पोंजी स्कीम की तरह घुमाया गया और अंततः कंपनी और अन्य व्यक्तियों के नाम पर संपत्ति बनाने में इस्तेमाल किया गया। लोगों के पैसे का गलत इस्तेमाल किया गया।