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अक्टूबर में और तेजी से दौड़ी अर्थव्यवस्था यूपी की अर्थव्यवस्था, सरकारी खजाने पर दिखा बाजार की रौनक का असर

यूपी में अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने का जो सिलसिला जुलाई में शुरू हुआ था वह अक्टूबर में भी जारी है। त्योहारों का असर भी सरकारी खजाने पर दिखा है। वित्त विभाग की ताजा रिपोर्ट साफ संदेश दे रही है कि अर्थव्यवस्था अब तेजी से पटरी पर लौट रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 05:02 PM (IST)Updated: Thu, 05 Nov 2020 07:29 AM (IST)
अक्टूबर में और तेजी से दौड़ी अर्थव्यवस्था यूपी की अर्थव्यवस्था, सरकारी खजाने पर दिखा बाजार की रौनक का असर
कोरोना संकट के बाद पटरी पर लौट रही यूपी की अर्थव्यवस्था

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन से लड़खड़ायी अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने का जो सिलसिला जुलाई में शुरू हुआ था, उसने अक्टूबर के त्योहारी सीजन में और रफ्तार पकड़ी। बीते अक्टूबर में सरकार को कुल 10,672 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ जो कि मासिक लक्ष्य का 86.9 फीसद है। अगस्त में सरकार ने कर और करेत्तर राजस्व के जरिये 12,282.86 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य तय किया था। यह पिछले साल के इसी माह की तुलना में 1828.44 करोड़ रुपये अधिक है। पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने 11,313.66 करोड़ रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष 8844.35 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया था जो कि मासिक लक्ष्य का 78.17 प्रतिशत था।

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वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बुधवार को बताया कि जीएसटी/वैट के जरिये सरकार ने अक्टूबर में 6951.52 करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्य तय किया था। इसके सापेक्ष अक्टूबर में इस मद में 5598.27 करोड़ रुपये मिले जो कि मासिक लक्ष्य का 80.5 प्रतिशत है। इसमें जीएसटी की हिस्सेदारी 3795.44 करोड़ रुपये और वैट की 1802.83 करोड़ रुपये है। खन्ना ने बताया कि पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री में इजाफा होने से वैट का राजस्व बढ़ा है।

आबकारी शुल्क से लक्ष्य से ज्यादा कमाई : आबकारी शुल्क के मद में अक्टूबर में लक्ष्य के सापेक्ष 106 फीसद कमाई हुई। अक्टूबर में आबकारी शुल्क से 2250 करोड़ रुपये कमाने का लक्ष्य निर्धारित किया था जबकि आमदनी हुई 2403.02 करोड़ रुपये।

वाहन कर में कमी बरकरार : स्टांप व निबंधन फीस के माध्यम से सरकार ने अक्टूबर में 1805.79 करोड़ रुपये बटोरे जो कि मासिक लक्ष्य का 97.1 प्रतिशत है। वाहन कर के मद में 580.76 करोड़ रुपये मिले जो कि पिछले साल के मुकाबले 73.11 करोड़ रुपये कम है। वाहन कर में कम वसूली की मुख्य वजह अभी कई रूट पर बसों का न चलना है। कई प्रदेशों ने अभी अंतरराज्यीय बस सेवा की अनुमति नहीं दी है। करेत्तर राजस्व के प्रमुख घटक भूतत्व एवं खनिकर्म के जरिये अक्टूबर में 284.77 करोड़ रुपये का राजस्व मिला।

अक्टूबर तक 60.5 फीसद रही राजस्व वसूली : सरकार को अप्रैल से अक्टूबर 2020 की अवधि में लक्ष्य का 60.5 फीसद ही राजस्व मिल सका है। इस अवधि में सरकार ने 93,483.71 करोड़ रुपये कमाने का लक्ष्य तय किया था लेकिन अक्टूबर तक कुल 56,571.74 करोड़ रुपये राजस्व हासिल हो सका।


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