E-Vidhan In UP : विधायकों को दिया गया ई-विधान प्रणाली का प्रशिक्षण, मुख्यमंत्री ने बोले- विधायक ठेके पट्टे व ट्रांसफर पोस्टिंग से दूर रहें
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल में इसी माह की 23 तारीख से शुरू होने जा रहे विधानमंडल के बजट सत्र में इस बार ई-विधान प्रणाली के जरिए विधायक सवाल पूछ सकेंगे। शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने इसका शुभारंभ किया था।
लखनऊ, जेएनएन । उत्तर प्रदेश में अठारहवीं विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों को सदन की कार्यवाही, नियमों और परंपराओं के बारे में प्रशिक्षण देने के लिए दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम का आज दूसरा दिन है। विधानसभा मंडप में शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बतौर मुख्य अतिथि इसका शुभारंभ किया था, आज शनिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का उद्बोधन हुआ।
इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित विपक्ष के दिग्गज और पूर्व जनप्रतिनिधि भी विधायकों को सदन की कार्यवाही, संसदीय परंपराओं आदि का पाठ पढ़ाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में विधायकों को ठेके पट्टे व ट्रांसफर पोस्टिंग से दूर रहने की सलाह दी।
विधानसभा में यूपी के नवनिर्वाचित विधायकों का प्रबोधन कार्यक्रम शुरु हो चुका है। आज दो सत्रों में प्रबोधन-प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा। पहला सत्र सुबह 11 बजे शुरु हुआ। पहले सत्र का आयोजन विधानभवन के तिलक हाल में किया जा रहा है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी कार्यक्रम में पहुंच चुकी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस कार्यक्रम में मौजूद हैं।
विधान सभा के सदस्यों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अधिकारियों की आदत काम को उलझाने और फाइलों को लटकाने व टरकाने की होती है। मंत्री और मुख्यमंत्री के हाथ में कुछ भी नहीं है। सब कुछ अधिकारी के हाथ में है लेकिन उनसे काम कराने की जिम्मेदारी मंत्रियों की है। इसलिए आपको अधिकारियों से बहुत होशियारी से काम कराना चाहिए। उनसे झगड़ा नहीं करना है। नहीं तो आपका काम नहीं होगा। उनके साथ शांति के साथ चर्चा कर फाइल निपटाइए। उन्होंने विधायकों और मंत्रियों को अपने बेटे-बेटियों रिश्तेदारों को दूर रखने की नसीहत दी। कहा कि इससे आपकी छवि खराब होती है। टेंडर किसको देना है, इसमें मत पड़िए। रोटी दाल खाइए लेकिन शान से।
विधायक ठेके पट्टे व ट्रांसफर पोस्टिंग से दूर रहें : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी जवाबदेही जनता के प्रति होनी चाहिये। एक जनप्रतिनिधि अपना जीवन जनता के लिये समर्पित कर दे। नकारात्मकता जनप्रतिनिधि के लिए खतरनाक है। जनता भी फिर इसी भाव के साथ आपको लेती है। ठेके पट्टे व ट्रांसफर पोस्टिंग से विधायक दूर रहें। राजनेता अब अविश्वास का प्रतीक बन गया। इसे विधानसभा में अपने आचरण व मुद्दों चर्चा के जरिये दूर किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री शनिवार को विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने नकारात्मकता उदाहरण देते हुये कहा कि एक विधायक बार बार धरना प्रदर्शन करते थे। इस बार चुनाव हारे। चौथे नम्बर पर आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सांसद होने के नाते गोरखपुर के अस्पताल के वार्ड की दयनीय हालत देखी थी। तब हमने वहां जरूरी व्यवस्था कराई। संसद में स्पीकर से इस जेई से बच्चों की मौत के मुद्दे को उठाने की कई कोशिश के बाद अनुमति मिली।ठेके पट्टे से अनुराग रखने वाले नेता नीचे खिसकते जाते है। अगर जाति की राजनीति होती तो सुरेश खन्ना व सतीश महाना कैसे जीतते। कई सदस्य जनता के प्रति तटस्थता रखते हैं। ठेके पट्टे व ट्रांसफर पोस्टिंग से विधायक दूर रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल के मार्गदर्शन में यूपी आगे बढ़ रहा है। यूपी विधानसभा अब वैसी हो गई जैसी दिखनी चाहिये। सदन में लगी डिवाइस मोबाइल फोन इस्तेमाल जितनी आसान है। केवल इसे रुचि से सीखना होगा। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के लिये जरूरत पड़े तो अध्यक्ष जी को रात में भी सदन चलाना चाहिये।
दूसरा सत्र 'ई-विधान' सुविधायुक्त विधान मंडप के अन्दर हुआ। विधायकों को दोपहर 02.30 बजे से 04.30 बजे तक 'ई-विधान' प्रणाली के उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया। बता दें कि ओम बिरला शुक्रवार को 18वीं विधानसभा के सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम और ई - विधान व्यवस्था के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई थी की नारेबाजी, हंगामे के कारण सदनों की गरिमा दिन प्रतिदिन गिरती जा रही है। कहा कि सदनों की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी सदस्यों पर है। सदस्यों के आचरण, व्यवहार के आधार पर सदन की गरिमा और मर्यादा तय होती है। देश के बड़े नेता विधान मंडलों से निकले हैं और वे तर्कों के जरिये ही अपनी बात रखते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि तकनीक के इस्तेमाल से 25 करोड़ जनता के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। विधानसभा में ई-विधान लागू किए जाने के संदर्भ में उन्होंने सरकार के मंत्रियों और विधानसभा सदस्यों से पूर्ण मनोयोग से इसका प्रशिक्षण लेने और तकनीक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने का सुझाव दिया । उन्होंने कहा कि हम तकनीक से भागे नहीं, उसे अंगीकार करें लेकिन उसके पिछलग्गू भी न बनें। जनप्रतिनिधि के रूप में फील्ड में जाकर जनता से संवाद करना हमारा प्रथम कर्तव्य है।
बता दें कि इसी माह की 23 तारीख से शुरू होने जा रहे विधानमंडल के बजट सत्र में विधानसभा मंडप का नजारा पूरी तरह से बदला होगा। विधानसभा मंडप में न सिर्फ सीटों की संख्या 379 से बढ़ कर 416 होगी बल्कि सदन के हर सदस्य के लिए सीट निर्धारित होगी। सदन की कार्यवाही भी स्मार्ट तरीके से संचालित की जाएगी।
पूछे जा सकेंगे तीन अनुपूरक प्रश्न : महाना ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में सहमति बनी है कि चूंकि सदस्यों की ओर से पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर टैबलेट पर उपलब्ध होंगे, इसलिए वे पढ़े माने जाएंगे। प्रत्येक प्रश्न के लिए दो अनुपूरक प्रश्न पूछने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा तीसरा अनुपूरक प्रश्न नेता प्रतिपक्ष पूछ सकते हैं। यदि सदस्य सदन में अनुपस्थित है तो नियम-301 के तहत उसकी नोटिस नहीं स्वीकार की जाएगी।
विधानसभा की कार्यवाही इंटरनेट मीडिया पर भी : विधानसभा की कार्यवाही विधानसभा के पोर्टल, फेसबुक और यूट्यूब पर भी लाइव होगी। महाना ने बताया कि ई-विधान को राज्य सरकार के हर कार्यालय से जोड़ने का काम भी जारी है।