लखनऊ (जेएनएन)। आज यूपी से गुजते समय ट्रेनें कई हादसों के करीब से गुजरीं। हालांकि कोई बड़ी अप्रिय घटना होने से बच गई। फतेहपुर, हापुड़ और फीरोजाबाद जिलों ने यह मंजर करीब से देखे। दिल्ली-कोलकाता दुरंतो एक्सप्रेस ट्रैक पर रखे पत्थरों के टकराने से इंजन में तेज धमाका हुआ। इससे सैकड़ों यात्रियों को जोरदार झटका लगा और वह सहम गए। कानपुर से इलाहाबाद जा रही मालगाड़ी का एक पल्ला टूटकर हवा में उड़ते फतेहपुर के प्लेटफार्म नंबर दो-तीन की कैंटीन में जा घुसा और एक को घायल कर दिया।हापुड़-मुरादाबाद रेल मार्ग ओएचई तार टूटने से घंटों के लिए रेलगाड़ियों का गमनागमन प्रभावित रहा।
यह भी पढ़ें- Bribe: डीआरएम कार्यालय का बाबू रिश्वत रंगे हाथ गिरफ्तार
दुरंतो एक्सप्रेस ट्रैक पर रखे पत्थरों से टकराई
दिल्ली से कोलकाता जा रही दुरंतो एक्सप्रेस के फीरोजाबाद जिले में ट्रैक पर रखे पत्थरों के टकराने से इंजन में तेज धमका हुआ। किसी ने बड़ी संख्या में ट्रैक पर पत्थर रखे थे। चालक के सतर्क होने पर टे्रन दुर्घटनाग्र्रस्त होने से बच गई। सफर कर रहे सैकड़ों यात्रियों को जोरदार झटका लगा। इससे दहशत फैल गई। मितावली स्टेशन के पास 20 मिनट जांच के बाद रवाना की गई। टूंडला स्टेशन पर इंजन की फिर जांच हुई।कानपुर में हुए रेल हादसों में सैकड़ों यात्रियों को जान गंवानी पड़ी थी। जांच में दोनों ही घटनाओं में आतंकी संगठन का हाथ होने की पुष्टि होने के बाद रेल मंत्रालय में खलबली मची हुई है। मंगलवार शाम 4.40 बजे नई दिल्ली से कोलकाता जा रही दुरंतो एक्सप्रेस को दिल्ली रेलखंड के मितावली रेलवे स्टेशन के समीप ट्रैक पर बड़ी संख्या में पत्थर रख दुर्घटना की कोशिश की। इंजन के पत्थरों से टकराते तेज धमका हुआ, जिस पर चालक ने अनहोनी की आशंका के चलते ट्रेन को वहीं रोक दिया। 20 मिनट तक ट्रेन मुख्य लाइन पर खड़ी रही। चालक ने पूरे मामले से नियंत्रण कक्ष को अवगत कराया। उधर, पत्थर टकराने हुए तेज धमाके से यात्री दहशत में आ गए। मौके पर इंजन की जांच के बाद रेल अधिकारियों ने टूंडला स्टेशन पर भी चेकिंग कराई, जिसके चलते ट्रेन टूंडला स्टेशन पर भी दस मिनट तक खड़ी रही। दुरंतो एक्सप्रेस का दिल्ली के बाद कानपुर में ही ठहराव है।पीआरओ सुनील गुप्ता ने बताया कि पत्थर का टुकड़ा इंजन के चक्के में फंस गया। तेज आवाज होने पर ही ट्रेन को मितावली स्टेशन पर रोका गया था। पत्थर का छोटा टुकड़ा था। बड़ी संख्या में पत्थर रखे होने की बात गलत है।
मालगाड़ी का पल्ला हवा में उड़कर कैंटीन में घुसा
तेज रफ्तार में कानपुर से इलाहाबाद जा रही डाउन मालगाड़ी का अचानक एक पल्ला टूटकर हवा में उड़ते हुए फतेहपुर के प्लेटफार्म नंबर दो-तीन पर स्थित रजिया सिद्दीकी के कैंटीन में जा घुसा। जिससे कैंटीन के बाहर फर्श पर बैठे बिहार प्रांत के एक यात्री के सिर में गंभीर चोट आ गई। उसे आनन फानन में आरपीएफ सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। उधर मालगाड़ी को थरियांव थाने के फैजुल्लापुर लूप लाइन में रुकवा दिया गया। मंगलवार रात पौने आठ बजे के करीब तेज रफ्तार मालगाड़ी फतेहपुर स्टेशन से गुजरी तो अचानक उसका एक पल्ला टूटकर हवा में उड़ते हुए सीधे कैंटीन में जा घुसा। गनीमत रही कि कैंटीन दुकानदार बाल-बाल बच गया, लेकिन बिहार प्रांत के सहरसा का रहने वाला शंकरसदा गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके साथियों नंदनसदा, रमेशसदा, जागोसदा व अकडू सदा ने बताया कि वह प्लेटफार्म पर बैठकर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे कि अचानक ऐसा हादसा हो गया। वहीं कैंटीन मालिक का कहना था कि कैंटीन क्षतिग्रस्त होने से उनका करीब तीन लाख रुपये का नुकसान हो गया।
ओएचई तार टूटने से हापुड़-मुरादाबाद रेल मार्ग घंटों ठप
हापुड़ के बाबूगढ़ के पास रेलवे की ओवरहेड इलेट्रिफिकेशन (ओएचई वायर ) का इंसुलेटर इंजन की चपेट में आने से टूटने से हापुड़-मुरादाबाद रूट ठप हो गया। करीब एक दर्जन ट्रेनें प्रभावित हो गई। गढ़मुक्तेश्वर से गाजियाबाद के बीच कई स्थानों पर ट्रेनों को रोका गया। आनन फानन में मौके पर टीम भेजी गई। करीब ढाई घंटे से अधिक समय में तार को जोड़ा जा सका, लेकिन ट्रेनों का संचालन रात नौ बजे तक भी सामान्य नहीं हो सका। मंगलवार दोपहर को करीब ढाई बजे बाबूगढ़ के पास से गुजरे रहे इंजन से ओएचई वायर का इंसूलेटर टकराने के कारण तार टूट गया। इसके टूटते ही मुरादाबाद-दिल्ली मार्ग पर ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो गया। श्रमजीवी एक्सप्रेस को पिलखुवा और डासना के बीच में रोका गया। दूसरा डीजल इंजन मंगवाकर किसी तरह इलेक्ट्रिक इंजन को रवाना किया गया। वहां से हटवाकर तार को जोडऩे में ढाई घंटे से ज्यादा लगे तब कहीं इलेक्ट्रिक लाइन चालू कराई गई। वहीं मेरठ से आने वाली नौचंदी एक्सप्रेस, संगम एक्सप्रेस को मेरठ में ही रोका गया था। ट्रेनों का संचालन प्रभावित होने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। घंटों यात्रियों को प्लेटफार्म पर बैठकर इंतजार करना पड़ा। डीआरएम प्रमोद कुमार ने बताया कि इंजन से ओएचई वायर इंसूलेटर टूटने से वायर टूट गया था। जल्द ही ट्रेनों का आवागमन सुचारू हो गया।