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मौसम की बेरूखी से उत्तर प्रदेश के दो दर्जन जिलों में सूखे के हालात

दो दर्जन से अधिक जिलों में सूखे के आसार हैं। ये वे जिले हैं जहां अब तक औसत की तुलना में 60 से 90 फीसद कम बारिश हुई है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 08:54 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jul 2018 08:19 AM (IST)
मौसम की बेरूखी से उत्तर प्रदेश के दो दर्जन जिलों में सूखे के हालात
मौसम की बेरूखी से उत्तर प्रदेश के दो दर्जन जिलों में सूखे के हालात

लखनऊ (जेएनएन)। बारिश के प्रमुख महीनों में से आषाढ़ समाप्त होने को है। मौसम विभाग द्वारा बारिश के सामान्य पूर्वानुमान के बावजूद उप्र के हालात ठीक नहीं हैं। दो दर्जन से अधिक जिलों में सूखे के आसार हैं। ये वे जिले हैं जहां अब तक औसत की तुलना में 60 से 90 फीसद कम बारिश हुई है। 40 अन्य जिलों में भी हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। यहां औसत की तुलना में 20 से 59 फीसद कम बारिश हुई है। सिर्फ दर्जन भर जिले ही ऐसे हैं जहां औसत या इससे अधिक बारिश हुई है।

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औसत से कम बारिश के कारण धान की रोपाई प्रभावित हुई है। जिनके पास खुद के संसाधन नहीं हैं वे अब भी बारिश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इनमें सर्वाधिक संख्या सीमांत और लघु किसानों की है। अधिक आबादी और छोटी जोत के कारण ऐसे किसानों की सर्वाधिक संख्या पूर्वी उत्तर प्रदेश में हैं। किसान और विभाग दोनों इसकी पुष्टि कर रहे हैं। गोरखपुर के गोला ब्लाक के सिधारी गांव के संजय सिंह प्रगतिशील किसान हैं। उनके मुताबिक अभी 40 फीसद रोपाई बाकी है।

अपने संसाधनों से जिन लोगों ने रोपाई कर ली है वे पानी देते-देते परेशान हैं। संजय के मुताबिक आसार तो सूखे के ही हैं। हापुड़ के संजीव के अनुसार 90-95 फीसद किसानों ने रोपाई कर दी है। बिजली अच्छी मिल रही है। लिहाजा काम चल जा रहा है, पर धान के लिए कृत्रिम सिंचाई बारिश का विकल्प नहीं हो सकती। लिहाजा मानसून के मेहरबान होने की प्रतीक्षा की जा रही है।

कृषि निदेशक सोराज सिंह के अनुसार लक्ष्य के सापेक्ष अब तक सिर्फ 30 फीसद धान की रोपाई हो सकी है। यह पिछले साल की तुलना में करीब दो लाख हेक्टेयर कम है। समय से रबी की फसल लेने के लिए जुलाई में धान की रोपाई हो जानी चाहिए। इस लिहाज से अब बहुत समय नहीं बचा है। खासकर परंपरागत प्रजातियों के लिए।

कृषि निदेशक की किसानों को सलाह

- अगर नर्सरी में पौध उपलब्ध हों तो बासमती का रकबा बढ़ा दें।

- रोपाई में पौध की संख्या एक से बढ़ाकर दो कर दें।

- रोपाई के समय पौधों का एक तिहाई हिस्सा ऊपर से काट दें।

- खेत में नमी बनाए रखने के लिए हल्की सिंचाई करें।

औसत से 60 से 95 फीसद कम बारिश वाले जिले

ललितपुर, महोबा, साहूजी महराजनगर, चंदौली, मैनपुरी, कानपुर देहात, औरैया, जालौन, फतेहपुर, रायबरेली, कौशांबी, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, देवरिया, कुशीनगर, बदायूं, रामपुर, गाजियाबाद और महराजगंज।

इन जिलों पर मेहरबान रहा मानसून

लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बहराइच और शाहजहांपुर में औसत से अधिक बारिश हो चुकी है। फर्रुखाबाद, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, सहारनपुर, एटा, मथुरा और महामाया नगर औसत बारिश वाले जिले हैं।


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