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लखनऊ : डबल हार्न और अधिक लाइटों से वाहन में लग सक्‍ती है आग, Modified करा रहे हैं तो पहले फॉलो करें ये टिप्‍स

Car Fire Causes and Prevention रोड सेफ्टी एक्सपर्ट एवं एक नामचीन ऑटो मोबाइल कंपनी के इंजीनियर सैय्यद एहतेशाम ने वाहनों में आग के कारणों पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने बताया कि कार में मानक से अधिक न लगाएं एक्सेसरीज। लगे आग तो पहले गेट खोलकर निकल जाएं बाहर।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 03:21 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 03:21 PM (IST)
लखनऊ : डबल हार्न और अधिक लाइटों से वाहन में लग सक्‍ती है आग, Modified करा रहे हैं तो पहले फॉलो करें ये टिप्‍स
रोड सेफ्टी एक्सपर्ट एवं एक नामचीन ऑटो मोबाइल कंपनी के इंजीनियर ने वाहनों में आग के कारणों पर प्रकाश डाला।

लखनऊ [सौरभ शुक्ला]। कार अथवा अन्य छोटे वाहनों में मानक से अधिक हार्न, लाइटें और अधिक एक्सेसरीज कतई न लगवाएं। क्योंकि कंपनी जितनी चीजें लगाकर देती है वह वायर (तार) के मानकों के अनुकूल होती हैं। अधिक हार्न, लाइटें और एक्ससेरीज लगवाने से तार पर अधिक लोड पड़ता है और वह गलने लगता है। जिसके कारण कभी-कभार अपने आप तार में कट लग जाता है और जरा सा हीट होने पर शार्ट सर्किट होने से आग लग जाती है। यह कहना है रोड सेफ्टी एक्सपर्ट एवं एक नामचीन ऑटो मोबाइल कंपनी के इंजीनियर सैय्यद एहतेशाम का। 

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उन्होंने बताया कि कार चलाते समय विशेष सावधानी भी बरतनी चाहिए। एकाएक अगर कार में तार में स्पार्किंग जरा सी भी गंध आए तो चालक को तत्काल गाड़ी रोककर किनारे करनी चाहिए और सबसे पहले खुद और साथ बैठे लोगों को सुरक्षित उतार लेना चाहिए। क्योंकि अगर घबराकर स्टेयरिंग से नियंत्रण खो दिया तो गाड़ी कहीं भिड़ भी सकती है।

फ्यूल-गैस लीकेज अथवा शार्ट सर्किट होने से लगती है अक्सर आग

सीएफओ विजय कुमार सिंह ने बताया कि कार में आग लगने के तीन कारण होते हैं। फ्यूल-गैस लीकेज अथवा शार्ट सर्किट के कारण आग लगती है। इस लिए गाड़ी की सर्विसिंग समय-समय पर कराते रहें। जिससे इसकी जानकारी होती रहे। सर्विसिंग अथराइज सेंटर से ही कराएं। क्योंकि कंपनी अपने मानकों के अनुसार काम करती है। गाड़ी में अगर सीएनजी किट भी लगवाएं तो वह कंपनी से ही लगवाएं। कुछ रुपये बचाने के चक्कर में बिना सर्टीफाइड वर्कशॉप से न लगवाएं। गाड़ी में कभी भी एलपीजी सिलिंडर कतई न लगवाएं।

सीएनजी गाड़ियों में आग का कारण यह भी

सीएनजी गाड़ियों में आग लगने का एक प्रमुख कारण यह होता है कि लोग एकाएक फ्यूल खत्म होने पर सीएनजी मोड पर कर देते हैं। या सीएनजी खत्म होने पर चलते-चलते ही पेट्रोल मोड पर लगा देते हैं। ऐसे में कफी कभार दिक्कत होती है और आग लग जाती है। सीएनजी खत्म होने पर गाड़ी को धीमा करके रोके और फिर उसमें पेट्रोल मोड लगाकर स्टार्ट करके चलाएं।

रोड सेफ्टी एक्सपर्ट बोले, आग लगे तो यह करें उपाय

  • आग अगर स्टेयरिंग के निचले हिस्से में लगी हो तो बचाव के लिए गाड़ी तुरंत साइड में करें और बोनट खोलकर बैटरी के तार खोल देने चाहिए। तत्काल गाड़ी में रखे फायर एस्टिंगुशर से आग बुझा देनी चाहिए।
  • गाड़ी में फायर एस्टिंगुशर अवश्य लगा कर रखें। समय समय पर उसे चेक भी करतें रहें।
  • फ्यूल के रिसाव से आग केबिन के अंदर तक पहुंच जाती है। इस लिए यह आग बहुत खतरनाक होती है। इससे बचने के लिए समय भी बहुत कम होता है। ऐसी स्थित में गाड़ी जल्द किनारे कर रोकें और सबसे पहले सुरक्षित बाहर निकलकर तत्काल फायर ब्रिगेड को सूचना दें।

हाल में हुए हादसे

  • 21 दिसंबर को 1090 चौराहे पर चलती लक्जरी कार में लगी आग।
  • 17 दिसंबर को बंथरा क्षेत्र में तीन स्कैनिया बसों आग लगी।
  • 08 दिसंबर को गोमतीनगर लोहिया पुल पर फार्च्युनर कार में आग लगी।
  • 28 नवंबर को पॉलीटेक्निक चौराहे पर बाइक में एकाएक आग लग गई।
  • 23 नवंबर को ठाकुरगंज के बालागंज में सड़क पर खड़ी कार में एकाएक आग लग गई।
  • 22 नवंबर को ठाकुरगंज क्षेत्र में हरदोई रोड पर सफारी कार में आग लगी।
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