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मिट्टी की मूर्तियों को ही मिलेगी विसर्जन की अनुमति, दुर्गापूजा-दशहरा पर व‍िशेष तैयारी lucknow news

दुर्गा पूजा और दशहरे को लेकर डीएम ने जारी किया आदेश। नंदियों में बढ़े रहे जल प्रदूषण को रोकने का प्रयास।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 08:59 AM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 08:59 AM (IST)
मिट्टी की मूर्तियों को ही मिलेगी विसर्जन की अनुमति, दुर्गापूजा-दशहरा पर व‍िशेष तैयारी lucknow news

लखनऊ, जेएनएन। नदियों में लगातार बढ़े रहे जल प्रदूषण को रोकने के लिए इस बार प्रशासन ने त्योहारों के मद्देनजर कुछ सख्त कदम उठाए हैं। प्रशासन ने इस बार केवल मिट्टी से बनाई गई मूर्तियों को ही विसर्जन की अनुमति देने के निर्देश दिए हैं। 

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दुर्गापूजा, दशहरा और शहर के विभिन्न इलाकों में होने वाली रामलीला के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था और दूसरी तैयारियों को लेकर डीएम ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने दुर्गापूजा समितियों के आयोजकों से कहा है कि मूर्ति विसर्जन हेतु बनाये जाने वाले गढ्ढों का स्थान चिन्हित करें। जिला प्रशासन द्वारा नामित अधिकारियों के साथ पूजा समिति द्वारा नामित सदस्यों की टीम द्वारा निरीक्षण कर सूची दे दें। जिससे गढ्ढे खुदवाने का कार्य नगर निगम द्वारा किया जा सके। उसकी सूची व सुझाव गुरुवार तक अपर जिलाधिकारी टीजी व नोडल अधिकारी को प्रस्तुत कर दें।

डीएम ने कहा कि विसर्जन में न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का पालन किया किया जाएगा। मूर्तियों का विसर्जन एक ही दिन किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि जो मूर्तियां विसर्जित की जानी है वह केवल मिट्टी द्वारा ही निर्मित होनी चाहिए इसमें किसी प्रकार से पीओपी का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा।

ऑन लाइन मिलेगी अनुमति, सिंगल विंडो करेगी काम 

दुर्गापूजा विर्सजन के स्थानों केसंबंध में अनुमति हेतु सिंगल विंडों सिस्टम बनाया गया है। जिसके माध्यम से ऑनलाइन व ऑफलाइन आवेदन करने पर अनुमति प्रदान की जायेगी। जिन कमेटियों द्वारा तीन वर्ष से अधिक की अवधि से अनुमति ली जा रही है उन्हें पुलिस वैरीफिकेशन कराना आवश्यक नहीं है। 

प्रसाद की गुणवत्ता की होगी जांच 

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि राम लीला स्थलों पर पुलिस बल एवं एम्बुलेंस की व्यवस्था अवश्य की जाए। रामलीला स्थल एवं पंडालों में जो प्रसाद के रुप में भोजन व फल आदि का वितरण किया जाता है उस प्रसाद की गुणवत्ता की जांच अवश्य कराई जाए। आयोजक समितियों से कहा है कि पंडाल वहीं बनाया जाए जहां वाहन की पार्किंग की व्यवस्था हो। 


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