अब हल्के भार वाहन चलाने के लिए कामर्शियल लाइसेंस की जरूरत नहीं
जागरण संवाददाता, लखनऊ: परिवहन विभाग ने प्रदेश में मोटर कैब, टैक्सी और ई-रिक्शा जैसे यात्र
जागरण संवाददाता, लखनऊ: परिवहन विभाग ने प्रदेश में मोटर कैब, टैक्सी और ई-रिक्शा जैसे यात्री वाहन चलाने के लिए अलग से कमर्शियल लाइसेंस लेने की व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया है। यही नहीं एलएमवी के डीएल से ही वे इस श्रेणी में आने वाले व्यवसायिक वाहन भी चला सकेंगे। इस आशय के आदेश परिवहन आयुक्त पी. गुरुप्रसाद ने जारी कर दिए हैं।
इससे भारी संख्या में टैक्सी, ऑटो रिक्शा समेत नौ सीट तक विभिन्न तरह के यात्री वाहन चलाने वालों को एक बड़ी राहत मिलेगी। अब उन्हें कामर्शियल लाइसेंस नहीं लेना पड़ेगा। यही नहीं, एलएमवी श्रेणी के वाहन (गुड्स वेहिकल) चलाने वालों को भी राहत दी गई है। वे व्यवसायिक वाहन जिनकी माल ढोने की क्षमता 7500 किग्रा. (मसलन छोटा हाथी, पिकअप सरीखी माल ढोने वाली गाड़ियां) से कम होगी, उन्हें भी व्यवसायिक लाइसेंस से मुक्त किया गया है। वे निजी एलएमवी लाइसेंस से तय दिशा-निर्देशों के तहत माल वाहक वाहन चला सकेंगे।
जारी किए गए आदेशों में चार श्रेणी तय की गई हैं। इनमें बिना गियर वाली मोटर साइकिल, गियर वाली मोटर साइकिल, हल्के मोटरयान(भार अथवा यात्री) के अलावा ई-रिक्शा, ई-कार्ट आदि यात्री वाहनों को शामिल किया गया है। उच्च न्यायालय के निर्देश पर लाइट मोटर वेहिकल की श्रेणी में आने वाले वाहनों के लिए कामर्शियल लाइसेंस की बाध्यता को समाप्त किया गया है।
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आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रदेश में साढे़ सात टन तक की क्षमता वाले भार वाले वाहन चलाने वालों को कमर्शियल लाइसेंस नहीं लेना पडे़गा। साथ ही एलएमवी श्रेणी के यात्री वाहनों को भी इसकी जरूरत नहीं पडे़गी।
पी. गुरुप्रसाद, परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश