मेडल पाने के लिए हुआ विवाद, अनफिट से फिट हुए Steno
लखनऊ के भ्रष्टाचार निवारण संगठन के स्टेनो पर मेडल पाने के लिए लगे गंभीर आरोप सात महीने से चल रही जांच।
लखनऊ [शोभित मिश्र]। भ्रष्टाचार निवारण संगठन उत्तर प्रदेश कार्यालय में लंबे समय से तैनात स्टेनो महेंद्र कुमार वर्मा पर स्थानांतरण निरस्त कराने के लिए खुद को अस्वस्थ और राष्ट्रपति पदक पाने लिए स्वस्थ बताने के गंभीर आरोप हैं। उन्होंने संगठन के मुखिया पुलिस महानिदेशक तक को गुमराह किया। दो अलग-अलग मेडिकल प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए।
एक में खुद को किडनी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित बताकर प्रतिष्ठित निजी अस्पताल में इलाज चलने की जानकारी दी। दूसरे में बकायदा बलरामपुर अस्पताल का मेडिकल प्रमाणपत्र लगाकर पूर्ण रूप से स्वस्थ होने का दावा किया। मामला संज्ञान में आने पर पूरे मामले की सात महीने से अधिक समय से जांच चल रही है।
विभाग के ही निरीक्षक ने की थी शिकायत : संगठन के ही निरीक्षक सुंदर सिंह सोलंकी ने शिकायत में कहा कि स्टेनो महेंद्र कुमार वर्मा, गोपनीय सहायक के रूप में पुलिस महानिदेशक भ्रष्टाचार निवारण संगठन कार्यालय में लंबे समय से तैनात हैं। पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद से 15 अगस्त 2018 के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक व अन्य पदकों के लिए सूचना मांगी गई थी।
महेंद्र कुमार वर्मा ने अपने तबादले पर प्रधान लिपिक सुरेश चंद्र मिश्र से साठगांठ की। डीओ में यह बताया कि महेंद्र कुमार वर्मा किडनी रोग से पीड़ित हैं और उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिसके चलते वह स्थानांतरण पर कहीं और नहीं जाना चाहते। बताया गया कि सेवानिवृत्ति में भी 27 महीने शेष हैं। वहीं राष्ट्रपति पदक के लिए आवेदन करके बलरामपुर अस्पताल के मेडिकल प्रमाणपत्र में खुद को स्वस्थ बताया।
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