केजीएमयू में एक दवा के अलग-अलग दाम, आइसीयू की एंटीबायोटिक में हो रही वसूली
छह दवाओं की बिक्री रोकी, हाई पावर कमेटी गठित।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। केजीएमयू में फार्मेसी सिस्टम चार तरह का है। इनके काउंटरों पर एक ही दवा की दरें अलग-अलग हैं। यही नहीं कई दवाएं बाजार से भी महंगी बिक रही हैं। चर्चा है कि कंपनी से महंगी दरों पर दवाएं खरीदकर बेची जा रही हैं। केजीएमयू में हर रोज आठ से दस हजार मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं। वहीं, चार हजार बेडों की क्षमता वाले संस्थान में 3500 के करीब मरीज भर्ती रहते हैं। ऐसे में हर रोज दवाओं का लाखों रुपये का कारोबार है। इसके लिए एक निजी कंपनी का मेडिकल स्टोर खुलवाया गया है। वहीं एचआरएफ, सोसाइटी व अमृत फार्मेसी भोली गई हैं। इन सभी फार्मेसी के विभिन्न विभागों में 21 से अधिक काउंटर खुले हैं। स्थिति यह है कि इन काउंटरों पर एक ही दवा के अलग-अलग रेट हैं। वहीं कई दवाएं बाजार से भी महंगी हैं। स्थिति यह है कि ग्लूकोमीटर सोसाइटी में 1325 रुपये का बिक रहा है, वहीं उसी कंपनी का ग्लूकोमीटर बाहर मेडिकल स्टोर पर 650 रुपये तक में उपलब्ध है। ऐसे ही एक कंपनी की एंटीबायोटिक दवा सोसाइटी के काउंटर पर 193 रुपये की है, यही दवा बाहर 114 रुपये की बिक रही है। वहीं बच्चों के बुखार में चढ़ाई जाने वाली दवा सोसाइटी के स्टोर में 247 रुपये की है और बाजार में 65 रुपये की है। ऐसे ही बुखार की पैरासिटामॉल की 10 गोली का पत्ता अंदर ाुले मेडिकल स्टोर पर 10 रुपये में बिक रहा है। यही एचआरएफ के स्टोर पर पैरासिटामॉल चार रुपये में बिक रही है। इसके अलावा अमृत फार्मेसी में यह गोली आठ रुपये में बिक रही है। आइसीयू की एंटीबायोटिक दवाओं में वसूली:
केजीएमयू में सस्ती दवाओं के नाम पर मरीजों को संगठित तरीके से लूटा जा रहा है। सबसे अधिक ट्रॉमा सेंटर में आइसीयू के मरीजों की एंटीबायोटिक दवाओं में वसूली की जा रही है। यहां चौथे तल पर खुले एचआरएफ के काउंटर व भूतल पर सोसाइटी के काउंटरों पर एंटीबायोटिक की दवाओं में 100 से 150 का अंतर है। वहीं बाजार में यह दवाएं 300 रुपये तक सस्ती हैं। यहां वेंटीलेटर की किट 1350 की है जबकि बाहर 900 रुपये की मिल रही है। ऐसे ही डाइपर 365 का बेचा जा रहा है और बाजार में 300 रुपये का उपलब्ध है। ऐसे में बाजार से महंगी दर पर बिक रही छह दवा की बिक्री पर रोक लगा दी गई है।
क्या कहते हैं केजीएमयू मीडिया सेल के इंचार्ज ?
केजीएमयू मीडिया सेल के इंचार्ज डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि मरीजों को सस्ती व समान दर पर दवाएं मुहैया कराने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए हाईपावर कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी दवा खरीद प्रक्रिया व विक्रय संबंधी समस्याओं का निदान करेगी।