Coronavirus: कोरोना संक्रमित मरीज की पहचान आसान करेगा डायग्नोस्टिक टूल
एकेटीयू और केजीएमयू के साझा प्रयास से तैयार किया गया डायग्नोस्टिक टूल। सीएम ने किया डायग्नोस्टिक टूल का लोकार्पण।
लखनऊ, जेएनएन। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि (एकेटीयू)एवं किंग जार्ज चिकित्सा विवि (केजीएमयू) के संयुक्त अनुसंधान में तैयार किये गए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया। टूल के इस्तेमाल से कोविड-19 रोगियों की पहचान की जा सकती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टूल में कोविड-19 रोगियों की पहचान के लिए एक्स-रे इमेज का प्रयोग किया गया है।
इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस टूल को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल इमेज प्रदान करने में सहयोग किया जाएगा।
प्रो एमएलबी भट्ट ने बताया कि एकेटीयू द्वारा इस टूल को विकसित करने के कार्य को मुहिम के रूप में किया गया है। मात्र एक्स-रे इमेज के विश्लेषण पर आधारित “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल” 99.98 प्रतिशत शुद्धता के साथ कार्य करने में सक्षम पाया गया है। यह अनुसन्धान न केवल प्रदेश, बल्कि देश-विदेश में अग्रणी अनुसन्धान एक रूप में माना जा रहा है। कोरोना मरीजो की सटीक जांच के लिए इस टूल को एक्स-रे मशीन के साथ लगा कर उपयोग में लाया जा सकता है।
एकेटीयू के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने कहा कि टूल ग्रामीण क्षेत्रों, टियर-2, टियर-3 शहरों, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टेशन एवं संवेदनशील कार्यालयों/स्थानों पर स्थापित किया जा सकता है। इसे लगाने के लिए बेहद कम जगह की जरूरत होगी। कोरोना से निपटने के लिए यह टूल, प्रदेश सरकार के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
एकेटीयू के प्रो एमके दत्ता एवं शोधार्थी राकेश जोशी ने मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया कि कंप्यूटर विजन की मदद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित इस टूल में मेडिकल इमेज का उपयोग करते हुए कोविड-19 रोगियों की पहचान की जा सकती है। जिसके लिए रोगियों चेस्ट एक्स-रे इमेजेज के लेबल किए गए डेटासेट का उपयोग किया गया। डेटासेट में कोविड-19, निमोनिया, एसएआरएस (SARS), फ़्लू और सामान्य लोगों के चेस्ट एक्स-रे इमेजेज की ज़रूरत थी, ताकि विकसित प्रणाली कोविड-19 को अन्य प्रकार की बीमारी से अलग कर सके। इस माडल के स्वचालित वर्गीकरण के लिए डीप लर्निंग सीएनएन नेटवर्क का भी उपयोग किया गया।
टूल को तैयार करने में केजीएमयू द्वारा कोविड-19 रोगियों और नान कोविड-19 रोगियों का डेटा मुहैया कराया गया, जिसके बाद एकेटीयू के वैज्ञानिकों द्वारा मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से टूल को विकसित किया गया। इस संयुक्त अनुसंधान का मुख्य उद्देश्य एक आसान स्टैंडअलोन प्रणाली विकसित करना रहा, जो रियल टाइम सिचुएशन में मेडिकल इमेजेज की मदद से कोविड-19 रोगियों की पहचान करने में सक्षम है। इस अवसर पर प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह समेत मुख्य सचिव आरके तिवारी, प्रमुख सचिव प्राविधिक राधा एस चौहान, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे मौजूद रहे।