बच्चे को डायरिया होने पर बंद न करें मां का दूध
गर्मी के मौसम में बच्चों को डायरिया से बचाएं डायरिया के लक्षण बचाव और उपचार पर एक रिपोट।
लखनऊ, जेएनएन। गर्मियों के दिनों में बच्चों को अक्सर डायरिया हो जाता है। अगर लापरवाही की गई तो यह गंभीर रूप ले सकती है। पांच वर्ष के कम आयु के बच्चों में होने वाली मौत डायरिया से होती है। डायरिया होने पर ओआरएस और जिंक जरूर देना चाहिए। साथ ही मां का दूध देना बंद नहीं करना चाहिए। यह जानकारी डफरिन अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.सलमान खान ने डायरिया से बचाव विषय पर आयोजित सीएमई में दी।
तीन प्रकार का होता है डायरिया
डॉ.सलमान ने बताया कि डायरिया तीन प्रकार का होता है। एक्यूट, परसिस्टेंस और क्रोनिक डायरिया। एक्यूट डायरिया नार्मल डायरिया होता है। वहीं परसिस्टेंस डायरिया लगातार 14 या उससे ज्यादा दिन तक हो सकता है। इसके अलावा क्रोनिक डायरिया डेढ़ से तीन माह तक होता है, इसमें पाचन में दिक्कत होती है।
तीन आर जरूरी-
- रिहाइडे्रट- शरीर में पानी की कमी को पूरा करें, ज्यादा से ज्यादा ओआरएस लें।
- रिप्लीनिश- बच्चे को जिंक की टेबलेट 14 दिन तक देना चाहिए। इसका असर अगले तीन माह तक रहता है। छह माह से कम आयु के बच्चे को 10 एमजी और छह माह से ऊपर के बच्चे को 20 एमजी जिंक की टेबलेट देनी चाहिए।
- रिफीड- दस्त के दौरान बच्चे का खाना बंद न करें, मां का दूध दें, और हल्का खाना भी दें।
क्या न करें-
पैक्ड ज्यूस, ग्लूकोन डी न दें। ग्लूकोस पानी को अवशोषित कर लेता है। जिससे और ज्यादा डीहाइड्रेशन होता है।
कब दें एंटीबायोटिक
डायरिया होने पर एंटीबायोटिक तब दें, जब बच्चा दो माह से छोटा हो, कुपोषित हो, कॉलरा हुआ हो या लेटरीन में खून आए।
ऐसे बनाएं ओआरएस
ओआरएस के घोल को एक लीटर के पानी घोल लें और इसे 24 घंटे के अंदर इस्तेमाल कर लें। वहीं घर में ओआरएस बनाने के लिए एक लीटर पानी में चार चम्मच चीनी और एक चुटकी नमक मिलाएं।