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पीएम-सीएम के क्षेत्र में धर्मस्थल और पर्यटन विकास को बढ़ावा

धर्मस्थल और पर्यटन विकास सरकार का एजेंडा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र विकास प्रस्तावों को मंजूरी मिल गई है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 08:40 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 08:43 PM (IST)
पीएम-सीएम के क्षेत्र में धर्मस्थल और पर्यटन विकास को बढ़ावा

लखनऊ (जेएनएन)। धर्मस्थल और पर्यटन विकास भाजपा सरकार का एजेंडा है। सरकार ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र समेत कई प्रमुख पर्यटन और धर्मस्थलों के विकास के लिए आये प्रस्तावों को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। 62 करोड़ की परियोजना है। इसके तहत गोरखनाथ मंदिर के लिए 2.41 करोड़ की राशि दी गई है जबकि नैमिषारण्य बीपी मार्ग के चौड़ीकरण के मानक शिथिल कर दिए गए हैं।

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राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि प्रासाद स्कीम के अंतर्गत वाराणसी में घाटों की फसाड लाइटिंग का कार्य केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्लूडी) से और स्वदेश दर्शन स्कीम के तहत गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में साउंड एंड लाइट शो योजना का कार्य टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड से कराये जाने का फैसला किया गया है। केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा पहले भी सीपीडब्लूडी से कुछ घाटों पर पहले भी लाइटिंग का कार्य कराया गया है। पहले यह कार्य राजकीय निर्माण निगम को दिया गया था। सिद्धार्थनाथ ने बताया कि यह 62 करोड़ की परियोजना है। 

गोरखनाथ मंदिर के लिए 2.41 करोड़ और दिये

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के स्वदेश दर्शन के स्प्रिचुअल सर्किट स्कीम के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों में गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में ध्वनि एवं प्रकाश शो कार्यक्रम की चार करोड़ 20 लाख रुपये की परियोजना भारत सरकार के उपक्रम टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड से कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों दौरे में इस परियोजना में कुछ कमी पाई थी। उनके निर्देश पर करीब दो करोड़ 41 लाख का कार्य राज्य सरकार के मद से कराये जाने के लिए टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड को ही कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। 

गोरखपुर में चिडिय़ाघर के निर्माण को मंजूरी 

मुख्यमंत्री ने अपने गृह क्षेत्र को बड़ा तोहफा दिया है। वर्ष 2008-09 में प्रस्तावित शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिडिय़ाघर) का अब निर्माण शुरू होगा। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है। चिडिय़ाघर की स्थापना का उद्देश्य वन्य जीवों का संरक्षण एवं संवद्र्धन किया जाना है। प्रदेश में लखनऊ और कानपुर में चिडिय़ाघर हैं। गोरखपुर में प्रस्तावित चिडिय़ा घर का लंबित रह गया। इसकी स्थापना होने से पर्यटक स्थल के रूप में इस क्षेत्र का विकास होगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी गोरखपुर की पहचान बनेगी। ध्यान रहे कि केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण की तकनीकी समिति से 18 जुलाई, 2018 को पुनरीक्षित मास्टर प्लान के अनुमोदन के क्रम में संशोधित प्रस्ताव दिया गया है। इस परियोजना पर कुल 18182.95 लाख साथ में जीएसटी लागत अनुमोदित की गई है। यह निर्माणाधीन चिडिय़ाघर 121.34 एकड़ क्षेत्रफल में प्रस्तावित है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

नैमिषारण्य बीपी मार्ग के चौड़ीकरण के मानक शिथिल

सीतापुर में सिधौली-मिश्रिख-पिसावां-नेरी मार्ग के सिधौली से कल्ली होते हुए नैमिषारण्य बीपी मार्ग के 134 किलोमीटर तक का दो लेन से पेव्ड शोल्डर तक चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य के लिए पैसेंजर कार यूनिट के मानकों में शिथिल करने के संबंध में प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार के प्रवक्ता व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मार्ग दो लेन विद पेव शोल्डर हो जाने से सुरक्षित एवं दुर्घटना मुक्त कॉरीडोर उपलब्ध हो जाएगा और क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा। यह सड़क 42.60 किलोमीटर लंबी होगी और इस पर 72 करोड़ 44 लाख 48 हजार के साथ नियमानुसार जीएसटी भी देय होगा। पीसीयू के मानकों में शिथिल किया गया है।


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