Har Ghar Tiranga: डिप्टी सीएम केशव मौर्य बोले- 30 करोड़ रुपये के तिरंगे बेचने पर महिलाओं को मिलेंगे तीन करोड़
हर घर तिरंगा अभियान के तहत स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं झंडे बना रही हैं। उपमुख्यमंत्री ने लखनऊ के लौलाई गांव में झंडा बनाने का कार्य भी देखा। इस दौरान उन्होंने कहाकि 30 करोड़ रुपये के झंडे बेचने पर महिलाओं को तीन करोड़ की आमदनी होगी।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Har Ghar Tiranga उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Maurya) ने कहा है कि स्वयं सहायता समूहों की ओर से प्रदेश में अनुमानित 30 करोड़ की धनराशि के तिरंगा झंडे बनाए जा रहे हैं इससे महिलाओं को करीब तीन करोड़ रुपये का लाभ मिल सकता है। समूहों की महिलाओं को तिरंगा झंडे (Tricolor) का महत्व समझाया और 100 तिरंगा झंडे भी खरीदे।
- उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत हर जिले में तिरंगा झंडा बन रहे हैं।
- उपमुख्यमंत्री मौर्य ने लखनऊ जिले के चिनहट ब्लाक के ग्राम लौलाई में स्वयं सहायता समूहों की ओर से तिरंगा झंडा (Tricolor) बनाने के कार्य निरीक्षण करते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं का राष्ट्रीय ध्वज बनाने का कार्य सराहनीय है।
- इंडियन प्रेरणा महिला ग्राम संगठन के सदस्यों से पूछा कि क्यों मनाया जा रहा है हर घर तिरंगा कार्यक्रम, कई महिलाएं एक साथ बोली तिरंगा (Tricolor) हमारी आन-बान-शान का प्रतीक है, राष्ट्रीय ध्वज है, हम इसे हरगिज नहीं झुकने देंगे।
- केंद्र पर हर हाथ को रोजगार समृद्ध भारत का आधार नारा चरितार्थ होते दिखा। उपमुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूह के राष्ट्रीय ध्वज बनाने के लक्ष्य व उसके सापेक्ष अब तक हुए कार्यों की जानकारी लेने के साथ अन्य गतिविधियों का भी जायजा लिया।
मौर्य ने कहा कि समूहों की ओर से निर्मित सामग्री की बिक्री के लिए फ्लिपकार्ट व एचसीएल फाउंडेशन जैसी संस्थाओं से समन्वय कर ब्रांडिग कराई जाए। हर कार्य में गुणवत्ता बनाए रखना जरूरी है। हर घर तिरंगा कार्यक्रम पूरी तरह सफल और सार्थक होगा, पूरी गरिमा और गौरव के साथ इसे मनाया जाएगा, साथ ही स्वयं सहायता समूहों की आमदनी झंडा निर्माण से बढ़ेगी और उनके आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त होगा।
हर घर तिरंगा के लिए जिलों को मिलेंगे पांच-पांच लाख रुपये
- आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के तहत हर घर तिरंगा कार्यक्रम आयोजित करने के लिए शासन ने तीन करोड़ 75 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं।
- संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया। इसमें कहा गया है कि आयोजन के लिए प्रत्येक जिले को पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।
- सुविधायुक्त प्रेक्षागृह के लिए शिक्षण संस्थानों का सहयोग लेना होगा। बैकड्राप, स्टैंडी, होर्डिंग आदि में नागरिक संगठनों और कारपोरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड का सहयोग लेना होगा।
- जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सभी आयोजनों में प्रभारी मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित करना होगा।
13 से 15 अगस्त तक यह अभियान चलाया जाएगा। इससे आमजन को जोड़ना है। इसी तरह 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जाएगा। सभी जिलों में इससे संबंधित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। प्रदेश के स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालयों में 11 से 17 अगस्त तक स्वतंत्रता सप्ताह (Independence Week) मनाया जाएगा।