Health News UP: उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश, बोले- डेंगू मरीजों के लिए अस्पतालों में जल्द बनाएं 15 बेड का वार्ड
योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने में जुटी है। अब डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सभी जिलों के सीएमओ व सीएमएस को निर्देश दिए हैं कि डेंगू मरीजों के लिए अस्पतालों में जल्द 15 बेड का वार्ड का बनाएं।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Health News UP प्रदेश में डेंगू के मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जांच व उपचार के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। डिप्टी सीएम ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) व सभी सरकारी अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों (सीएमएस) को निर्देश दिए कि अस्पतालों में 15 बेड के डेंगू वार्ड तत्काल तैयार किए जाएं।
अस्पतालों में न हो दवाओं की कमी- डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक
- मेडिकल कालेजों, जिला अस्पताल के साथ-साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में भी मरीज भर्ती किए जाएं।
- उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि मरीजों को मच्छरदानी में ही रखा जाए। ताकि दूसरे मरीज डेंगू की चपेट में न आएं।
- जरूरी दवाओं की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। कार्ड जांच में डेंगू का पता चलने के बाद एलाइजा टेस्ट जरूर कराया जाए।
- सभी जांचें मुफ्त की जाए। मंडलीय अस्पतालों में एफेरेसिस यूनिट स्थापित की जा रही है।
- उन्होंने इसे जल्द स्थापित किए जाने के निर्देश दिए ताकि सिंगल डोनर से ही मरीज को पर्याप्त प्लेटलेट्स उपलब्ध कराई जा सके।
अस्पतालों में न मिलें खराब उपकरण
पूर्व में डिप्टी सीएम एंव उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने निर्देश देते हुए कहा था कि अगर उपकरण खराब है तो उसे तुरंत ठीक करवाया जाए। सिर्फ शासन को पत्र लिखकर खानापूरी न करें बल्कि मुख्यालय पर सक्षम अधिकारी से फोन पर वार्ता करें और उपकरण को जल्द से जल्द ठीक करवाने का प्रयास करें। अगर किसी अस्पताल में निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि लंबे समय से चिकित्सीय उपकरण खराब है और उसे ठीक करवाने के लिए सक्षम स्तर पर कोई प्रयास नहीं किया गया तो कार्रवाई की जाएगी।
मरीजों का रखें खास ध्यान
डिप्टी सीएम ने कहा था कि मरीजों को संक्रमण से बचाने के लिए उनके बेड की प्रतिदिन चादर जरूर बदली जाए। उप मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) व सभी अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों (सीएमएस) को निर्देश देते हुए कहा था कि हर दिन के हिसाब से अलग-अलग रंग की चादर बिछाया जाना तय किया जाए और इस व्यवस्था को सभी अस्पतालों में सख्ती के साथ लागू किया जाए।