संस्कृत विद्यालयों को मदरसों के बराबर अधिकार दिलाने के लिए प्रदर्शन
संस्कृत विद्यालयों को अनुदानित करने की मांग को लेकर भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर के ज्ञापन सौंपा गया।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के करीब 250 वित्त विहीन संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों में को अनुदानित करने की मांग को लेकर बुधवार को देववाणी संस्कृत उत्थान एसोसिएशन उप्र के बैनर तले भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर के ज्ञापन सौंपा गया। यहां संस्कृत विद्यालयों के संचालकों का कहना है कि उनके विद्यालय अनुदान के लिए जरूरी सभी मानकों को पूरा करते हैं, इसके बावजूद धन नहीं दिया जाता है। इसलिए संस्कृत भाषा को प्रसार और इसको पुन: जीवित करने का सरकार का वादा अधूरा है। मदरसों के बराबर लाभ की मांग की गई। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत विभिन्न कंपनियों द्वारा प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों के पुनरुद्धार की संभावना तलाशने के निर्देश दे रखे हैं।
प्रदर्शनकारियों की मुलाकात राज्यसभा सांसद कांता कर्दम से करवाई गई। जिन्होंने मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। प्रदेश अध्यक्ष डॉ देवेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि चार सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रेषित किया गया है। जिसमें मुख्य रूप से अभी तक अनुदान से वंचित 250 संस्थानों को अनुदानित किया जाना, जहां कुछ कमियां हैं, उनको प्रतिबंधों के साथ अनुदानित करना, संस्कृत विद्यालयों को भी मदरसों के समान पद दिए जाएं। जिसमें प्राचार्य, पांच शिक्षक, एक लिपिक के अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी हों। इसके अलावा उत्थान और सम्मान के लिए अलग से राशि भी दी जाए।