Railway News: दीपावली पर दिल्ली से लखनऊ की सभी ट्रेंने फुल, अब बचा है सिर्फ यह विकल्प
Railway News दीपावली के चलते दिल्ली से लखनऊ आने वाली ट्रेनों में चार महीने पहले की बुकिंग के बावजूद लंबी वेटिंग है। 22 अक्टूबर को नई दिल्ली से लखनऊ के लिए 28 ट्रेनें चलेंगी। ऐसे में अब इसमें सिर्फ तत्काल का ही सहारा बचा है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। इस दीपावली पर लखनऊ आने वाली ट्रेनों में नियमित ट्रेनों की चार महीने पहले की बुकिंग के बावजूद लोगों को लंबी वेटिंग से राहत नहीं मिल सकी है। लखनऊ के लिए 22 अक्टूबर को नई दिल्ली से 28 ट्रेनें चलेंगी। इनमें तेजस एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, एसी एक्सप्रेस और लखनऊ मेल जैसी वीआइपी ट्रेनें भी शामिल हैं। अब करीब सात हजार तत्काल कोटे की एसी व स्लीपर क्लास की सीटों पर लोगों की उम्मीदें टिकी हैं। जबकि 10500 लोग अब भी वेटिंग में है।
मार्च 2020 में कोरोना के कारण होली से पहले ट्रेनें निरस्त हो गईं थी। जबकि 2021 की हाेली के समय भी ट्रेनों में अधिक डिमांड ही नहीं थी। इस बार कोरोना का असर न होने का असर ट्रेनों पर पड़ने लगा है। रेलवे लंबी दूरी की लगभग सभी ट्रेनों को बहाल कर चुका है। इस दीपावली पर सबसे अधिक डिमांड 22 अक्टूबर को है। दीपावली सोमवार की है जबकि 22 अक्टूबर को शनिवार है। शनिवार सुबह से लेकर रात तक 28 ट्रेनें दिल्ली से लखनऊ की ओर आएंगी।
एसी एक्सप्रेस की एसी क्लास में तो स्थिति रिग्रेट हो गई है। लखनऊ मेल में भी यहीं स्थिति है। शताब्दी एक्सप्रेस में वेटिंग 250 तक पहुंच गई है। तेजस की वेटिंग 150 का आंकड़ा छू रही है। अब 22 अक्टूबर की ट्रेनों का तत्काल कोटे का रिजर्वेशन 21 अक्टूबर की सुबह खुलेगा। सुबह 10 बजे एसी और 11 बजे नान एसी क्लास का रिजर्वेशन खुलेगा। सात हजार सीटों के बुक होने के बावजूद तीन हजार वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को कंफर्म बर्थ उपलब्ध कराना रेलवे के लिए बड़ी चुनौती होगी।
तीन ट्रेनों में लगेंगे थर्ड एसी कोच : यात्रियों की मांग को देखते हुए रेल प्रशासन ने काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस समेत तीन ट्रेनों में सामान्य की जगह थर्ड एसी कोच लगाने का निर्णय किया है। यह जानकारी देते हुए पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने बताया कि ट्रेन नंबर 12559/12560 बनारस-नई दिल्ली-बनारस शिवगंगा एक्सप्रेस, 12581/12582 बनारस-नई दिल्ली-बनारस सुपरफास्ट एक्सप्रेस एवं 15127/15128 बनारस-नई दिल्ली-बनारस काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस की कोच संरचना में परिवर्तन किया गया है।