अमेरिका से रक्षा सौदा भारत के लिए नुकसान : केसी त्यागी
जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव सांसद केसी त्यागी ने भारत व अमेरिका के बीच हुए रक्षा समझौते का विरोध किया है।
लखनऊ। जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव सांसद केसी त्यागी ने भारत व अमेरिका के बीच हुए रक्षा समझौते का विरोध किया है। एक मुलाकात में उन्होंने कहा कि समझौते में सामरिक प्रबंधन के अलावा यह भी तय किया गया है कि भारत और अमेरिका के विमान व पोत एक दूसरे के सैन्य अड्डों पर तैनात किए जा सकेंगे। सरकार की यह पहल न सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा की नजर से अव्यावहारिक है बल्कि गुट निरपेक्ष देश की दक्षता को चुनौती देने वाली भी है। इससे पूर्व भारत किसी भी देश के साथ इस तरह के समझौते पर हस्ताक्षर करने से परहेज करता आया है।
केसी त्यागी ने गाजियाबाद में कहा कि अमेरिका द्वारा सैन्य ठिकानों के साझा इस्तेमाल की पहल एशियाई देशों में अपनी सैन्य स्थिति मजबूत करने का ही प्रयास है। इस मुद्दे पर गर्व का अनुभव करने वाली केंद्र सरकार जान ले कि इस समझौते से भारतीय रक्षा व्यवस्था को लाभ के बजाय नुकसान ही होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अमेरिका की विदेश व रक्षा नीति को समझने में नाकाम रही है। एक तरफ अमेरिका भारत के साथ मैत्री संबंध स्थापित करने का नाटक कर रहा है, दूसरी तरफ उसके प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को एफ-१६ जैसे लड़ाकू विमान दे रहा है। अमेरिका अपने दोनों हाथों में लड्डू रखना चाहता है और गाहे-बगाहे केंद्र सरकार उसके झांसे में फंसती जा रही है। केसी त्यागी ने कहा कि सभी विपक्षी दलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के इस मुद्दे पर एकजुट होकर इस फैसले का विरोध करना चाहिए। उन्होंने बताया कि संसद के अगले सत्र में जदयू की तरफ से यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा। उन्होंने अन्य दलों से अपील की कि वो जदयू की आवाज से आवाज मिलाते हुए अमेरिका के साथ किए गए रक्षा समझौते का संसद में विरोध करें।